मिरिकल फिट इण्डिया – एक कोशिश की भारत का भविष्य चले अपने सही कदमो के साथ

फुल मुहम्मद “लड्डू”

वाराणसी। अस्पताल के किनारे खड़े होकर एक युवती और एक युवक उन बच्चो पर नज़र रख रहे थे जिनके पाँव सीधे नहीं पड़ रहे थे। टेढ़े पैरो को चिकित्सक को दिखाने आये बच्चो के माता पिता से वो कुछ देर बात करते और फिर उनको एक विशेष प्रकार के जूते प्रदान करते वह भी निःशुक्ल। उसके बाद आने वाले दुसरे बच्चो पर वैसी ही पैनी निगाह रहते।

कौतूहलता हमारी उन जूतों को लेकर थी जो कुछ अलग दिखाई दे रहे थे। एक प्लास्टिक की प्लेट के साथ आपस में दो कदमो को जोड़ते जूते देखने में भी सुन्दर लग रहे थे। आखिर माजरा क्या है इसको देखने हम भी थोड़ी देर रुक कर उनके प्रजेंटेशन को देखते रहे।

हमने इस सम्बन्ध में स्वयं सेविका नेहल कपूर से बात किया। उन्होंने बताया कि मरिकल फिट इण्डिया एक स्वयं सेवी संस्था है। हम NHN के कार्यक्रम के साथ जुड़ कर ऐसे बच्चो को ये विशेष जूते उपलब्ध करवाते है जिनके पाँव बचपन से टेढ़े है। कुछ वक्त के बाद उन टेढ़े पाँव में बदलाव आता है और बच्चे सीधे पाँव से सही चलना शुरू कर देते है। उनके पैर ठीक हो जाते है। विशेष रूप से ये जूता उन्ही बच्चों के लिए बना है। हम इसको निःशुल्क लोगो को उपलब्ध करवाते है।

उन्होंने बताया कि वह अपनी टीम के साथ पुरे वाराणसी में ये काम प्रत्येक सरकारी अस्पतालों में करती है। वही संस्था मिरिकल फिट इंडिया RBSA के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के 68 क्लिनिक पर काम करती है। हमारा प्रयास है कि भारत का भविष्य अपने सीधे पाँव के सहारे चल सके। हम अपने प्रयास में सफल भी हो रहे है। उन्होंने कहा कि यह एक थिरेपी है। जिससे टेढ़े पैर सीधे जो जाते है। हम बिना किसी शुल्क के ये किट उपलब्ध करवाते है।

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