घाघरा नदी खतरा निशान से तीन मिटर दूर,फिर भी बढ़ गई क्षेत्रीय लोगो की बेचैनी
संजय ठाकुर
दोहरीघाट (मऊ) :घाघरा नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से तीन मीटर दूर है लेकिन तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की अभी से बेचैनी बढ़ गई है। कारण कि कतारोधी कार्य कई स्थानों पर ठप हो गया है। भारत माता के मंदिर पर धीरे-धीरे घाघरा के पानी का दबाव बढ़ रहा है।वैसे मुक्तिधाम पर घाघरा का जलस्तर अभी तलहटी में सिमटा हुआ है। बारिश के चलते जलस्तर में कुछ वृद्धि हुई है लेकिन खतरा से मुक्तिधाम काफी दूर है।
जिलाधिकारी के सख्त तेवर के चलते सिचाई विभाग श्मशान घाट पर निर्माण कार्य जून में प्रारंभ कर दिया। मौके पर सैकड़ों मजदूर लगाए हुए है जिसके चलते अभी जलस्तर कम होने के चलते कार्य सुगमता से हो रहा है लेकिन मुक्तिधाम के दक्षिण भारत माता मंदिर, डोमराज घर, गौरीशंकर घाट, खाकी बाबा कुटी, डीह स्थान पर काम न होने के कारण बाढ़ के समय इन स्थानों पर घाघरा का दबाव बढ़ेगा।
अगर प्रशासन नहीं चेता तो तटवर्ती इलाके नदी में विलीन हो सकते हैं। अधिशासी अभियंता अशोक कुमार वर्मा को जिलाधिकारी ने निर्देश दिया था कि बाढ़ के पहले डेढ़ सौ मीटर मुक्तिधाम पर गुणवत्ता पूर्वक बचाव कार्य बाढ़ से पहले कर लिया जाए। अभी तो घाघरा का जल तलहटी में सिमटा हुआ है। धनौली के समीप 1 किलोमीटर घाघरा में रेत दिख रही है।
इसी प्रकार च्यूटीडाड़ में भी घाघरा का जलस्तर बहुत काफी दूर है। रेत में बच्चे क्रिकेट खेलते हुए नजर आ रहे हैं वहीं ब्रह्मचारी बाबा की कुटी के पास नदी की रेत में पशु चल रहे हैं। जलस्तर अभी खतरा बिंदु से काफी नीचे है। बारिश के चलते जलस्तर में कुछ वृद्धि तो हुई है लेकिन अभी घाटों पर भी रेत दिख रहा है। फिर भी प्रशासन को दोहरीघाट की सुरक्षा के लिए स्थाई प्रबंध करना पड़ेगा, नहीं तो जब भारत माता मंदिर, डोमराज का घर तथा खाकी बाबा कुटी कटी तो भारी तबाही मच जाएगी। धारा का रुख श्मशान घाट से खाकी बाबा की कुटी तक है। पिछले दिनों जिलाधिकारी के स्थलीय निरीक्षण से सिचाई विभाग में अफरा-तफरी मची हुई है। समय से पूर्व काम तो हो रहे हैं लेकिन भारत माता के मंदिर पर दबाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है।