यूपी की नदियों का बढ़ा जलस्तर, खीरी की शारदा के साथ सुहेली नदी भी उफान पर
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी= शारदा नदी के बाद अब पहाड़ी नदी सुहेली ने भी अपने तेवर तेज कर दिये हैं। शारदा के साथ अब क्षेत्र की दूसरी बड़ी नदी सुहेली उफान मार गई है। नदी के उफनाने से किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी भरने लगा है। कुछ समय तक सूखा पड़ा नकउआ नाला भी पानी से सराबोर हो उठा है। सुहेली के उफान पर आने से दुधवा टाइगर रिजर्व जंगल के कई हिस्सो में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। वहीं दूसरी ओर शारदा नदी भी लगातार बढ़ने लगी हैं।
बताते चलें कि पलिया शहर को दो ओर से नदियों ने घेर रखा है। दक्षिण दिशा में शारदा है जबकि उत्तर में सुहेली बहती है। ये दोनों नदियां सालों से पलिया शहर और दर्जनों गांवों के लिए नासूर बनी हुई हैं। हर बार ये नदिया बारिश के सीजन में कई गांवों के ग्रामीणों के लिये बड़ी मुसीबत खड़ी कर देती हैं। एक ओर जहां शारदा की बाढ़ के पानी ने दर्जनों गांवों में अपना तांडव मचाता है वहीं दूसरी ओर से पहाड़ी नदी सुहेली।
दुधवा जंगल पर भी गहराया संकट
सुहेली को दुधवा की लाइफलाइन माना जाता है। लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ते ही दुधवा जंगल पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पहले भी नदी ने जंगल के एक बड़े हिस्से को चपेट में लेकर नेस्तोनाबूत कर दिया था। इस बार भी जंगल को नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा वन्य जीवों को भी खतरा है। बाढ़ का पानी बढ़ने पर जंगली जीव सुरक्षित ठिकानों और आबादी की ओर कूच कर सकते हैं। जिससे न सिर्फ इंसानी जिंदगी को खतरा बढ़ेगा बल्कि यह दुधवा के दुर्लभ वन्य जीवों के लिए संकट की स्थिति होगी।
नदियों के उफान पर आने की मुख्य वजह है सिल्ट
शारदा और सुहेली में जमा भारी सिल्ट बाढ़ की प्रमुख वजह बना हुआ है। जिस वजह से बारिश के सीजन में ये दोनों नदियां रौद्र रूप धारण कर लेती है। क्षेत्रवासियों की माने तो अगर शासन इन नदियों की डिसिल्टिंग करा दे तो क्षेत्र बाढ़ मुक्त हो सकता है।