पटना प्रशासन की लापरवाही कोरोना संक्रमित नहीं फिर भी कर दिया सील
गोपाल जी
पटना. शहर के एक अपार्टमेंट पर प्रशासन ने कोरोना का दाग लगा दिया है। यहां से कोई संक्रमित नहीं मिला है, लेकिन कागजों में अपार्टमेंट को सील कर दिया गया है। जब रिपोर्टर मौके पर पहुंचा तो अपार्टमेंट सील नहीं था, लेकिन लोगों में दहशत थी। अपार्टमेंट में 36 फ्लैट हैं, इसमें चार आईएएस व अन्य कई बड़े प्रशासनिक पदों पर तैनात लोगों के आवास हैं। कई रिटायर अधिकारी भी इसी अपार्टमेंट में रहते हैं। आधा दर्जन फ्लैट ऐसे हैं, जिसमें 65 साल से अधिक उम्र के लोग रहते हैं। पड़ताल करने पर पता चला कि अपार्टमेंट से थोड़ी दूरी पर मिले संक्रमित के पते की ही जगह मानसरोवर का पता दर्ज कर दिया गया है।
ऐसे खुली पोल
22 अप्रैल को वार्ड नंबर तीन के मीठाकुआं रोड, भट्ठापार धनौत में एक संक्रमित पाया गया था। पुष्टि होते ही प्रशासन ने एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। मीठाकुआं रोड को कंटेनमेंट जोन बनाया और आसपास के इलाके बफर जोन में आ गए। जमीन पर संक्रमित के घर जाने वाली सड़क को सील किया गया लेकिन अभिलेख में उस अपार्टमेंट का नाम दे दिया गया जिससे उस मरीज का कोई लेना देना ही नहीं है।
एक गलती की दहशत
मानसरोवर अपार्टमेंट के सचिव प्रदीप कुमार वर्मा का कहना है कि जब अपार्टमेंट को कंटेनमेंट जोन बनाने की सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। हर फ्लैट के लोग परेशान होकर दहशत में आ गए। दोनों गार्ड से पूछा गया वह भी कुछ नहीं बता पाए। ऐसा क्यों किया गया समझ में नहीं आ रहा है। धनौत में मिले संक्रमित व्यक्ति से अपार्टमेंट में रह रहे लोगों का कोई संबंध ही नहीं है इसके बाद भी नाम दे दिया गया। हर कोई रोज अपार्टमेंट को लेकर सवाल कर रहा है। गार्ड सुंदर कुमार और रघुवर साव का भी कहना है कि वह जवाब देते-देते थक गए हैं।
डॉ राज किशोर चौधरी, सिविल सर्जन, पटना ने अपना बयान जारी करते हुवे कहा है कि मानसरोवर अपार्टमेंट में कोई संक्रमित नहीं मिला है। अगर अभिलेख में इसे कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है तो इसकी जांच कराकर सुधार किया जाएगा।