होमियोपैथी का आविष्कार कर डा. हैनिमन ने दिया अमोघ अस्त्र: डा. भक्तवत्सल
यशपाल सिंह
आजमगढ़। केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद के सदस्य डा. भक्त वत्सल ने कहा कि होमियोपैथिक चिकित्सा विधा के जनक डा.सैमुअल हैनीमन का नाम इतिहास में सदैव स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगा। उन्होंने वर्षों के कठिन परिश्रम एवं सतत् अनुसंधान से समानता के सिद्धांत पर आधारित होमियोपैथी रूपी चिकित्सा पद्धति का आविष्कार कर पूरे विश्व को एक अमोद्य अस्त्र प्रदान किया है। इसके द्वारा असाध्य रोगों का इलाज भी सरलतापूर्वककिया जा सकता है। उनके इस कृत्य के लिए संपूर्ण मानव सदैव ऋणी रहेगा।
डा. भक्त वत्सल रविवार को होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन आफ इंडिया एवं जनपदहोमियोपैथिक चिकित्सा परिषद द्वारा खत्री टोला में आयोजित डा. हैनिमन के परिनिर्वाण दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राजकीय होमियोपैथिक कालेज में संविदा पर प्रवक्ता की नियुक्ति का जो निर्णय लिया है उसका हम स्वागत करते है। आशा ही नहीं विश्वास है कि आगामी सत्र में जिन होमियोपैथिक मेडिकल कालेजों में प्रवेश पर केद्रीय होमियोपैथी परिषद के मानकों को पूरा न करने के कारण रोक लग गई थी उन कालेजो में मानक को पूरा कर शिक्षा व्यवस्था को सरकार बहाल करायेगी। उन्होने कहा कि मानव जीवन में रंग होमियोपैथी के संग ही आ सकता है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि संपूर्ण भारत को आरोग्य करने का सपना बिना होमियोपैथी के संभव नहीं हो सकता है।
कार्यक्रम को प्रदेश उपाध्यक्ष हमाई डा. राजेश तिवारी, डा. नवीन दुबे, डा. एके राय, डा. देवेश दुबे, डा. राजकुमार राय, डा. नेहा दुबे ने संबोधित किया। इस अवसर पर डा. राजीव आनंद, डा. प्रभात, डा. अजय गुप्ता, डा. मनोज मिश्र, डा. अभिषेक राय, डा. राजकुमार, डा. पूनम, डा. सुनीता, डा. सीजी मौर्या, डा. बी. पाण्डेय, डा. चमन लाल, डा. नेहा दूबे, डा.गिरीश सिंह, डा. प्रमोद गुप्ता, डा. अजय, डा.रणधीर सिंह, डा. सुशील मौर्या, डा. अशोक सिंह, डा. मनोज मिश्रा आदि उपस्थित थे।अध्यक्षता डा. धर्मराज सिंह व संचालन डा. प्रमोद कुमार ने किया।