गुना में पुलिस बर्बरता पर तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – इन तस्वीरो और वीडियो को देखकर भी आपका ज़मीर नही जागता है, तो वो मर चुका है

तारिक आज़मी

गुना, काफी चर्चित नाम है अब ये। सोशल मीडिया पर इस नाम के चर्चे बहुत है। आखिर क्या है इस नाम में जो सोशल मीडिया पर इसके आज कल चर्चे है। क्या हुआ आखिर वहा, क्या गरीब किसानो को लाठियों से पीटा और उन्होंने कीटनाशक खा लिया तो इतना हंगामा क्यों है सोशल मीडिया पर। आखिर गरीब ही तो थे। गरीबी नही हट सकती तो गरीब हटाने वाले पुलिस पर क्यों इतना नाराज़ है सोशल मीडिया के चिन्तक और विचारक। देखिये आपका पसंदीदा चैनल तो कुछ नही कह रहा है। वो जो आपके बालकनी में आकर रोज़ गुड मोर्निंग का सन्देश देता है आपका पसंदीदा अख़बार उसने कुछ कहा। आप देखे उठा कर वो काम की बात आपके बता रहा है कि महा अभिनेता अमिताभ बच्चन कोरोना पॉजिटिव होने के बाद जब पहली रात अस्पताल में थे, तो रात भर सो नही पाए थे, सुबह उन्होंने नाश्ता भी किया था। आपको ऐसी खबरों से मतलब रखना चाहिए साहब, कहा गुना को देख रहे है।

गुना में क्या हुआ ? एक किसान परिवार था। गरीब था पहली गलती थी उसकी। उसके बाद उसने लोन लेकर एक व्यक्ति से ज़मीन किराये पर लेकर खेती कर डाली। ज़मीन जिस व्यक्ति ने किराये पर दिया, उसने सरकारी ज़मीन किराये पर दे दिया। अब सरकार को अपनी इस ज़मीन की याद आई तो उसने पुलिस बल के साथ जेसीबी के साथ पैमाईश के लिए भेज दिया। ज़मीन किराए पर लेने वाला राज कुमार और उसकी पत्नी सावित्री ने विरोध करना शुरू कर दिया। लाठिया आखिर होती किस काम के लिए है। कूट दिए गए। राजकुमार का भाई उसको बचाना चाहता था उसको भी कूट दिया। बच्चो को भी भद्दी भद्दी गलिया दिया। इसके बाद राजकुमार ने कीटनाशक खा लिया। तो इसमें हंगामा क्यों ?

शायद यही सब चल रहा है। सत्ता के पैमाने पर रखकर खुद को सत्ता के करीबियों का बयान ऐसा ही कुछ रहेगा। मगर इस वीडियो और फोटो को देख कर आपका ज़मीर झकझोर नही रहा है तो फिर आप ये मान ले कि जिस तरीके से एक बाप अपने मासूम बच्चो के गोद में है वैसे ही आपका ज़मीर हो गया है। वैसे आपको बता दू कि राजकुमार और उसकी पत्नी सावित्री जिंदा है और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।

खुद का सम्मान अथवा सत्ता का साथ, जो भी हो गुना के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में आलोचना किया है। क्या आलोचना से काम चल जाएगा। बेशक चलेगा क्योकि सत्ता अभी उनके नए नए दल की है। सत्ता से बाहर होते तो शायद इस मामले में बड़ा राजनैतिक स्टैंड ले लेते। अभी सत्ता के साथ है तो फिर खुद का विरोध कैसे करेगे। न्यायतंत्र को सही दुरुस्त करने के लिए मिली मध्य प्रदेश पुलिस को ये लाठी गरीब के शरीर पर बरस रही है। क्या बर्बरता ही हर काम में ज़रूरी है। क्या पुलिस के अन्दर का इंसान नही है। वैसे वो भी क्या करे साहब, आदेश जैसा होगा वैसा किया होगा।

आप तस्वीर जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है देख सकते है। मासूम बच्चे अपने बाप को गोद में लेकर चीख रहे है। क्या लाठियों के बगैर यहाँ काम नही चल सकता था। क्या राजकुमार और सावित्री के पक्ष को नहीं सुना जाना चाहिए थे। और कार्यवाही अगर होनी थी तो उसके ऊपर होती जो सरकारी ज़मीन को किराय पर देता फिर रहा है आखिर क्या लाठी से ही मामले हल होने लगेगे।

