मस्जिदों से अज़ान, कोविड-19 की गाइडलाइन का उलंघन नही, केवल अनुमति प्राप्त मस्जिदों से हो सकेगी लाऊडस्पीकर पर अज़ान – हाई कोर्ट
तारिक खान
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के तीन जनपदों क्रमशः गाजीपुर, हाथ्राश और फर्रुखाबाद में मस्जिदों से अज़ान पर रोक लगा दिया गया था। उक्त तीनो जिले के डीएम के आदेश के खिलाफ क्रमशः फर्रुखाबाद से सैयद मुहम्मद फैसल, गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने जनहित याह्सिका दायर किया था। याचिकाकर्ताओं ने मस्जिद से रमजान माह में अजान की अनुमति न देने को धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन बताया था और मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की मांग की। मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया और सरकार से पक्ष रखने को कहा।
इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुवे न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने अफजाल अंसारी व फर्रूखाबाद के सैयद मोहम्मद फैजल की याचिकाओं सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज शुक्रवार को इस याचिका पर फैसला देते हुवे अदालत ने जिलाधिकारी के अज़ान पर रोक के आदेश को ख़ारिज करते हुवे कहा कि मस्जिदों में अज़ान से कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होता, अज़ान को धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ मुद्दा है।
अपने आदेश में अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अज़ान मानव आवाज़ में होनी चाहिए। लाऊडस्पीकर पर अज़ान केवल उन्ही मस्जिदों में हो सकती है जहा अनुमति प्राप्त है। बताते चले कि सुनवाई एक दौरान किसी भी पक्ष के द्वारा अदालत को लाऊडस्पीकर पर अज़ान की अनुमति पत्र नहीं दिखाया था।