गाजीपुर फल विक्रेता की पुलिस द्वारा कथित बर्बर पिटाई पर तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ – होता है साहब, फल विक्रेता था, कौन सा सेलिब्रेटी है

तारिक़ आज़मी

आपको किसी की बर्बर पिटाई करना है तो गाजीपुर पुलिस से पूछ ले तरीका। कौन सा सेलिब्रेटी है जो उसके लिए कोई डिबेट होगी। कोई बड़ा हंगामा होगा। गरीब है साहब, थोड़े दिन कुछ आरोप लगायेगा मगर फिर शांत बैठ जायेगा। शायद यही सब कुछ सोच कर गाजीपुर के दिलदारनगर की पुलिस सलीम कुरैशी के घर देर रात गई थी।

 सलीम के परिजनों द्वारा लगाये जा रहे आरोप को आधार माने तो घर में देर रात कुछ पुलिस वाले घुस आये। सलीम फलो का ठेला लगाता है और उसको बेच कर अपने परिवार के लिए रोटी का इंतज़ाम करता है। आरोपों के अनुसार घर में घुसी पुलिस ने ज़बरदस्त हंगामा किया। सलीम की पत्नी सरवरी के साथ बदसलूकी किया। उसको थप्पड़ मार दिया।

इतने से मन नही भरा तो आरोप है कि सलीम को घर से बाहर खीच कर लेकर आये और वो ज़बरदस्त पिटाई किया कि इंसानियत तक दहल जाए। इंसानियत भी खौफज़दा हुई और डाक्टरों की माने तो गरीब फल विक्रेता के पाँव में मल्टिपल फ्रेक्चर आया है। वही घायल सलीम को इलाज के लिए गाजीपुर से वाराणसी रिफर कर दिया गया है।

पीड़ित परिवार की माने तो रात करीब 2 बजे पुलिस टीम उनके घर पहुंची। बाहर से आवाज देकर दरवाजा खुलवाया गया। दरवाजा खुलते ही पुलिस सलीम को घसीटते हुए बाहर ले जाने लगी। पत्नी सरवरी और परिवार की अन्य महिलाओं ने इसका विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें गालियां दीं और थप्पड़ मारने लगे। फिर वह सलीम को घसीटकर घर के बाहर ले गए। बेरहमी से पिटाई की वजह से सलीम बेहोश हो गया। परिवार का कहना है कि इस दौरान उनकी जेब में रखे 20 हजार रुपये निकाल लिए गए।

अब इस मामले में पुलिस ने खुद की सफाई देना शुरू कर दिया है। इस घटना में सलीम के दाहिने घुटने में मल्टीप्ल फ्रेक्चर हुआ है। पुलिस इस मामले को गौकशी से जोड़ने की पूरी कोशिश कर रही है। बताया न साहब गरीब फल वाला है, कौन सा कोई सेलिब्रेटी है या किसी बड़े घर की औलाद है जो इसका हंगामा होगा। इस प्रकरण में क्षेत्राधिकारी जमानियां सुरेश प्रसाद शर्मा ने अपना बयान देते हुवे कहा है कि ‘सलीम कुरैशी के घर पुलिस टीम पहुंची थी। दरअसल, सलीम कुरैशी के घर गोवंश काटने की खुफिया जानकारी पर पुलिस उनके घर गई थी। पुलिस टीम को देख उसने भागने की कोशिश में अपनी छत से वह कूद गया। जिसके चलते उनके घुटने की हड्डी टूटने की खबर मिली है। इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट से होगी।’ वही उन्होंने सलीम कुरैशी के 20 हजार नकद लूटने और महिलाओं से अभद्रता तथा मारपीट के सभी आरोपो को भी सिरे से खारिज किया।

बड़ा सवाल

वैसे तो गरीब की लड़ाई लड़ता कौन है ? मगर बात निकली है तो साहब थोडा सवाल तो बनता है कि आखिर वो कौन सी ख़ुफ़िया जानकारी थी कि गौकशी हो रही है। क्या ख़ुफ़िया जानकारी किसी निर्दोष के लिए थी। क्योकि पुलिस ने ऐसा कुछ बरामद तो अब तक नही दिखाया है। अगर फिर भी पुलिस को शक था कि सलीम गौकशी करेगा या करता है तो साहब उसको थाने लाते। उसके साथ पूछताछ का सिलसिला चलता। क्या कूदने से मल्टिपल फ्रेक्चर आ जायेगा।

चलिए लूट के आरोप को तो मैं भी कह सकता हु कि रात को कोई जेब में इतने पैसे रखकर नहीं सोता है। अगर रहा भी होगा तो गिर भी सकता है। मगर इस तरह से बर्बर पिटाई क्या साबित करती है। क्या दिलदारनगर पुलिस निरंकुश हो चुकी है। सलीम के कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। जिसमे उसकी चोट मारपीट जैसी ही समझ में आ रही है। उसकी चोट कही से भी कूदने वाली दिखाई नही दे रही है। मगर साहब आप कहते है तो मानना ही पड़ेगा। वो राहत इन्दौरी साहब का शेर है न कि “अब कहा ढूंढने जाओगे हमारे कातिल, आप तो क़त्ल का इलज़ाम हम ही पर रख दो।”

कौन सा सलीम सेलिब्रेटी है। कहा कोई बड़े घर का या फिर राजनैतिक घराने का है। एक गरीब फल बेचने वाला ही तो है। क्या होगा, चार दिन चर्चा उठेगी, पांचवे दिन लोग भूल जायेगे। वैसे भी पुलिस के खिलाफ गवाही देगा कौन ? मामले में एसपी गाजीपुर ने जाँच का आदेश क्षेत्राधिकारी दिलदारनगर को दिया है. वही सीओ साहब पहले ही मामले में लगभग क्लीनचिट अपने बयान में पुलिस वालो को दे चुके है।

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