कानपुर – आईटीआई की छात्रा बेचती थी गांजा, दो अन्य साथियों सहित चढ़ी पुलिस के हत्थे, एक दो नही पुरे दस किलो गांजा हुआ बरामद
आदिल अहमद
कानपुर। क्या कोई पढ़ा लिखा इंसान अपराधिक कृत्य कर सकता है। आपका जवाब हाँ में होगा। मगर हम अगर आपसे कहे कि क्या कोई पढने लिखने वाली छात्रा अवैध मादक पदार्थ की तस्करी कर सकती है तो आप शायद दांतों तले उंगलिया दबा लेंगे। मगर कानपुर में ऐसा ही हुआ। कानपुर पुलिस ने एक आईआईटी की छात्रा को दस किलो गांजे सहित गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार छात्रा का पूरा पारिवारिक इतिहास ही अवैध गांजे के कारोबार से जुडा हुआ है। उसके पिता और दादी भी अवैध गांजे के कारोबार में जेल जा चुके है। इस कड़ी में अब इस छात्रा का नाम भी जुड़ गया है।
कानपुर में बर्रा पुलिस ने शुक्रवार को 10 किलो गांजा के साथ आईटीआई छात्रा समेत तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। छात्रा की दादी से लेकर पिता भी गांजा बेचने में जेल जा चुके हैं। सीओ गोविंदनगर विकास पांडेय ने बताया कि बर्रा पुलिस ने पीले पुल से मलिकपुरम की ओर जाने वाले मार्ग से एक युवती और दो युवकों को दो बोरों के साथ पकड़ा। एक बोरे में साढ़े 10 किलो गांजा और दूसरे बोरे में 52,200 रुपये नगद मिले है। पकड़े गए आरोपी गुजैनी टिकरा कच्ची बस्ती निवासी रामचंद्र, गोविंदनगर ब्लॉक-6 निवासी हलवाई धर्मेंद्र कुमार प्रजापति और गोविंदनगर बी-ब्लॉक निवासी सोनाली हैं।
सोनाली आईटीआई कर रही है। सीओ के अनुसार युवती का पिता राजेश शर्मा ही इस गिरोह का सरगना है। पिता और दादी की तलाश की जा रही है। पुलिस को सरगना के घर में भारी मात्रा में मादक पदार्थ छिपा होने का इनपुट मिला है। थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि जल्द पूरे घर की तलाशी ली जाएगी।
अब ये तो पुलिस विवेचना और अदालत के फैसले से ही साफ़ हो पायेगा कि छात्रा खुद का कारोबार करने लगी थी, या फिर पिता और दादी के कारोबार में हाथ बटाती थी। मगर एक बात तो साफ़ है कि डिग्री के साथ लगा जेल का ठप्पा छात्रा का भविष्य चौपट कर बैठा है। परिवार में पिता गांजे कारोबार का मुख्य सरगना, दादी खुद भी गांजे के कारोबार से जुड़कर जेल जा चुकी है। ऐसे में शायद तालीम के ज़रिये ये छात्रा अपना भविष्य सुधार सकती थी। मगर उसने ऐसा किया नही।