हवा महल बनाने में ईंट और गारे की ज़रूरत नहीं होती। भाजपा बसपा यही कर रही है। – राजेंद्र चौधरी
लखनऊ। नीलोफर बानो। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि हवा महल बनाने में ईंट गारे की जरुरत नही होती है। भाजपा और बसपा इन दिनों ऐसे ही निर्माण कार्याे में व्यस्त है। दोनो के सुर एक है पर उनके दावे अजीबो गरीब है। दोनो अपने-अपने दावे ठोंक रहे हैं। लेकिन जनता खूब समझ रही है कि इनके ख्याली पुलावों से किसी का भला नही होने वाला है। प्रदेश में समाजवादी सरकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में शानदार तरीके से विकास कार्यो को लागू कर रही है। उससे समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है।
केन्द्र में भाजपा की सरकार है लेकिन उसके दो वर्ष के शासनकाल में उसका एक भी चुनावी वादा पूरा नही हुआ है। मँहगांई बढ़ी है। गरीब की जिन्दगी दूभर हुई है। किसान बेहाल है। पहले ओलावृष्टि और अब सूखे की मार झेल रहे किसानों को भाजपा सरकार से कोई राहत नही मिल रही है। केवल उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनो से पीड़ित किसानों को मुआवजा बाँटा है। बुन्देलखण्ड में गरीबों, किसानों को मुख्यमंत्री जी ने 4 महीनों तक खाद्य सामग्री के पैकेट मुहैया कराने के आदेश दिये हैं। जिस केन्द्र सरकार ने गरीब, किसान, नौजवान सभी की उपेक्षा की हो और सिर्फ पूँजी घरानों को फायदा पहुँचाया हो, उसको प्रदेश की जनता तवज्जो देने से रही।
उन्होंने विपक्ष पर करारा प्रहार करते हुवे कहाकि बसपा का हाल तो और भी बुरा है। उत्तर प्रदेश में बसपा राज के पाँच सालो में सिर्फ लूट और झूठ का कारोबार चलता रहा है। विकास के नाम पर पार्को, स्मारको, पत्थर की प्रतिमाओं पर सरकारी खजाना लुटाया जाता रहा। इस दौरे में बसपा के विधायक और मंत्री किशोरियों और युवतियों की या तो इज्जत लूटते रहे या हत्याकांडो में संलिप्त रहे। भ्रष्टाचार चरम पर था। जनता इसको भूली नही है कि बसपा मुख्यमंत्री के सड़क पर निकलने से पहले किस तरह आम आदमी को जलालत झेलनी पड़ती थी। बसपा मुख्यमंत्री से मिलना तो दूर उनके आवास की सड़क के आसपास से गुजरना भी गुनाह में गिना जाता था।
राजेंद्र चौधरी ने कहाकि अखिलेश यादव द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही प्रदेश में लोकतंत्र की हवा में लोगो को सांस लेना मयस्सर हुआ है। उन्होंने प्रशासन को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया है। विकास की ऐसी-ऐसी जनहित की योजनांए उन्होंने लागू की जिनको लागू कराने का दबाव दूसरे राज्यों की सरकारों पर भी पड़ रहा है। जनता की श्री अखिलेश यादव तक सीधी पहुँच है। सांप्रदायिकता की आग में झुलसने से उन्होंने उत्तर प्रदेश को बचाया है। उत्तर प्रदेश की जनता ने बसपा के कुशासन और भाजपा की गुमराह करने वाली कार्यशैली दोनो को देखा है। कमोबेश कांग्रेस भी इनकी हमराह है।