केरल – डिप्लोमैटिक चैनल और राजनयिक बैग के ज़रिये बाथरूम के सामानों में मिला तस्करी का सोना मामले ने पकड़ा तुल, सियासत हुई तेज़, एनआईए करेगी इसकी जाँच
आफताब फारुकी/ आदिल अहमद
नई दिल्ली. आप चाहे कही के रहने वाले हो, किसी भी धर्म के मानने वाले हो। अमीर हो या फिर मिडिल क्लास अथवा गरीब। सोना सभी की चाहत है। सभी सोने से प्रेम करते है। देश में सबसे अधिक सोने की खपत तमिलनाडु में होती है और दुसरे नंबर पर है केरल। साथ ही साथ तस्करी के मामले में भी सोना अहम भूमिका में होता है। तस्कर इसकी तस्करी करके बड़ी रकम कमाते है। ख़ास तौर पर इसकी तस्करी गल्फ कंट्री से अधिक होती है। सोने की तस्करी इसकी मांग के अलावा एक अन्य कारण जो मुख्य है से भी होती है।
तस्करी का मुख्य कारण इसके ऊपर का टैक्स है। खाड़ी देशों में इसकी क़ीमत कम होने के कारण तस्करों की ये सबसे पसंदीदा चीज़ है। सोना तस्करी हेतु न केवल बैग में छुपाकर लाया जाता है, बल्कि कुछ लोग तो अपने शरीर के कुछ ख़ास हिस्सों में छुपाकर इसकी तस्करी करते हैं। पिछले दो सालों में अधिकारियो ने क़रीब 600 किलो सोना ज़ब्त किया है। साल 2018-19 में 220 किलो सोना ज़ब्त किया गया था, जबकि पिछले साल ये दोगुना हो गया और क़रीब 444 किलो सोना ज़ब्त किया गया।
यही सोना तस्करी इस समय ज्वलंत सियासी मुद्दा केरल की सियासत में बना हुआ है। हुआ कुछ इस तरीके से कि रविवार को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीमा शुल्क अधिकारियों ने क़रीब 30 किलो सोना बरामद किया था। इसकी क़ीमत क़रीब 13.5 करोड़ बताई जा रही है। बताया और माना जा रहा है कि यह सोना डिप्लोमैटिक चैनल के ज़रिए राजनयिक बैग में रखकर लाया जा रहा था। कई बरामदगी के बाद इस मामले ने अब ख़ासा तुल पकड़ लिया है और सियासत भी इस मुद्दे पर गरमा गई है। जो व्यक्ति यह सोना लेने गया था उसकी पूछताछ से एक रहस्यमई लेकिन शक्तिशाली महिला का नाम सामने आ रहा है। ये मामला कितना अहम होता जा रहा है इसका इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री पी. विजयन को अपने प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को उनके पद से हटा दिया है।
पिछले दो साल में पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ़ ने मुख्यमंत्री के इस्तीफ़े की माँग की है। कांग्रेस ने सीएम के प्रधान सचिव और उस रहस्यमय महिला के बीच कथित क़रीबी रिश्तों के कारण सीबीआई जाँच की माँग की थी। केरल में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के रमेश चेन्नितला ने अपने बयान में कहा था कि “मैंने प्रधानमंत्री को ख़त लिखकर सीबीआई जाँच की माँग की है और कहा है कि सीबीआई को मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अपनी जाँच के दायरे में शामिल करना चाहिए। वो महिला उस विभाग से बहुत क़रीब से जुड़ी हुईं हैं जिनके मंत्री ख़ुद मुख्यमंत्री हैं।”
गौरतलब हो कि बीते रविवार को कस्टम अधिकारियों ने डिप्लोमैटिक चैनल से आए राजनयिक बैग को खोलने का फ़ैसला किया था। ये बैग तीन दिन पहले आया था लेकिन एयरपोर्ट पर ही पड़ा हुआ था। उन्हें उस बैग में कुछ ‘ख़ास सामान’ होने की ख़ुफ़िया सूचना मिली कस्टम विभाग को मिली थी। कस्टम अधिकारियों ने इसके लिए भारतीय विदेश मंत्रालय से बाकायदा इजाज़त भी लिया था।
बैग खोलने पर उन्हें शौचालय में इस्तेमाल होने वाले सामान में सोना मिला। सोने को इस तरह से पिघलाकर रखा गया था कि वो शौचालयों के सामान में पूरी तरह फ़िट हो जाए। ये राजनयिक बैग संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पते पर जाने वाला था। वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व जनसंपर्क अधिकारी सरीथ कुमार की पूछताछ से पता चला कि इस मामले में उनके साथ एक महिला भी शामिल हैं जो कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की बहुत क़रीबी बताई जा रही हैं। इस मामले के बाद से वो महिला फ़रार बताई जा रही हैं।
इस पूरे मामले का सबसे सीधा असर तो मुख्यमंत्री के दफ़्तर पर पड़ा है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव एम. शिवशंकर को उनके पद से हटा दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता रमेश चेन्नितला ने कहा, “शिवशंकर उन महिला को बचाने की कोशिश कर रहे थे और हम लोगों को लगता है कि इस पूरी डील में वो भी शामिल हैं। वो महिला स्पेसपार्क में नौकरी पाने में सफल हुईं जबकि उनका पिछला रिकॉर्ड विवादास्पद है। इन सब पर सीबीआई की जाँच होनी चाहिए।”
MHA permits National Investigation Agency (@NIA_India ) to investigate the Thiruvananthapuram Airport Gold smuggling case, as the organised smuggling operation may have serious implications for national security.@HMOIndia @PIB_India @airnewsalerts @DDNewslive
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) July 9, 2020
मामला अब ये इतना तुल पकड़ चूका है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के मामले में एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की जांच के आदेश दे दिए हैं। गृह मंत्रालय ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि यह एक संगठित तस्करी का अभियान है जिसके राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।