एक-एक कर निगल लिए शारदा ने 71 घर, अब पूरे गांव में बचे हैं मात्र 12

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी= लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है बाढ़ के कहर से गांव में लगातार कटान की वजह से पूरे के पूरे गांव निस्तोनाबूत होते जा रहे हैं जिसके चलते जिले के रैनी गांव के अब तक 71 घर नदी में समा चुके हैं। गांव में मात्र 12 घर बचे हैं। मगर उनका भी वजूद खतरे में हैं।

बता दें कि दो माह से निरंतर कटान करती शारदा नदी अब रैनी गांव का नामोनिशान मिटाने पर तुली है। शुक्रवार की रात नदी ने एक और घर निगल लिया। इधर, 71 घर नदी में समाने के बाद बाढ़ खंड विभाग नींद से जागा है और बचाव कार्य का खेल शुरू हो गया है। ग्रामीणों के मुताबिक बाढ़ खंड विभाग अब झाड़ियों और सीमेंट की तिगोड़िया बना कर कटान रोकने का दिखावा कर रहा है।दो साल पहले की बात करें तो रैनी गांव में करीब 300 घर हुआ करते थे लेकिन शारदा नदी के कटान से 217 घर नदी में समा गए। इस साल भी बारिश से पहले गांव में 83 थे। मगर देखते ही देखते 71 घर शारदा नदी में समा चुके हैं। शुक्रवार की रात गांव के श्यामलाल वर्मा का घर भी नदी में समा गया। गांव वाले तब से प्रशासन से गांव को बचाने की गुहार लगा रहे हैं जब यहां मात्र तीन घर ही कटे थे।

डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह भी गांव पहुंचे थे और बाढ़ खंड विभाग को पत्र जारी कर बचाव कार्य शुरू के निर्देश दिए थे। वहीं बाढ़ खंड विभाग ज्यादा पानी और गांव के सभी रास्ते कटे होने का हवाला देकर बचाव कार्य शुरू करने में हीलाहवाली करता रहा। अब जबकि गांव में 12 घर बचे हैं तो गांव को बचाने के लिए बाढ़ खंड विभाग ने काम शुरू किया है। आनन फानन में झाड़ियां और सीमेंट पिलर की तिगोड़िया बनाकर बचाव कार्य शुरू किया गया है।

गांव के कल्लूराम, राममिलन, रमाशंकर वर्मा, कनौजी लाल, रामलखन, देशराज ने बताया कि बाढ़ खंड विभाग चाहता तो शेष रह गए घर बच जाते, लेकिन डीएम के कहने के बाद भी बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया। जेई बाढ़ खंड धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि गांव में बंबू कैरेट बनाकर कटान रोकने का काम चल रहा है। पूरा प्रयास है कि शेष घर बच जाएं।

इस सम्बन्ध में हमसे बात करते हुवे एसडीएम धौरहरा, एस सुधाकरन ने कहा कि मुझे सूचना मिली थी कि बाढ़ खंड विभाग काम में शिथिलता बरत रहा है। इसलिए मैंने राजस्व निरीक्षक को गांव भेजा है। बाढ़ खंड विभाग के अधिकारियों से भी बात कर रहा हूं। कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिनके घर कट चुके हैं उन्हें गृह अनुदान और मुख्यमंत्री आवास दिए जाएंगे। –

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