विकास दुबे एनकाउंटर प्रकरण – हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज द्वारा होगी प्रकरण की जाँच, समिति को मिला दो महीने का वक्त
आफताब फारुकी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर में दो जुलाई को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की मौत और उसके बाद विकास दुबे और उनके साथियों की कथित पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत की जांच के लिए बनी एसआईटी के अलावा आज राज्य सरकार ने एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। इस जाँच को करने की ज़िम्मेदारी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल को मिली है। आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा और इसका कार्यकाल फ़िलहाल दो महीने तय किया गया है।
राज्य सरकार की ओर से इस बारे में रविवार को अधिसूचना जारी की गई। अधिसूचना में कहा गया है कि बिकरू गांव की घटना और उसके बाद तीन जुलाई से 10 जुलाई की अवधि के दौरान इस प्रकरण से संबंधित विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ एक लोक महत्व का विषय है। इस कारण इस संबंध में जांच करना आवश्यक है।
यह आयोग 2 जुलाई की रात को बिकरू गांव में हुई उस घटना की भी गहनता से जांच करेगा जिसमें बिल्हौर के उप पुलिस अधीक्षक देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी और सात अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके अलावा यह आयोग गत 10 जुलाई को पुलिस और विकास दुबे के बीच हुई कथित मुठभेड़ की भी गहनतापूर्वक जांच करेगा। जांच की परिधि में इस दौरान विकास के पांच साथियों की कथित मुठभेड़ में हुई मौत भी शामिल है। अधिसूचना के मुताबिक, आयोग विकास दुबे और उनके साथियों की पुलिस और अन्य विभागों या व्यक्तियों से मिलीभगत की भी जांच करेगा और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपने सुझाव भी देगा।
इससे पहले, शनिवार देर शाम दो जुलाई की रात को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया था।