’जान है तो जहान है’ के बीच ’जान’ छूटी पीछे, अब ’जहान’ की परवाह करते-करते खूब उड़ रही हैं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
जिस हिसाब से जनपद में पॉजीटिव केसों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ती हुई धज्जियों के बीच अब ’जान’ की परवाह को ’एक्ट ऑफ गॉड’ के ऊपर छोड़ दिया गया है। इसी लिए बाजार व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जो सख्ती प्रशासन द्वारा पहले दिख रही थी, वह अब है नदारद।
रॉबिन कपूर
फर्रुखाबाद : बीती 25 मार्च से लगातार चले आ रहे लॉकडाउन और उसके बाद अनलॉकडाउन के बीच वैश्विक महामारी कोरोना वारयरस (कोविड-19) से जिस तरह विकास का पहिया देश का रूक सा गया है, उसको देखते हुए अभी तक के 4 चरणों के अनलॉकडाउन के दरम्यान सरकार द्वारा कोविड प्रोटोकाल नियमों में छूट दिए जाने के धड़ाधड़ निर्णय लिय जा रहे हैं।
कोविड-19 जंग के बीच भारत सरकार ने जहां कहा था कि ’जान है तो जहान’ है और सबसे पहले ’जान’ की परवाह की जाएगी। लेकिन देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था के बीच ’जान’ पीछे छूट गया और ’जहान’ की परवाह करना शुरू कर दिया गया। इस ’जहान’ की परवाह के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की जिस तरह से धज्जियां उड़ रही है, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि जब ’जान’ ही नहीं रहेगी तो यह ’जहान’ क्या करेगा…! इस ’जहान’ की परवाह करते-करते शासन-प्रशासन द्वारा लगातार कोविड-19 जंग के बीच लोगों को कोविड नियमों में छूट दी जा रही है। जिससे समाज के बुद्धिजीवी वर्ग का एक तबका आज चिंतित भी है।
देश के साथ जिले में जिस तरह से कोविड-19 के पॉजिटिव केसों की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि आने वाले समय में यह स्थिति और भी भयावाह दिखने वाली है। बीती सांय जनपद में पॉजीटिव केसों की संख्या में 27 केसों की वृद्धि के साथ 1559 पर पहुंच गयी है। जिस हिसाब से जनपद में पॉजीटिव केसों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ती हुई धज्जियों के बीच अब ’जान’ की परवाह को ’एक्ट ऑफ गॉड’ के ऊपर छोड़ दिया गया है। इसी लिए बाजार व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जो सख्ती प्रशासन द्वारा पहले दिख रही थी, वह अब नदारद है। कोविड-19 प्रोटोकाल के पालन के लिए अब बस खाना पूर्ति की जा रही है।
आज जब कोविड-19 प्रोटोकाल के बारे में जब शहर का भ्रमण किया तो बाजार में चारों ओर सोशल डिस्टंेसिंग की धज्जियां उड़ती मिली। बहुत से लोगों ने तो मॉस्क तक नहीं लगा रखा था। दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का ठीक से पालन होता नहीं दिखा। दूसरी ओर रोडवेज स्टेशन पर बसों को पकड़ने के लिए यात्रियों को जिस तरह से धक्कामुक्की कर बसों में जगह मिल रही है, उसे देखते हुए कब कौन किससे पॉजीटिव हो जाए कहा नहीं जा सकता। रोडवेज स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए व सेनेटाइजर आदि की कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है।
वहीं तिराहे-चौराहों पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को तो अब सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए ही लगा रखा गया है, जो पूरे दिन वाहनों को बिना प्रोटोकाल का पालन कर सिर्फ चालान करने में लगे रहते हैं। कहते हैं कि किसी भी कानून की रक्षा तभी हो सकती है जब वहां की पुलिस सक्रिय हो, पुलिस की सक्रियता घटी तो कोई भी कानून का पालन नहीं हो सकता। क्योंकि कानून का पालन कराना पुलिस की पहली ड्यूटी होती है। लेकिन घुमना स्थित शहर कोतवाली के पास व लालगेट से लेकर बस अड्डे तक शहर में जिस तरह से भीड़भाड़ रहती है और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है, उसे देखते हुए पुलिस की मुस्तैदी किस तरह से है वह सब देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
वहीं, पालिका प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के दरम्यान पूरे शहर को प्रतिदिन सेनेटाइजर किया जाता था, जो अब सप्ताह में एक बार कर दिया गया है। जिससे संक्रमित होने का और भी खतरा बढ़ गया है। बताते चलें कि बीती एक सिंतबर से देश में अनलॉक का चौथा चरण शुरू हो गया है। अनलॉक-4 के तहत कहा जा सकता है देश में कुछ संस्थानों और सेक्टर को छोड़कर बाकी चीजें सामान्य हो रही है। इसी दरम्यान सूबे की योगी सरकार ने आज फैसला लिया है कि रविवार का भी लॉकडाउन खत्म कर दिया गया है। अब बाजार अपने पुराने रूटीन के अनुसार साप्ताहिक छुट्टी कर सकते हैं। जोकि अलग-अलग बाजार में अलग-अलग छुट्टी के दिन निर्धारित है।
ऐसे में बाजार में अब किसी भी दिन सन्नाटा नजर नहीं आएगा। चारो ओर ’जहान’ की परवाह करते हुए ’जान’ पीछे छूटती नजर आ रही है, जोकि कोविड-19 जंग पर भी असर डाल रहा है। जब ’जान’ ही नहीं रहेगी तो जंग जीतकर इस ’जहान’ के क्या मायने होंगें। आवाम ’एक्ट ऑफ गॉड’ के भरोसे पर छोड’ दी गयी है, इसलिए आवाम को अब पहले से ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है, हम सबकी जागरूकता ही कोविड-19 जंग में विजय दिलाएगी।