मथुरा संघर्ष जातिवादी राजनीति का परिणाम – शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद
लखनऊ : मथुरा के जवाहरबाग कांड में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह दोषी है। यह कांड जातिवादी राजनीति का परिणाम है। इस सारे मामले की सीबीआइ जांच की जानी चाहिए। यह वक्तव्य शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि जयगुरुदेव आश्रम को लेकर सख्त नजर आए। उन्होंने कहा कि जवाहर बाग कांड जातिवाद की राजनीति का नतीजा है। उन्होंने मथुरा में कहा कि जयगुरुदेव ने मथुरा आकर न केवल हिंदुओं को बहकाया, जमीनों पर कब्जे भी किए। इसके बाद ऐसा एक और व्यक्ति मथुरा में आकर जम गया।
चूंकि वह यादव था, प्रदेश में यादवों की सरकार हो गई, इसलिए उसे संरक्षण भी मिल गया। आज पत्रकारों से वार्ता में शंकराचार्य ने कहा हम जाति का नहीं, जातिवाद का विरोध करते हैं। रामवृक्ष के बारे में शंकराचार्य ने कहा ये देश को खंडित करने वाली मानसिकता के लोग हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा उज्जैन कुंभ के दौरान क्षिप्रा नदी में दलितों के साथ स्नान करना व दलितों के घर खाना खाने के मामले को उन्होंने दिखावा करार दिया। उन्होंने देश में बढ़ते प्राकृतिक असंतुलन के लिए साईं, राधास्वामी और ब्रहमकुमारी समाज को जिम्मेदार ठहराया। कहा ये अलग पंथ चला रहे हैं, जनता को गुमराह कर रहे हैं। इससे प्रकृति नाराज हो रही है।
मथुरा में दिखा सपा का असली चेहरा
मथुरा के जवाहर बाग में हिंसा के लिए भाजपा पूरी तरह प्रदेश सरकार को दोषी मानती है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि यदि सपा सरकार खुद को निर्दोष मान रही है, तो सीबीआइ जांच से क्यों भाग रही है? मथुरा में जो हुआ, वह सपा का असली चेहरा है। आज फीरोजाबाद के सिरसागंज में आए केंद्रीय मंत्री सुबह कुछ देर के लिए जलेसर रोड स्थित वाटिका रिसोर्ट में रुके। उन्होंने कहा कि जवाहर बाग में 26 लोग मारे गए। शिवपाल यादव को इससे ज्यादा और क्या सबूत चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में घनघोर बिजली संकट प्रदेश सरकार की ही देन है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनता अब समझ गई है। सपा, बसपा को छोड़ जनता अब भाजपा के पक्ष में है।
मथुरा कांड की उच्चस्तरीय जांच हो
केंद्रीय संसदीय कार्य एवं कौशल विकास उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुड़ी ने रामपुर में कहा कि मथुरा कांड उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुआ है। इसमें सरकार का नेतृत्व कर रहे लोगों के नाम आ रहे हैं। इस पूरे कांड की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। वह मीडिया से बात कर रहे थे।उन्होंने कहा कि बिहार में फिर से जंगलराज कायम हो गया है। बिहार चुनाव से पहले नारा दिया गया था कि बिहार बिहारियों के लिए है, लेकिन अब इस नारे का अर्थ बदलकर बिहार अपराधियों के लिए हो गया है। पत्रकारों की हत्याएं की जा रही हैं। इंजीनियरों का अपहरण किया जा रहा है। अपराधियों का बोलबाला है। उन्होंने केन्द्र सरकार की दो साल की उपलब्धियां गिनाईं। कहा कि एक करोड लोगों ने सब्सिडी लेना बंद कर दिया। इस कारण 14 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। गरीबों, किसानों के लिए सरकार सरकार खूब काम करा रही है। जन धन योजना का लाभ गरीबों, मजदूरों और विकलांगों को मिला है। इस योजना के तहत तेईस करोड़ खाते खुले हैं और इन खातों में तैंतीस हजार करोड़ रुपये जमा हुए हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत देश के सौ जिलों को चुना गया है और आठ हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। स्वच्छ गंगा अभियान के तहत बीस हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पड़ोसी देशों से संबंध सुधर रहे हैं। केंद्र सरकार ने 300 रुपये के एलइडी बल्ब की कीमत चालीस पचास रुपये कर दी है। इससे बिजली की खपत में 11 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। वन रेंक, वन पेंशन से सेवानिवृत्त सैनिकों को लाभ होगा। सैनिकों के सम्मान के लिए नेशनल बार मैमोरियल भी बनाया जा रहा है। श्री रुड़ी यहां विकास पर्व कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उनके साथ केंद्रीय इस्पात एवं खनन राज्यमंत्री विष्णु देव भी आए। उन्होंने भी मोदी सरकार की दो साल की उपलब्धियां गिनाईं।
मथुरा कांड की जिम्मेदारी लें सीएम
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मथुरा के जवाहरबाग कांड को लेकर प्रदेश सरकार पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में जब कल्याण सिंह पर आरोप लगे थे, तो उन्होंने पूरी जिम्मेदारी ली थी, तो रामवृक्ष मामले में अखिलेश जिम्मेदारी लेने से क्यों बच रहे हैं। उमा ने परिवारवाद को लेकर भी सवाल उठाए। कई परियोजनाओं का शिलान्यास व शुभारंभ करने झांसी आईं केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि मथुरा कांड सुनियोजित था और घटना को बढ़ावा देने में कई नामचीन चेहरे जिम्मेदार हैं। दो पुलिस अधिकारी इसकी बलि चढ़ गए, जिसका जवाब अखिलेश सरकार को देना ही होगा। रामवृक्ष व उनके गुर्गों द्वारा किए जाने वाले अत्याचार के खिलाफ स्थानीय सांसद द्वारा कई बार लिखित शिकायत की गई, लेकिन अधिकारियों को कार्यवाही करने की अनुमति नहीं मिली।