गरीबो की मदद के लिए उठे हेल्पिंग हैड के साथ शालिनी और उनकी साथियों के हाथ, गरीबो को तकसीम किया अनाज, फल और कपडे
मो0 सलीम
वाराणसी। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नही हो सकता, जरा दिल से एक पत्थर तो उछालकर देखो। शायद इसी जज्बे के साथ समाजसेवी महिला शालिनी और उनकी साथियों ने हेल्पिंग हैण्ड के ज़रिये गरीबो की मदद करने का जज्बा उठाया। जज्बा भी ऐसा कि न मदद करते हुवे कोई फोटो और न ही किसी तरीके का प्रचार। सिर्फ गरीबो के मदद हेतु अपने भरसक प्रयासों से एकत्रित किये कपडे, अनाज, फल, और छोटे बच्चो के खेलने हेतु खिलौनों के साथ पहुची गरीब मलीन बस्ती और उनको वो सभी सामान तकसीम किया।
रविवार की सुबह अक्सर ही अलसाई हुई होती है। मगर हेल्पिंग हैण्ड जैसा नाम वैसा काम के तर्ज पर इस सुबह को अपनी एक्टिविटी के नाम किया। खुद के साथियों सहित गरीबो के मंदद को लहुराबीर के पास स्थित एक मलीन बस्ती पहुचती है। मलीन बस्ती में अपनी गरीबी को समेटे ज़िन्दगी गुज़र रही थी। खुद के बीच संभ्रांत महिलाओं को देख कर पहले तो बस्ती के लोग थोडा अचरज में पड़े। मगर हेल्पिंग हैण्ड की महिलाओं ने उनके मदद के लिए अपने साथ लाये सामानों को उनके बीच जब तकसीम करना शरू किया तो खुद के आसपास ऐसे लोगो को पाकर उनके चेहरे खिल उठे।
इस सम्बन्ध में हमसे बात करते हुवे शालिनी गोस्वामी ने कहा कि ये हमारी संस्था की तरफ से एक छोटी सी कोशिश थी। मलिन बस्ती की हालत देखकर हम लोगों ने यह संकल्प किया है कि हम साल में 4 बार इस तरह के प्रोग्राम अलग-अलग बस्तियों में रखेंगे। जिससे हम बहुत तो नहीं लेकिन कुछ मदद तो इन लोगों की कर पाए। शालिनी ने बताया कि अगर थोड़ी मदद सभी करते है तो इन गरीबो के ज़िन्दगी बसर करने के तरीको में सुधार आ सकता है। हमारे इस काम में हमारे संस्था के सभी सदस्यों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया है जिससे हमारे हौसलों को और भी उड़ान मिली है। शालिनी ने कहा कि हमारे साथ आरती शर्मा, गुरप्रीत जी, दिलीप खन्ना, मनोज अग्रवाल, ज्योति झा, विमल त्रिपाठी, सुनीता सोनी, पूनम जायसवाल, शिवम, अंकिता जेटली आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम आगे भी ऐसे काम करते रहेगे। शालिनी ने कहा कि इस तरीके के कामो के बाद हमको न इनसे कभी वोट चाहिये और न ही सप्पोर्ट चाहिए। बस इनके चेहरे की एक मुस्कराहट चाहिये जो हमारी मेहनत को कामयाब करती है।