अंसारी बंधु ने ली सपा की सदस्यता, गाजीपुर के कई नेता नामौजूद
हालांकि कौएद नेताओं के सपा में जाने की भूमिका हालिया हुए विधानपरिषद तथा राज्यसभा चुनाव के वक्त बननी शुरू हुई थी। दोनों दलों के नेताओं में बराबर इस मसले पर बातचीत होती रही। अंत में तय हुआ कि सपा मुख्यालय में मंगलवार को कौएद नेता पार्टी की सदस्यता लेंगे। उस अहम मौके के गवाह बनने के लिए पूर्वांचल भर के कौएद नेता, कार्यकर्ता सोमवार को लखनऊ कूच कर दिए लेकिन रात दस बजे कौएद अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने अचानक उन्हें लौटने को कहा। बताया गया कि अब ईद के बाद सपा की सदस्यता ग्रहण करने का कार्यक्रम होगा लेकिन सुबह कौएद अध्यक्ष की सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव से बात हुई। उसके बाद अफजाल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से बात किए। फिर तय हो गया कि दोपहर में सदस्यता ग्रहण का कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम को लेकर कुछ घंटे में बदले घटनाक्रम की राजनीतिक हलके में चर्चा हो रही है। सदस्यता ग्रहण करने का कार्यक्रम टलने पर कहा गया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अंसारी बंधुओं को पार्टी में लेने से साफ मना कर दिया है। कुछ का कहना था कि कौएद अध्यक्ष ने सपा के सामने शर्त रखी। इससे सपा विदकी लेकिन अब जबकि कौएद नेताओं ने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है तब इसको लेकर अलग-अलग चर्चाएं हो रही हैं। कई का कहना है कि सपा को अगले विधानसभा चुनाव में अंसारी बंधुओं की बेहद जरूरत है। यही वजह है कि सपा अंसारी बंधुओं की शर्त मानने में ही अपनी भलाई समझी। कुछ का कहना है कि गरज अंसारी बंधुओं की थी। रात में सपा के इन्कार करने के बाद भी वह लगे रहे। सपा सुप्रीमो से बिना शर्त विलय की गुजारिश किए। वैसे कौएद नेताओं को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराते वक्त सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि अंसारी बंधु पहले भी सपा के साथ रहे हैं। मौजूदा वक्त में सांप्रदायिक ताकतें चुनौती देने की तैयारी में हैं। उनका जवाब देने के लिए सपा को अंसारी बंधुओं का साथ जरूरी है। मुख्तार अंसारी के सवाल पर श्री यादव ने कहा कि इस बात पर उनसे कोई चर्चा नहीं हुई है। इस मौके पर अफजाल अंसारी ने कहा कि एक वक्त आया था जब उन्हें अलग दल बनाना पड़ा और आज फिर एक मौका आया है कि सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा को मजबूत किया जाए।