संपत्ति की लालच में दामाद ने ही सास ससुर सहित दो सालियों को दफना दिया था उनके ही घर में, 16 महीनो बाद खुला राज़
सैयद आसिफ
बरेली। जनपद बरेली के रहने वाले परिवार की उत्तराखंड के रुद्रपुर में हत्या हो गई। ये हत्या 16 महीने पहले हुई थी और हत्या कर उनके शव को उन्ही के घर में दफन कर दिया गया था। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुवे मृतक के दामाद सहित उसके एक किरायदार को हिरासत में ले लिया है। वही मृतक की बेटी से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। उसकी भी मामले में भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है। मामला का खुलासा होने पर सही ने दातो तले उंगलिया दबा लिया जब मालूम चला की घर के दामाद ने ही अपनी दो सालियों सहित अपने सास और ससुर की हत्या केवल ज़मीन के लालच में किया था। हत्या भी 16 महीने पहले हुई थी। जिसका खुलास अब जाकर हुआ है।
पोस्टमार्टम के बाद आज गृह जनपद बरेली पहुची चार लाशें कंकाल में बदल चुकी थी। देख कर इंसानियत भी सिसकिया लेने लगी थी। सभी चारो शवो का रिश्तेदारी ने आज रविवार को बरेली में अंतिम संस्कार किया। शव क्या सभी के सिर्फ कंकाल ही पुलिस के हाथ लगे है जिसका पोस्टमार्टम हुआ है। मामले में पुलिस अभी मृतक की बड़ी बेटी से भी पूछताछ कर रही है वही उसके पति तथा एक किरायदार को हिरासत में ले लिया गया है।
घटना के सम्बन्ध में मिले समाचारों के अनुसार मूल रूप से बरेली जनपद के तहसील पैगानगरी स्थित थाना मीरगंज निवासी 65 वर्षीय हीरालाल वर्ष 2006 में परिवार के साथ रूद्रपुर के राजा कॉलोनी ट्रांजिट कैंप में आकर बस गए थे, हीरालाल के साथ उनकी दो पुत्रिया और पत्नी रहती थी। जबकि उनकी बड़ी पुत्री का विवाह हो चूका था। हीरालाल के पास कुल 18 बीघा जमीन और मकान पैत्रिक गाव में था। गांव छोड़ने से पहले उन्होने उसमे से पांच बीघा जमीन बेच दी थी और इससे मिले रुपये से रुद्रपुर में मकान बनाया था। उनकी पत्नी हेमवती, बेटी लीलावती, दुर्गा और पार्वती उनके साथ ही रहते थे। वही गाव की बची हुई ज़मीन हीरालाल ने बटाई पर दे दिया था।
वर्ष 2008 में लीलावती की शादी थाना शीशगढ़ के सरायखेडा निवासी नरेंद्र गंगवार से हुई थी। नरेन्द्र संपत्ति का लोभी था और गाव की बची हुई 13 बीघा ज़मीन पर उसकी नज़र गडी थी। मगर उसके रास्ते का रोड़ा उसकी दो सालिया और सास तथा ससुर थे। इस कारण उसकी ज़मीन हडपने की मंशा पूरी नही हो पा रही थी। मामले ऐसे ही चल रहा था कि अभी पिछले सप्ताह नरेन्द्र ने बटाई की ज़मीन का पैसा कुवर से माँगा जिसको ज़मीन बटाई पर दिया गया था। कुवर ने जब हीरालाल के सम्बन्ध में दरयाफ्त किया तो उसने कहा कि उनका लॉक डाउन में देहांत हो गया है और बकिया परिवार न जाने कहा चला गया है।
कुवर को नरेन्द्र पर शक हुआ और उसने ये बात हीरालाल के एक रिश्तेदार को बताया। फिर दोनों ने जब जानकारी इकठ्ठा किया तो उनको पता चला कि तहसील स्थानीय से नरेन्द्र ने हीरालाल के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन किया है। शक होने पर हीरालाल का रिश्तेदार और कुवर दोनों रुद्रपुर गए और पड़ोसियों से तफ्तीश किया जिसमे पता चला कि 16 महीनो से परिवार का कोई दिखाई नही दिया है। शक गहरा होने पर हीरालाल के रिश्तेदार ने मामले की शिकायत पुलिस से करके गुमशुदगी दर्ज करवाया।
शक के आधार पर रुद्रपुर पुलिस ने नरेंद्र को हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने 20 अप्रैल 2019 की सुबह अपने किराएदार विजय गंगवार निवासी ग्राम दमखोदा थाना देवरनिया जिला बरेली के साथ मिलकर सास, ससुर और दो सालियों की हत्या करने की बात कबूली। इसके बाद मकान के आंगन की खुदाई की गई तो हीरालाल, हेमवती, दुर्गा और पार्वती के शव बरामद किए गए। इस हत्या में नरेन्द्र और किरायदार विजय को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वही हीरालाल की बड़ी बेटी से पूछताछ चल रही है। वैसे तो वह जानकारी होने से इनकार कर रही है। मगर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लीलावती जो आरोपी की पत्नी है और हीरालाल की बेटी है उसका 16 महीनो से अपने परिवार से कोई संपर्क नही होना और इसकी शिकायत पुलिस से नही करने की हरकत उसको भी शक के घेरे में रखती है।
नरेंद्र ने पूछताछ में बताया कि रोजाना सुबह उसकी सास और साली दूध लेने जाया करते थे। इसके चलते उसने सुबह के समय ही हत्या करने की योजना बनाई थी। 20 अप्रैल 2019 की सुबह साढ़े पांच बजे उसकी सास हेमवती और साली पार्वती दूध लेने गए थे। मकान का दरवाजा खुला होने पर वह अपने साथी विजय के साथ घर में घुसा। इसके बाद उसने पहले दुर्गा और फिर हीरालाल पर डंडे से वार कर हत्या कर दी थी। थोड़ी देर में हेमवती और पार्वती घर पर आए तो उसी डंडे से उनकी भी हत्या कर दी। इसके बाद शवों को कमरे में छोड़कर बाहर से ताला लगा दिया था। 21 अप्रैल की सुबह पड़ोसियों को ससुरालियों की ओर से मकान बेचे जाने और मरम्मत करने की बात कहकर आंगन में खुदाई की, इसके बाद शवों को खोदे गए गड्ढे में डालकर ऊपर से सीमेंटेड फर्श भी बनवा दिया।
आईजी अजय रौतेला ने बताया कि करीब 16 महीने तक चार शव एक मकान में दफन रहे थे। रिश्तेदारों की तरफ से चार लोगों के गुम होने की शिकायत का त्वरित संज्ञान लेकर ट्रांजिट कैंप थाना पुलिस ने एक तरह से ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर सराहनीय कार्य किया है। उन्होने खुलासा करने वाली टीम को पांच हजार रुपये देने की घोषणा की है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने भी ढाई हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है।