भाईचारे का पैगाम देता है माह-ए-रमजान

कस्बा उदयपुरवाटी(जयपुर)। खुदा की इबादत व बरकतों का महीने में मुस्लिम बंधु साथ छोटे छोटे बच्चे भी पुरे रोजे रखने मे पिछे  नही हे रुस्तम मुगल की बच्ची रिजा 8 साल बाबू भाई की बेटी 7 साल  सन्ना जिंदराण पहले दिन से रोजे रख रही  बाकायदा दिन मे पाँच नमाज अदा कर के भुख प्यास और ख्वाहिशो पा पुरी तरह काबू रख कर एक खुदा की इबादत  करके परिचय दे रही जमियत उलमा ए हिंद जिला सचिव झुन्झुनू  व मुस्लिम युथ फ्रन्ट उदयपुरवाटी के संयोजक मोहम्मद बाबू भाई लोहार ने कहा कि माहे रमजान में पुरे दिन रोजेदार रोजे से रह कर यह अहसास कर सकता है कि जिन गरीबो को खाना नशीब् नही होता उनकी क्या स्थिति रहती होगी इस अहसास से गरीबो की मदद करने कि प्रेरणा मिलती है

माहे रमजान नबी ए करीम सल्लाअलैहि सल्लम के वशिले सेअल्लाह ने रोजे नमाजो जकात फितरे व तमाम इबाहदतो को माहे रमजान मे कइ गुना बडा कर शबाब अता करते है मुसलमानो को रमजान में अपनी आय से 4o वां भाग जकात मे निकाल कर गरीबो मोहताजो और जरूरतमंदो को मदद करते के लिये यह पाक महीना उपयुक्त हे व खुदा की राह मे समर्पित करने का प्रतीक माहे रमजान है व ना शिर्फ रहमतो व बरकतो की बारीश करता है बल्कि संर्पूण मानव जाति को प्यार मोहब्बत व भाईचारे के साथ रहने का पैगाम देता है मुस्लिम युथ फ्रन्ट के अध्यक्ष असलम शेख ने कहा कि मुस्लिम बंधु ज्यादा से ज्यादा इबादत करे और गुनाहो से बचे व आपस में मोहब्बत के साथ इद की खुशियां मनाऐ

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