भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के हुजरे पर गडी बिल्डर की नज़र, उस्ताद का आशियाना नेस्तनाबूत करने के राह पर चल पड़ा बिल्डर, क्षेत्र में आक्रोश
तारिक़ आज़मी
वाराणसी। उस्ताद बिस्मिल्लाह खा। सिर्फ नाम ही दिलो दिमाग को एक बेहतरीन सुकून दे जाता है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान केवल वाराणसी के ही नहीं बल्कि देश के लिए एक गौरव थे। युगों युगों में ऐसा फनकार पैदा होता है जो अपने फन से दुनिया का दिल जीत ले। बेहद संजीदा और वतनपरस्त उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने संगीत को अपना पूरा जीवन दे डाला। खुद गरीबी में उम्र बसर कर डाली मगर गैर मुल्क के अमीरों की महफ़िल की जीनत बनना गवारा न किया। उनके नाम उनकी शोहरत सिर्फ शहर बनारस, अथवा भारत वर्ष में नहीं बल्कि पुरे दुनिया में थी। भारत सरकार ने उनको भारत रत्न से नवाज़ा था।
मगर उन्ही भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के पैत्रिक आवास और उनके आशियाने को क्षेत्र के दुर्दान्त बिल्डर की नज़र गड गई। अपने चंद सिक्को के मुनाफे के लिए देश की धरोहर उस्ताद के उस कमरे को तोड़ देने का काम बिल्डर ने किया जिस कमरे में उस्ताद ने अपने पुरे जीवन शहनाई का रियाज़ किया। कमरा इतना ही उस्ताद को अज़ीज़ था कि अमेरिकन प्रेसिडेंट ने उनको अपने मुल्क में बसने का न्योता दिया था। उन्होंने उस आफर को ये कहकर ठुकरा दिया कि उनके पुश्तैनी मकान के उस कमरे की खटिया जैसी मीठी नींद अमेरिका के आलीशान महल में भी नहीं आयेगी।
मगर उस्ताद को शायद ये नहीं मालूम था कि उनकी आँखे बंद हो जाने के बाद उनके वरसा चंद पैसो की लालच में उनके अज़ीज़ कमरे को कुख्यात बिल्डर के हवाले कर डालेगे और वो बिल्डर सबसे पहले उनका अज़ीज़ कमरा ही तोड़ डालेगा। 12 अगस्त की काली रात को बिल्डर ने धीरे से काम लगवाया और भारत की धरोहर उस्ताद के उस कमरे को तोडना शुरू कर डाला। जानकारी मिली की बिल्डर ने 50-50 पर इस मकान को कमर्शियल काम्प्लेक्स बनाने का ठेका ले रखा है। सूत्रों के अनुसार इस भवन के कमर्शियल निर्माण के बाद बनने वाली दुकानों और फ़्लैट का आधा हिस्सा बिल्डर का होगा और आधा हिस्सा उस्ताद के वरसा का होगा।
चंद सिक्को की लालच में भारत वर्ष की धरोहर और उस्ताद के कमरे तक को तोडा जा रहा है। सबसे अचम्भे की बात तो ये है कि इस तोड़ फोड़ की जानकारी न तो उस्ताद के छोटे बेटे नाजिम हुसैन को थी और न ही प्रशासन को है। आज जब शाम को जानकारी हुई तो क्षेत्र में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। तोड़ाई का काम रात को भी लगा था मगर मौके पर मीडिया कर्मियों के आने और अन्य परिजनों के विरोध के बाद बिल्डर साहब धीरे से सरक लिए।
क्या है मामला
चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी के निकट हडहा सराय की भीखशाह गली में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का पैत्रिक आवास है। उस्ताद इसी मकान के उपरी मंजिल पर बने कमरे में रोज़ सुबह फजिर की नमाज़ के बाद रियाज़ करते थे। उनका रहना सहना और सोना भी इसी कमरे में हुआ करता था। एक प्रकार से देखा जाए तो भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का ये कमरा धरोहर था। उस्ताद के दुनिया-ए-फानी से रुखसत हो जाने के बाद इस कमरे को देश की धरोहर समझा जाने लगा था।
