ए जावेद का कैमरा और हाल-ए-लॉक डाउन, पसीना बहाती वाराणसी पुलिस और मौज करते ये कमअक्ल
ए जावेद
वाराणसी। एक तरफ जहा पुलिस लगातार पसीने बहा रही है कि समाज और जिन्दगिया सुरक्षित रहे, वही कुछ कमअक्ल ऐसे है जो इसको भी मज़ाक बना रखे है। पुलिस उनसे प्यार से लेकर सख्ती तक से मना कर चुकी है कि बिना ज़रूरत घर के बाहर न आये, मगर उन्होंने भी कसम खा रखा है कि लॉक डाउन के नियम तोड़ कर ही मानेगे। यही नही बल्कि गले में अजीबो गरीब कार्ड तक लटका कर टहलते लोग बिना मानक का या तो मास्क लगा गए है अथवा वो भी नही लगा रहे है। अगर पुलिस सख्त होती है तो कहते दिखाई देते है कि अब ये ज़ुल्म हो रहा है।
क्यों भाई क्या तुम्हारी आँखों में कोविड-19 का स्कैनर लगा हुआ है कि तुम देख लोगे कि किसको कोरोना है और किसको नहीं। आखिर क्या तुम्हारी नाक में खुद का अपना इनबिल्ट मास्क है जिसको पार कर कोरोना का वायरस अन्दर नही जायेगा। हद तो तब है जब मुह नाक खुला लेकर टहलते लोगो को पुलिस अगर टोकती है तो कुछ न मिलने पर खुद की शर्ट में ही अपना मुह छुपाते दिखाई दे जाते है। कमाल कर डाला है। कोई काम नही है बस गाडियों को लेकर सड़क पर फर्राटा भरो। एक दुसरे के सामने फर्जी अपनी शेखी बघारो कि देखो मैं कितना बड़ा शूरवीर हुई कि अमुक जगह घूम कर आ गया हु,
कुछ को देख कर तो ऐसा लगता है कि इनसे कोरोना पूछ कर आयेगा शायद इनके सामने खड़ा होकर कोरोना कहेगा कि हे मित्र मैं कोरोना हु अगर आप अनुमति दे तो आपसे लिपट जाऊ। वाकई इन शब्दों से आपको हंसी आ रही होगी मगर ये हकीकत है। आज हमारे कैमरे ने खुद अपनी निगाहों से देखा है। हाथो में न मालूम किस जन्म का दवा का परचा लेकर टहलते लोग। आधा किलो जलेबी लेकर पुरे शहर में टहल जाते है कि साहब जलेबी खायेगे। उनको पता है कि पुरे शहर में जलेबी इस समय कोई न खाने वाला है और आखिर में खूब घूम टहल कर वापस आ जाते है और खुद की जलेबी खुद ही खाकर पेट भर लेते है।
आज हमने चौक और चेतगंज थाने के ठीक बोर्डर पर यानी बनियाबाग़ चौराहे पर खड़े होकर हालत-ए-लॉक डाउन का जायजा लिया। एक तरह चेतगंज थाना क्षेत्र के पानदरीबा चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह थे तो सड़क के दुसरे तरफ चौक थाना क्षेत्र के पियरी पुलिस चौकी प्रभारी आशेष पटेल थे। हाथो में मास्क और सेनेटाइज़र लेकर दोनों अपनी पूरी टीम के साथ लोगो को रोक कर उनके बाहर निकलने की वजह जानते। उचित होने पर जाने दिया जाता। इनमे काफी लोग ऐसे थे जो बिना मास्क के निकल पड़े थे। उनको दोनों एक द्वारा मास्क दिया गया। लोगो को सेनेटाइज़र दिया गया।
मगर इसमें भी कुछ लोग लॉक डाउन का मज़ाक ही उड़ाते दिखाई दे रहे थे। स्पेशल तरीके से छुप छुपा कर निकलना और पुलिस को देख कर दौड़ लगा कर भाग जाना। ये वो लोग है जिनके समझ में नहीं आता है कि आखिर ये सब कुछ शासन और प्रशासन उनकी खुद की सुरक्षा के खातिर कर रहा है। स्थिति वाराणसी पुलिस की क्या उत्तर प्रदेश पुलिस की ऐसी हो चुकी है कि वो खुद संक्रमित हो रहे है। उदहारण के लिए कानपुर और वाराणसी का उदहारण है। कानपुर में तो दो थाना पूरा का पूरा संक्रमण की चपेट में आने से आम जनता के लिए बंद है। कई पुलिस कर्मी संक्रमित है उनका इलाज चल रहा है। वही वाराणसी में भी एक दरोगा सहित कुल 8 पुलिस कर्मी संक्रमित है।