कोरोना के खौफ के साये में मस्ती और अलहडता का शहर बनारस, जामिया अस्पताल हो रहा सेनेटराईज, महज़ 46 घंटो में मिले 23 कोरोना पॉजिटिव
तारिक आज़मी
वाराणसी। कोरोना का कहर मस्ती के शहर बनारस के लिए खौफ का सन्देश लेकर आया है। इस कोरोना के कहर ने मस्ती के शहर काशी के चेहरों की मुस्कराहट को एक संजीदगी की खामोशियो में तब्दील कर डाला है। न धर्म न जात के बिना पर चलने वाली काशी गंगा जमुनी तहजीब का मरकज़ है। यहाँ की तानी बाने के रिश्ते जग में ज़ाहिर है। मगर इस रिश्तो में भी ख़ामोशी है क्योकि सभी घरो में खौफ के साए में कैद है। हमेशा गुलज़ार रहने वाला चौक आज खामोश है। नई सड़क पर आइये ले जाइए की आवाजों के जगह भूखे सड़क के कुत्तो की सिर्फ आवाज़ आ रही है। लोग घरो में टीवी के सामने तो है मगर उनका मन उस टीवी में भी नही लग रहा है।
जी हां, गुजिस्ता महज़ 46 घंटो में ही शहर में 23 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ मिले है। ये अगर आकड़ो के हिसाब से देखे तो हर दो घंटे में एक मरीज़ कोरोना संक्रमित है। इस रफ़्तार से अचानक बड़े कोरोना संक्रमितो के मरीजों की वजह से मस्ती और अल्हड़ता का शहर बनारस एक खौफ से खामोश घरो में दुबका हुआ है। अब पुलिस को भी लोगो को घरो में भेजने की मेहनत नही करना पड़ रहा है। क्योकि लोग खुद ब खुद घरो में है। परेशान नए खबरों के खातिर सोशल मीडिया पर नज़र गडाये लोग नई खबरों का इंतज़ार कर रहे है।
घरो में बनी मन्दिर हो या फिर घरो में मुसल्लो पर जारी इबादत, हर दुआ अथवा प्रार्थना का लफ्ज़ सिर्फ इस कोरोना महामारी से बचाव के लिए है। लोग अपनों की खैर खरियत के लिए वीडियो काल का इस्तेमाल कर रहे है। कुछ नही तो नार्मल काल पर ही घंटो बाते कर रहे है। खौफ तो हम जैसे खबरनवीसो को भी है। एक तो निकलने में सोचना पड़ता है और अगर मज़बूरी में निकलना पड़ा तो हाथो में ग्लब्स, चेहरे पर मास्क, सर पर हेलमेट, दोपहर है तो आँखों पर गागल्स लगाने के बावजूद भी हर आधे घंटे पर सेनेटाइज़र का प्रयोग करना आदत होती जा रही है।
नई खबरों के मुताबिक 12 हॉटस्पाट एरिया में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान 28 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण मिलने पर उनके नमूने लेकर जांच के लिए भेजा गया है। सिगरा थाना और नगर निगम चौकी से जुड़े कोराना पॉजिटिव की तायदात 11 पहुंच गई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में सिगरा थाने पर तैनात एक दारोगा, एक सिपाही और नगर निगम चौकी पर तैनात एक सिपाही कोरोना संक्रमित निकला है। थाना-चौकी से जुड़े आठ पुलिसकर्मी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। पुलिसकर्मियों के संपर्क में आकर नगर निगम पोस्ट आफिस में कार्यरत चंदुआ छित्तूपुर निवासी भी संक्रमण की चपेट में आ गया है।
जामिया अस्पताल में और इलाके के आसपास मचा हडकम्प
जैतपुरा के रहने वाले बुनकर कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज इलाके के एकलौते अस्पताल जामिया में चल रहा था। पचास साल के बुनकर की तबियत में कोई सुधर न होता देख जामिया के चिकित्सको ने उनको बीएचयु भेजने की सलाह दे डाली। उनको लेकर परिजन बीएचयु गए। जहा जाँच में वह कोरोना संक्रमित मिले।
इस खबर के आते के साथ ही अस्पताल सील कर दिया गया। इसका असर आस पास के एक दो और नर्सिंग होम अथवा घरेलू चिकित्सको को पड़ा और सभी ने अपने यहाँ भर्ती मरीजों को रिफर करना अथवा छुट्टी देना शुरू कर दिया। इसके बाद आस पास इलाके में भी खौफ का मंज़र देखने को मिल रहा है। लोग एक दुसरे से उनका हाल फ़ोन के ज़रिये ले रहे है।