कृषि विधेयको के खिलाफ देश भर में किसानो का ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन, देखे तस्वीरे और जाने कहा कैसे हुआ प्रदर्शन

तारिक़ खान

नई दिल्ली: आज देशभर में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का आहूत भारत बंद कमोबेस सफल रहा। सबसे ज्यादा बंद का असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिला। इस दरमियान पंजाब में अमृतसर, फरीदकोट समेत कई शहरों में किसान रेलवे ट्रैक पर डेरा जमाए बैठे हैं। वही रेल मंत्रालय में कई ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने पंजाब जाने वाली 13 जोड़ी ट्रेनों को पंजाब पहुंचने से पहले ही टर्मिनेट कर दिया। इसके अलावा 14 ट्रेनों को कैंसल कर दिया है।

पंजाब में किसानों ने भारतीय किसान यूनियन और रिवॉल्यूशनरी मार्क्सिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले जालंधर में फिल्लौर के पास अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। पंजाब के अमृतसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। यहां किसान पिछले कई दिनों से कृषि बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन ने शहर के सभी क्रॉसिंग प्वाइन्ट पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। पंजाब के लुधियाना के लाडोवाल टॉल प्लाजा पर पुलिस प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे। वहां अतिरिक्त बल की तैनाती की गई थी जो बदस्तूर जारी है। ये सुरक्षा व्यवस्था किसी अनहोनी से निपटने के लिए किया गया है।

इस दौरान लुधियाना पुलिस प्रशासन ने कहा है कि किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण आंदोलन का भरोसा दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी किसानों से अपील की है कि वो राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखें और आंदोलन के दौरान भी सामाजिक दूरी का ख्याल रखें। दिल्ली से सटे नोएडा में भी किसानों का विरोध-प्रदर्शन चालू है। किसानों ने दिल्ली-नोएडा-ग्रेटर नोएडा हाईवे जामकर। इससे आवाजाही प्रभावित हुई। हालांकि, नोएडा के डीसीपी ने दावा किया है कि ट्रैफिक डायवर्ट कर देने की वजह से आम जनजीवन पर बंद का कोई असर नहीं पड़ा है।

इस दरमियान दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन समेत आज राजधानी को चारों ओर से प्रदर्शनकारी किसानों ने घेरा। नजफगढ़ के रावता गांव से करीब 15 ट्रैक्टर-ट्राली पर सवार लगभग 200 किसान राष्ट्रीय कृषि अध्यादेश के मुद्दे व अपनी मांगों को लेकर कापसहेड़ा स्थित डीसी ऑफिस का घेराव करने निकले थे। लेकिन पुलिस ने इन्हें रावता मोड़ से आगे नहीं बढ़ने दिया। पुलिस ने किसानों से कहा है कि केवल 10 लोग डीसी ऑफिस जाकर अपनी मांगे रख सकते हैं। सिर्फ दिल्ली के अंदर ही नहीं आज दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर और गाजियाबाद में, हापुड़ चुंगी, बुलंदशहर, मुरादनगर, मोदीनगर में भी किसानों ने सड़क, हाईवे आदि जाम किया।

भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र डागर की अध्यक्षता में सुबह 9 बजे से रावता गांव में आसपास के किसान जुटना शुरू हो गए थे। करीब घंटे भर की तैयारी के बाद लगभग 10 बजे किसानों ने डीसी ऑफिस की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया था। लेकिन थोड़ी दूर बढ़ने पर ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया। मौके पर वीरेंद्र डागर ने बताया कि किसान केंद्रीय कृषि अध्यादेश के मुद्दे पर व वर्षों से प्रशासन की अनदेखी का शिकार अपनी स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए डीसी ऑफिस पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं।

दिल्ली-मेरठ हाईवे को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओ ने जाम कर दिया और हाइवे पर ट्रैक्टर, ट्रालियां लाकर खड़ी कर दी। हाईवे पर बैठकर किसान हुक्का गुड़गुड़ाते नज़र आए। इस दौरान किसानों ने मोदी सरकार मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के  बागपत-बड़ौत-खेकड़ा-रमाला-टटीरी समेत विभिन्न जगहों पर भी भाकियू कार्यकर्ताओ ने चक्का जाम कर दिया है। वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

बिहार में भी हुआ जमकर विरोध

पटना में नेता विपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने किसानों के भारत बंद का समर्थन करते हुए खुद ट्रैक्टर चलाया। इस दौरान उनके बड़े भाई तेज प्रताप ट्रैक्टर के ऊपर बैठे थे। पीछे राजद कार्यकर्ताओं का हुजूम चल रहा था। बिहार के दरभंगा में राजद कार्यकर्ताओं ने भैंसों पर चढ़कर किसान बिल का विरोध किया। राजधानी पटना में बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शनकारियों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर है।

कर्नाटक में किसान एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने कर्नाटक-तमिलनाडु को जोड़ने वाली हाईवे पर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। किसान संगठनों के बंद को कांग्रेस, राजद, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, आप, टीएमसी समेत कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। देश भर के किसान कृषि बिल को वापस लेने की मांग किये।

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