मुख्य वाणिज्यिक क्षेत्र में होने के कारण इस मकान पर क्षेत्र के बिल्डर्स लगातार नज़र गडाए हुवे थे। इस दरमियान कई बार इस मकान को मरम्मत की बात हुई। मगर हर बार सभी चाले फेल ही होती गई। अब इस धरोहर को 12 अगस्त की रात से क्षेत्र के एक दुर्दान्त बिल्डर द्वारा कमर्शियल बिल्डिंग बनाये जाने एक लिए तोड़ा जा रहा है। सूत्रों की माने तो बिल्डर से इस मकान का कांट्रेक्ट 50:50 पर हुआ है यानी निर्माण होने के बाद निर्मित क्षेत्र का आधा हिस्सा बिल्डर का और आधा हिस्सा उस्ताद के वरसा का। अगर दावो की बात करे तो इसकी जानकारी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के छोटे बेटे नाजिम हुसैन को भी नहीं थी। आज जब जानकारी हुई तो मामले में हंगामा जैसा खड़ा हो गया।
क्या हुआ आज
उस्ताद का कमरा तोड़े जाने की जानकारी आज उस्ताद के छोटे बेटे नाजिम हुसैन और उस्ताद की गोद ली हुई बेटी तथा शास्त्रीय संगीत गायिका सीमा घोष को हुई। इस प्रकरण की जानकारी क्षेत्र के लोगो को भी हुई। मामले में हस्तक्षेप करते सभी ने विरोध दर्ज करवाया। शुरू में तो बिल्डर के आदमियों ने मामले को सामुदायिक रंग देने की कोशिश भी किया और मामले को शिया सुन्नी में तकसीम करने की नाकाम कोशिश किया। मगर सब ये जानते है कि उस्ताद किसी एक समुदाय और क्षेत्र के नहीं बल्कि पुरे मुल्क की शान थे। उनका ये कमरा किसी एक की अमानत नही बल्कि देश की धरोहर है। बिल्डर के लोग इस मोर्चे पर मुह की खा गए। तब तक जानकारी होने पर मीडिया कर्मियों का भी मौके पर जमावड़ा हो गया। मामले को तुल पकड़ता देख कर बिल्डर के आदमी मौके से सरक लिया।
क्या कहा परिजनों ने
प्रकरण में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के छोटे बेटे नाजिम हुसैन ने कहा कि
इसपर उस्ताद के सबसे छोटे बेटे नाज़िम हुसैन और उनकी गोद ली हुई बेटी और प्रसिद्द शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा घोष ने अपना विरोध दर्ज कराया है। सोमा घोष ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से बात करने की भी बता कही है।
इस सम्बन्ध में उस्ताद की बेटी सोमा घोष से बात की तो उन्होंने बताया कि उस्ताद ने इसी कमरे में अपनी संगीत की तपस्या की थी और अमेरिका के प्रेजिडेंट का अमेरिका बसने का निमंत्रण सिर्फ एक कमरे में रखी चारपाई पर आने वाली सुकून की नींद के लिए ठुकराया था। उस कमरे को तोड़ना कहीं से सही नहीं है। इस धरोहर के आस पास के हिस्से को हम रेनोवेट करवा सकते हैं पर उस कमरे को तोड़ कर बहुत गलत हुआ है। उन्होंने कहा कि वो आज ही जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से बात करेंगी ताकि इस कमरे को बचाया जा सके।
बाहुबली मुख़्तार अंसारी और बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन का बेहद करीबी है बिल्डर
इस कमरे को तोड़ कर भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के लाखो चाहने वालो का दिल तोड़ने वाला बिल्डर क्षेत्र का ही निवासी है। एक राजनैतिक पार्टी से खुद को सम्बंधित बताने वाले इस बिल्डर का मऊ विधायक बाहुबली मुख़्तार अंसारी और बिहार के कुख्यात शाहबुद्दीन से काफी निकट सम्बन्ध बताया जाता है। अधिकतर क्षेत्र के विवादित भवनों के निर्माण में इसकी भूमिका प्रमुख रहती है।सूत्रों की माने तो मुख़्तार गुट के निकटता के कारण कोई इसके गलत कामो का विरोध भी नहीं कर पाता है। शासक कोई भी हो। थाना किसी के भी हवाले हो मगर बिल्डर साहब की तूती इलाके में बोलती रहती है। खुद के कारनामो को छुपाने के खातिर इसने अपने आसपास कथित पत्रकारों की भीड़ भी इकठ्ठा कर रखी है।
इसी माह है उस्ताद की पुण्यतिथि और चल गया चाहने वालो के दिलो पर हथोडा
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की पुण्यतिथि इसी माह 22 अगस्त को है। हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी उनके चाहने वालो ने इसी कमरे से वर्चुअल कार्यक्रम करने की नीयत बना रखा था। मगर चंद सिक्को की लालच में उन लाखो उस्ताद के चाहने वालो के दिलो पर बिल्डर ने हथोडा चला दिया है।