भाजपा कार्यकर्ता द्वारा गोली कांड में एसडीएम सीओ और मौके पर मौजूद 11 पुलिस कर्मी निलम्बित, भाजपा कार्यकर्ता धीरेन्द्र की फरारी आई सवालो के घेरे में
अरविन्द यादव/ प्रमोद कुमार
बलिया. जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में गुरुवार को कोटे की दुकान के चयन के लिए खुली बैठक में एसडीएम, सीओ, एसओ व अन्य पुलिसकर्मियों के सामने भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे भी चले। इसमें छह लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस क्रम में बड़ी कार्यवाही करते हुवे एसडीएम, सीओ के अलावा मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गिरफ्त में आए आरोपी धीरेंद्र को पुलिसकर्मियों ने छोड़ दिया। कल से ही वायरल हुवे वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि मुख्य आरोपी भाजपा नेता धीरेन्द्र को पुलिस ने मौके पर पकड़ लिया था। ग्रामीणों का आरोप है कि इसके बाद उसको पुलिस ने छोड़ दिया।
इसके बाद हत्याकांड के आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। गोली मारने के बाद भगदड़ के बीच भागने का प्रयास कर रहे भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह को दूसरे पक्ष के लोगों ने लाठी-डंडा लेकर दौड़ा लिया था। तभी आचानक कई पुलिस वाले उधर दौड़ पड़े और धीरेंद्र को चारो तरफ से घेरे में ले लिया। यह देख दूसरे पक्ष के लोग वहां से हट गए लेकिन इसके बाद भी धीरेंद्र की गिरफ्तारी की बात से पुलिस का इंकार करना उसकी भूमिका को कटघरे में खड़ा कर रहा है। गांव वालों का आरोप है कि धीरेंद्र को बचाने के लिए ही पुलिस ने उसके चारो तरफ घेरा बनाया था और मौका देखते ही उसे भगा दिया गया।
ग्रामीणों के इस आरोप को निराधार भी नही कहा जा सकता है। क्योकि वायरल हो रहे वीडियो में हत्यारोपी पुलिस के गिरफ्त में दिखाई दे रहा है। इसके बाद पुलिस उसकी गिरफ़्तारी की कोशिशे करती दिखाई देती है। जिससे ये तो ज़ाहिर होता है कि पुलिस के गिरफ्त में हत्यारोपी नही है। फिर सवाल खड़ा होता है कि आखिर उसको छोड़ा किसने ?
गौरतलब हो कि रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में गुरुवार को कोटे की दुकान के चयन के लिए खुली बैठक में एसडीएम, सीओ, एसओ व अन्य पुलिसकर्मियों के सामने भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे भी चले। इसमें छह लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम, सीओ के अलावा मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
क्या बोले भाजपा विधायक
वही प्रकरण में आरोपी धीरेंद्र को बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी बताये जाने पर भाजपा विधायक का भी बयान आया है। इस पर सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि मैं भाजपा का विधायक हूं तो सारे कार्यकर्ता हमारे ही हैं। धीरेंद्र सिंह भी भाजपा कार्यकर्ता हैं तो हमारे ही हैं। घटना निंदनीय है। दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चले हैं। कोटे की दुकान के चयन के लिए खुली बैठक की प्रक्रिया ही गलत है।
मगर यदि सूत्रों के अनुसार प्राप्त जानकारी को आधार माने तो दबंग धीरेंद्र सिंह बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का दाहिना हाथ है। धीरेंद्र सिंह पहले भी कई बार अधिकारियों से अभद्रता कर चुका है। वह आर्मी से रिटायर बताया जाता है। हालांकि पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के बड़े भाई देवेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। मगर सवाल अभी भी है कि आखिर जब पुलिस वालो ने दबंग धीरेन्द्र सिंह को पकड़ लिया था तो फिर किसके इशारों पर उसको छोड़ा गया। क्या विधायक के करीबी होने के दावो ने पुलिस को उसे छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था? डीआईजी आजमगढ़ भी बलिया में कैंप कर रहे हैं. डीआईजी सुभाष चन्द्र दुबे ने कहा कि मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह समेत 8 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इस केस में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मौके पर पकड़े जाने के बाद भी मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह भाग निकला।