राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया क्यों नही गया अडवाणी और जोशी को भूमि पूजन समारोह का न्योता, मंच पर होंगे केवल ये 5 लोग
आदिल अहमद
अयोध्या: अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को लेकर हर किसी की नजर भगवान राम की जन्मस्थली मानी जाने वाली अयोध्या नगरी पर टिकी है। कोरोना वायरस की महामारी के चलते भूमिपूजन समारोह में खास लोगों को ही आमंत्रित किया जा रहा है। अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए और भूमिपूजन समारोह के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तमाम संत यहां पहुंच गए हैं। संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, सुरेश भैया जोशी भी कल रात तक पहुंचेंगे।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भूमि पूजन कार्यक्रम के निमंत्रण के बारे में मीडिया में परस्पर विरोधी खबरें आ रही थीं। चंपक राय ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि आडवाणीजी और जोशी जी दोनों से फ़ोन पर बात की गई। उन्हें निमंत्रण नहीं भेजा गया है, उन्होंने ख़ुद आने में असमर्थता जताई है। हमने आयु की वजह से यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह से भी न आने का आग्रह किया है।
राय ने बताया, भूमिपूजन के लिए देश की संपूर्ण नदियों का जल मंगवाया गया है। अनेक लोग मानसरोवर का जल भी लाए हैं। रामेश्वरम और श्रीलंका से भी समुद्र का जल आया है। लगभग 2000 स्थानों से जल और मिट्टी लाई गई है। उन्होंने बताया कि ओरिजनल ड्राइंग के आधार पर ही मंदिर निर्माण होगा। जो पत्थर कार्यशाला में तराशकर रखे गए हैं, वे सबसे पहले लगेंगे। उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल से देवताओं का आह्वान शुरू किया गया। जन्मस्थान पर पूजा शुरू की गई। 108 दिन से स्थान देव की पूजा की जा रही है। आज यानी सोमवार को वहां गणपति की पूजी शुरू की गई। कल हम हनुमानगढ़ी की पूजा करेंगे। पांच अगस्त गर्भगृह में पूजा की जाएगी। एक शिलापट्ट का अनावरण भी होगा।
उन्होंने बताया कि यूपी सरकार ने मंदिर मॉडल का एक डाक टिकट जारी किया है। उसका भी अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। राय ने बताया कि समारोह में मंच पर संत नृत्यगोपालदास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यानी कुल पांच लोग ही मौजूद रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि भगवान हरे रंग के कपड़े पहनेंगे। कुछ लोगों को क्यों भय है? इससे प्रधानमंत्री, योगी जी का ट्रस्ट का लेना देना नहीं है। ये परंपरा की बात है। हरा रंग ख़ुशहाली का रंग है। ऐसी बेतुकी बातों की चर्चा नहीं करनी चाहिए। किसी रंग का कोई निषेध नहीं है। भगवान क्या पहनेंगे ये पुजारी तय करते हैं , ये परंपरा की बात है। प्रतीकात्मक शिलान्यास भी किया जाएगा। 9 शिलाएं होंगी जिनकी पूजा प्रधानमंत्री मोदी करेंगे।