कोरोना का कहर – उत्तर प्रदेश में पाँव पसारता कोरोना संक्रमण, संक्रमितो की संख्या बढ़कर पहुची 2053

आफताब फारुकी

लखनऊ: कोरोना का कहर धीरे धीरे उत्तर प्रदेश में भी पैर फैला रहा दिखाई दे रहा है. उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 66 नये मामले सामने आए है, जिसके बाद राज्य में कोविड-19 से संक्रमण का मामला बढ़कर 2053 पर पहुंच गया. वहीं तीन व्यक्तियों की मौत के साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 34 पहुंच गया है. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव डा. विकासेंदु अग्रवाल द्वारा आज मंगलवार की शाम को यह जानकारी प्रदान किया गया.

उनके द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मंगलवार को 66 नए कोरोना संक्रमित मामले प्रकाश में आए इस तरह प्रदेश के 60 जिलों में संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 2053 हो गई है. दो रोगियों की मौत आगरा में जबकि एक व्यक्ति की मौत कानपुर में हुई है. उन्होंने बताया सबसे ज्यादा संक्रमित मामले आगरा से 17, वाराणसी से 12, कानपुर नगर से आठ, मुरादाबाद तथा लखनऊ से पांच पांच हैं। डा. अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को 64 रोगी ठीक हो गए और प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले लोगो का आंकड़ा 462 पहुंच गया है.

इससे पहले प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बातचीत में कहा कि कहा कि संक्रमण का सबसे बडा स्रोत ‘मेडिकल इन्फेक्शन’ निकलकर आ रहा है. अस्पतालों में डाक्टर और नर्स संक्रमित हो रहे हैं और उनसे अन्य लोगों में संक्रमण जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके प्रति अत्यंत सजग हैं और इसे लेकर चिन्ता भी व्यक्त की है. कई जनपदों से हेल्थकेयर स्टाफ के संक्रमित होने के प्रकरण सामने आए हैं.

उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में समितियों का गठन कर लिया गया है, जिनमें डाक्टर, आईएमए, डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के प्रतिनिधि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और क्वालिटी कंसल्टेंट शामिल हैं. प्रसाद ने बताया कि सभी समितियों से कहा गया है कि मंडलीय मुख्यालयों के जनपद कम से कम दस अस्पतालों और अन्य जिलों के कम से कम पांच अस्पतालों की सूची बनाकर उनके एक एक नोडल अधिकारी को कल प्रशिक्षण देंगे कि मेडिकल इन्फेक्शन के प्रोटोकाल का पालन कैसे करना है. उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी अपने अपने अस्पताल के अन्य डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे. ये प्रशिक्षण बुधवार को हो जाएगा ताकि 30 अप्रैल से ये अस्पताल प्रोटोकाल का पालन करते हुए आकस्मिक एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं दें जिससे हेल्थकेयर स्टाफ भी संक्रमण से बचे रहे और लोगों को सुविधाएं मिलती रहें. प्रसाद ने बताया कि अन्य चिकित्सालय, जो प्रशिक्षण पाना चाहेंगे, उन्हें भी पांच मई तक प्रशिक्षित कर दिया जाएगा.

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