मर कर भी अमर है पत्रकार रिजवाना, उसकी आखरी रपट ने किया कमाल, सेक्स वर्कर्स के मदद को उठे कई हाथ, एम ट्रस्ट एवं आईजीएसएसएस द्वारा राहत सामग्री का हुआ वितरण

ज़मीर अशरफ

वाराणसी: एक शेर है कि तुम स्याहियो से झूठ लिखोगे हमें मालूम है, हो हमारे खून से सही, सच ज़रूर लिखा जायेगा। पत्रकार रिजवाना अब इस दुनिया में तो नही है मगर उसकी रूह को आज तसल्ली मिली होगी कि उसकी आखरी रपट ने वो कमाल किया जो लोग स्याहियो से नही कर सके है। खुद के खून से सराबोर उसकी आखरी रपट ही सेक्स वर्कर्स की बदहाल ज़िन्दगी पर केन्द्रित थी। उसकी मौत के बाद शायद उसका कफ़न भी अभी मैला नही हुआ होगा और उसकी इस आखरी रपट ने कमाल कर डाला। शहर में कई संस्थाओ ने इस खबर का संज्ञान लिया और सेक्स वर्कर्स के मदद हेतु हाथ आगे बढे/

कोरोना वायरस महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रेडलाइट इलाके मंडुवाडीह शिवदासपुर में रहने वाली यौनकर्मियों की दिक्कतों को देखते हुए अब कई गैर सरकारी संगठन उनकी मदद के लिये आगे आये हैं। रिजवाना की इस आखरी स्टोरी के बाद सेक्स वर्करो को कई संगठनों ने राशन, दवायें, सेनिटरी नैपकिन और सेनिटाइजर्स उपलब्ध कराये, लेकिन लॉकडाउन में विस्तार के बाद उन्हें नये सिरे से मदद की दरकार है। वहां रहने वाली एक यौनकर्मी ने बताया कि 24 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के बाद हालात काफी खराब हैं। कुछ मदद मिलनी शुरू हुई है लेकिन समस्या अभी भी रसोई गैस और कैरोसीन की है जो किसी के पास नहीं बचा है, और ना ही खरीदने के पैसे हैं। पिछले एक पखवाड़े में कई संस्थाओं और लोगों ने व्यक्तिगत स्तर पर भी मदद की है। जिसमें कुछ दिनों का राशन, साबुन, बच्चों का खाने पीने का सामान, सेनिटाइजर्स शामिल थे।’’

एम ट्रष्ट एवं आई जी एस एस एस  ने यौनकर्मियों को राशन वितरित किया

शनिवार को एम ट्रष्ट के प्रमुख संजय राय ने जरूरी सामान देने के साथ इन महिलाओं को सामाजिक दूरी बनाये रखने और सफाई को लेकर जानकारी दी है। यौनकर्मियो के बदहाल हालात के बारे में रिजवाना के फेसबुक पोस्ट को पढ़ने के बाद वहां इनके हालात की जानकारी हुई और इनको खाने का सामान वगैरह दे रहे हैं, और कोशिश कर रहे हैं कि रसोई गैस या कैरोसीन का भी इंतजाम कर सकें, ताकि इन्हें भोजन के लिये मोहताज न रहना पड़े।

उन्होंने बताया कि 50 यौनकर्मियों को 250 किलोग्राम आटा, 250 किलोग्राम चावल, 50 किलो दाल, शक्कर 50 किलो, नमक 50 किलो, बिस्कुट 250 पीस, खाद्य तेल 25 लीटर, साबुन 100 पीस और अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री ट्रस्ट द्वारा वितरित किया गया। असंगठित कामगार अधिकार मंच के डाक्टर मोहम्मद आरिफ ने कहा कि समाज के उपेक्षित, वंचित और जरूरतमंद लोगों के बीच राशन का वितरण किया जा रहा है। ताकि लॉकडाउन अवधि के दौरान उन्हें आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके।

उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सेवा करने के हमारे मिशन के तहत, हमने यहां के पचास यौनकर्मियों के परिवारों को 50 भोजन किट प्रदान किए।’’ प्रत्येक किट में 5 किलो आटा, 5 किलो चावल, 1 किलो दाल, 1 किलो चीनी, आधा लीटर खाद्य तेल की एक बोतल, एक किलो चीनी, 5 बिस्किट और नहाने एवं कपड़ा धोने का साबुन होता है। हम कोशिश कर रहे हैं कि वहां के कर्मियों को दूसरे काम में जोड़ा जाये ताकि वे कुछ पैसा कमा सके।’’

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सेक्स वर्कर्स समाज के हाशिए पर मौजूद तबका है इनके लिए रोज़ाना के लिए खाने-पीने का इंतज़ाम करना मुश्किल भरा हो गया है। ऐसे में एम ट्रस्ट एवं आई जी एस एस एस का यह प्रयास सराहनीय है। एमट्रस्ट के सहयोग से सुधीर जायसवाल जिला समन्वयक, प्रेमशल कुमार कम्युनिटी मोबिलाइजर के द्वारा उक्त खाद्य सामग्री वितरण किया गया। इस अवसर पर डॉ मोहम्मद आरिफ, राजकुमार गुप्ता, सुधीर जायसवाल, प्रेमशल कुमार, महताब भारती, रुखसाना बानो आदि लोगों ने सहयोग दिया।

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