गंगा और घाघरा अपने उफान पर, बाढ़ विभाग हुआ सक्रिय

अन्जनी राय
बलिया। जीवनदायिनी कही जाने वाली नदियां कभी-कभी लोगों के लिए चिंता का विषय बन जाती है। गंगा व घाघरा की स्थिति इन दिनों ऐसी ही है। दोनों नदियां इन दिनों अपने अपने किनारे रहने वालों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। घाघरा से जहां कृषि योग्य भूमि को निगलती जा रही है वहीं गंगा अपने तटवर्तियों के आशियाने को अपने आगोश में लेने के लिए तैयार हो रही है। शनिवार को गंगा को स्थिर देख लोगों ने राहत की सांस ली वहीं घाघरा में प्रति घंटा आधा सेमी का बढ़ाव देख किसानों के माथे पर एक बार फिर चिंता की लकीरें मोटी हो गई। नदियों के तेवर को भांपते हुए बाढ़ विभाग भी हरकत में आ गया है और कई स्थानों पर कटानरोधी कार्य प्रारंभ कर दिया है। घाघरा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी देख दीयारे के किसानों में बेचैनी बढ़ने लगी है। नदी में वेग के साथ ही कटान भी तेज हो गई। घाघरा ने बिल्थरारोड लगायत सिकंदरपुर तक कई स्थानों पर कृषि योग्य भूमि को निशाना बनाया। गंगा में कई दिनों से बड़ रहे जल का वेग थम गया। रफ्तार बढ़ने से तटवर्ती इलाके के लोगों की बेचैनी बढ गई थी। कटान के मुहाने के कई गांवों के लोगों को अपने आशियाने की चिंता सताने लगी हैं। तटवर्ती लोगों की यह चिंता थी कि यदि पानी थोड़ा और बढ़ा तो कटान प्रारंभ हो जाएगा।

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