बहरहाल, शिवराज सरकार ने खुद की आलोचना होते देख कार्यवाही किया है। ज़बरदस्त कार्यवाही हुई है और शिवराज सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार देर रात ग्वालियर रेंज आईजी राजाबाबू सिंह, गुना कलेक्टर एस। विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक  तरुण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। क्या इस स्थानांतरण से काम चल जायेगा। आज नही कल इनको दुबारा ऐसा ही पद मिल जायेगा। फिर वही ज़र्रानवाज़ी का काम शुरू हो जायेगा। आखिर अधिकारी कब तक सत्ता के दबाव में रहेगे। जबकि संविधान में उनको काफी अधिकार दिए है। क्या पोस्टिंग के लिए ही सत्ता को अपने साथ मिलाकर जी हुजुर करके ही काम करते रहेगे।

पद से हटाये जाने के पूर्व डीएम गुना का दिया गया बयान देखे। शायद आपको उनके वक्तव्य पर हंसी आये मगर हमको तो अफ़सोस उनकी सोच पर हो रहा है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि नवीन आदर्श महाविद्यालय के लिए ग्राम जगनपुर स्थित भूमि सर्वे नं। 13/1 व 13/4 रकवा कमश 2।090 व 2।090 आरक्षित की गई थी। तहसीलदार ने अतिक्रामक गब्बू पारदी पुत्र गाल्या पारदी, कथित बटाईदार राजकुमार अहिरवार पुत्र मांगीलाल का कब्जा हटाने के लिए बेदखली की कार्रवाई के दौरान 14 जुलाई को पुलिस बल की उपस्थिति में सीमांकन कराया तथा बेदखली की गई। जब कार्रवाई चल रही थी, उसी समय राजकुमार अहिरवार व उसकी पत्नी सावित्रीबाई ने कीटनाशक पी लिया। अतिक्रामक किसान दंपति को अस्पताल जाने से इनकार कर रहे थे। मुख्य अतिक्रामक गब्बू पारदी की ओर से राजकुमार व सावित्री बाई के अतिरिक्त अन्य लोगों जिनमें बच्चे भी शामिल थे, कीटनाशक पीने के लिए उकसाया जा रहा था। इससे जन हानि की संभावना बन रही थी। ऐसे में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति व जनहानि रोकने के उद्देश्य से पुलिस ने सख्ती से उनको स्थल से हटाया। वर्तमान में राजकुमार व सावित्री बाई की स्थिति में सुधार है। इस मामले में पटवारी शिवशंकर ओझा ने कैंट थाने में संबंधितों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धारा में मामला दर्ज कराया है। इसमें रामकुमार, शिशुपाल अहिरवार, सावित्री बाई समेत पांच-सात अज्ञात लोग आरोपित बनाए गए हैं।

देखा साहब, इसको कहते है “क़त्ल भी हम ही हुवे और हमे ही सजा मिली।” डीएम साहब ने अपने वक्तव्य में साफ़ साफ़ कह दिया कि किसान दंपत्ति की ही पूरी गलती थी। बलपूर्वक नही हटाते तो हालात ख़राब हो जाते। अब कितने हालत ख़राब होती साहब। ये तो वीडियो देख कर सामने ही समझ आ रहा है। शायद डीएम साहब ने उस शेर के तर्ज पर काम कर डाला कि “कातिल की ये दलील मुंसफ ने मान ली, कि मकतुल खुद गिरा था खंजर की नोक पर।

इस मामले में बीबीसी का वीडियो youtube पर जबरदस्त खबर के तौर पर है। इसको आप खुद देखे क्या कहा पीड़ित परिवार ने और कैसी वहा के हालात थे। आपका पसंदीदा टीवी चैनल आपको ये सब नही दिखायेगा शायद। आप इस वीडियो को देखे। बीबीसी को दिया मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान को भी सुने। उन्होंने कहा कि कानून का राज चलता है। गौर करे। हम समझ सकते है कि ऐसे बयान सुनकर आपके चहरे पर मुस्कराहट तो ज़रूर आयेगी।

आपको शायद तरस आ रहा होगा इन तस्वीरो और वीडियो को देख कर। मासूम बच्चे है साहब, सभी के बच्चे अपने माँ बाप को बेपनाह प्यार करते है। इन बच्चो के दिलो दिमाग में आखिर क्या छाप पड़ी होगी। क्या शासन प्रशासन पर अब ये कभी जीवन में विश्वास कर पायेगे। आप भले ही किसी दल विशेष के विचारो से प्रभावित हो। आप भले ही किसी एक विचारधारा को माने मगर इतना ध्यान रखियेगा कि हम सभी उसी समाज का हिस्सा है जिसकी चोट राजकुमार और सावित्री को लगी है। फोटो देखिये, वीडियो देखिये और सोचिये….

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *