जवाहरबाग प्रकरण- 24 मौतों का ज़िम्मेदार कथित सत्याग्रही सरगना रामवृक्ष यादव कहा गया

★कथित सत्याग्रही सरगना रामवृक्ष का नहीं कोई पता,
★भारी संख्या में अवैध असलाह बरामद, सैकडों कथित सत्याग्रही जेल भेजे
★जवाहरबाग के उपद्रवियों पर लगेगी रासुका : डीजीपी
★शासन ने जवाहर बाग कांड की जांच अलीगढ़ कमिश्रर को सौंपी

मथुरा। रवि पाल। 282 एकड़ में फैले जवाहर बाग कब्जा प्रकरण में गत दिवस हुई हिंसक भिडंत में दो पुलिस अधिकारियों सहित कुल २४ लोग मारे गये, जिनमें एक महिला भी शामिल है। जबकि दर्जनों लोग घायल हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। एसपी सिटी एवं एसएचओ की शहादत पर ब्रज में शोक का महौल व्याप्त है। इस प्रकरण में कथित सत्याग्रहियों का मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव के मारे जाने की अपुष्ट  खबर है, इस संबंध में डीजीपी से बात की गई तो उन्होंने कहा  कि हो सकता है मारा गया हो और अगर नहीं मारा गया है तो उसे अतिशीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा। पुलिस ने जवाहर बाग खाली करा लिया है। जहा से बड़ी संख्या में हथियारों का जखीरा व कारतूस बरामद किये हैं तथा सैकडों की संख्या में कथित सत्याग्रहियों को गिरफ्तार किया गया है। शासन ने मथुरा के जवाहरबाग कांड की जांच आगरा कमिश्नर आईएस प्रदीप भटनागर से जांच वापस लेकर अलीगढ़ कमिश्नर चन्द्रकांत को दी गयी है।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने आज पुलिस लाइन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि मथुरा जिले के जवाहर बाग प्रकरण में उपद्रवियों के खिलाफ एनएसए लगाई जाएगी। उनका कहना था कि जवाहरबाग अब पूरी तरह से खाली करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच कराई जाएगी कि इनकी फंडिंग कहां से हो रही थी। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों से जवाहरबाग को खाली करा लिया गया है तथा उनके पास से भारी मात्रा में हथियार आदि मिले हैं। 
प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पाण्डा, विशेष सचिव मणिशंकर मिश्रा एवं एडीजे कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा0 राकेश सिंह की उपस्थिति में उन्होंने बताया कि इस घटना में जहां एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी समेत दो पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं वहीं 22 उपद्रवी मारे गए हैं जिनमें एक महिला भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जवाहरबाग मुक्ति के इस प्रयास में 23 पुलिसकर्मी अस्पताल में भर्ती है जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें भी आई हैं। इन पुलिसकर्मियों को जवाहरबाग के कब्जाधारियों ने बड़ी बेरहमी से मारा है तथा मरा हुआ समझ कर ही छोड़ा है। उपद्रवियों के पास से 47 कट्टे, 6 राइफल एव 178 जिंदा कारतूस बरामद किये गए हैं।  इसके अलावा 15 गाडियां और 6 मोटरसाइकिल भी बरामद  हुई हैं। गाडियों के रजिस्ट्रेशन से उनके मालिकों एवं उनके रेकार्ड को देखा जाएगा। बलबा करने के आरोप में जहां 124 लोग गिरफ्तार किये गए हैं वहीं 80 पुरूषों एवं 116 महिलाओं को 151 में बंद किया गया है। कब्जेदारों के नेता रामवृक्ष यादव, चन्दन गौड़, राकेश गुप्ता के बारे में अभी सही जानकारी नही है यदि ये मारे नही गए है तो इनको गिरफ्तार किया जाएगा। घटना का पूरा विवरण देते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वास्तव में गुरूवार को जवाहरबाग खाली कराने की कोई योजना न थी तथा पुलिस पार्टी पर तब आक्रमण किया गया जब वह क्षेत्र का रैकी कर रही थी। जवाहर बाग को खाली कराने का अभियान तीन दिन बाद शुरू करना था। उन्होंने बताया कि प्रशासन का उद्देश्य जनहानि को रोकना था इसीलिए 10-15 दिन से इस पर मंथन चल रहा था किंतु गुरूवार को जिस समय पुलिस पूर्व निरीक्षण कर रही थी कब्जेदारों ने पेड़ पर चढ़कर गोलियां चलाईं, पथराव किया तथा लाठी डंडों से आक्रमण किया। इसी में दो बहादुर पुलिसकर्मी जख्मी होने के बाद शहीद हुए। इसके बाद ही पुलिस ने संयम बरतते हुए कार्रवाई की। उपद्रवियों ने जाते समय उन झोपडियों में भी आग लगा दी जिसमें गैस के सिलिन्डर तया गोला बारूद था। उनका कहना था कि आग लगने से विस्फोट हुए तथा कुछ उपद्रवी जख्मी भी हुए जिनकी बाद में मौत हो गई। 
डीजीपी ने बताया कि इन उपद्रवियों की गतिविधियों से आसपास के  लोग भी काफी दु:खी थे इसलिए जब ये भाग रहे थे तो जनता ने इनकी काफी पिटाई भी की। जो घायल हैं उनमें से लाठी डंडे से अधिक घायल हैं। 11 लोग आग से झुलसे हैं। उन्होंने कहा कि जो दो पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं उन्हें सलामी देकर आज अंतिम विदाई दी गई। उनका कहना था कि शासन उनके परिवारों की पूरी मदद करेगा। 
पूर्व में शुक्रवार को दोनों शहीद पुलिसकर्मियों को अंतिम सलामी दी गई तथा जनता की ओर से पुष्पगुच्छ से शोक प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की गई। स्वयं डीजीपी ने इन शहीदों को पुष्पगुच्छ अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी को श्रद्धांजलि देने के लिए अपार जन समूह उमड़ पड़ा था।

राज्यपाल ने मुंबई से फोन कर मुख्यमंत्री से जानकारी ली
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुंबई से फोन कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मथुरा के जवाहरबाग मामले की जानकारी ली। उन्होंने यह भी कहा है कि मामले की उचित जाँच कराकर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करके कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये। श्री नाईक ने मथुरा के जवाहरबाग मामले में अपने कर्तव्य को निभाने वाले शहीद पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी व थानाध्यक्ष संतोष यादव की गोली लगने से हुई मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा है कि इस कठिन घड़ी में सरकार सहित प्रदेश की जनता शहीद पुलिस अधिकारियों के परिवार के साथ है। उन्होंने दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना करते हुए दुखी परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रेषित की है।
शहीद पुलिस अधिकारियों के परिजनों ने ठुकरायी मदद की पेशकश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा मथुरा के जवाहरबाग में अवैध कब्जेदारों द्वारा की गयी फायरिंग में मारे गये दो पुलिसकर्मियों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने के ऐलान के बीच शहीदों के परिवार ने सहायता की पेशकश को सिरे से खारिज कर दिया है।
प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एमसी द्विवेदी के भतीजे मथुरा के पुलिस अधीक्षक (नगर) मुकुल द्विवेदी की माता श्रीमती मनोरमा द्विवेदी ने श्री यादव की पेशकश को ठुकराते हुए कहा कि उनको अपना बेटा वापस चाहिए।

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