क्योकि तस्वीरे बोलती है- हाल-ए-बलिया स्वास्थ्य विभाग, साहेब पर नहीं होता खबर का असर।
बेल्थरा रोड(बलिया)। अरविन्द कुमार सिंह व अनमोल आनंद। जिले में बनी ये स्वास्थ्य विभाग के सरकारी मकान जिले की व्यवस्था को बखूबी दर्शाते है कि किस प्रकार जनपद बलिया अपने आप में एक पहचान बनाये हुवा है।वैसे बलिया जनपद अपने नाम में एक गर्व रखता है,एक ऐतिहासिक जिला होने के बावजूद भी बलिया की शासन व्यवस्था क्या है हम आपको बताते है।सन् 1947 में अपना देश भारत आजाद हुवा और सबसे पहले प्राथमिकता मिली आजादी की बलिया जनपद को लेकिन आज जो जनपद की हालात है काफी शर्मनाक है।एक प्रेस सर्वे के अनुसार देखने व जानने को मिला की जगह जगह ऐनम सेंटर,प्राथमिक चिकित्सालय,प्राइमरी पाठशाला,होमियो क्लीनिक,सेवासदन,पंचायत भवन जैसे सरकारी भवनों का निर्माण तो हो गया है लेकिन उनकी जो दशा है काफी बत्तर है।ऐसे जगहों में प्रवेश करने के बाद मालुम पड़ता है की मानो हम किसी खंडहर में आगये है।एक तस्वीर से आपको हम रूबरू करवाते है।
ये तस्वीर बेल्थरा रोड के अंतर्गत अहिरौली ग्राम सभा में स्थापित ऐनम सेंटर की है जिसे देख हर व्यक्ति अंदाजा लगा सकता है की इसमे कितने स्टाफ और कितने पेसेंट आते होंगे ये बात बताने की आवश्यकता नहीं है।हाँ एक सवाल जरूर उठता है की क्या ऐसे जगहों पर ऐसे केंद्र बनाकर सिर्फ दिखा देना ही प्रशासन की जिम्मेदारी होती है या जिस कार्य हेतु यह बनाया गया है उसका भरपूर लाभ जनता को मिलना चाहिए।ना बिजली की व्यवस्था,ना पानी की व्यवस्था,ना साफ़ सफाई।अगर ऐसे भवनों को बनाने के बाद इसका लाभ न लिया जाय तो इस तरह के भवन बनाकर जनता को मुर्ख बनाने का काम करती है सरकार।चुनाव का जब सिलशिला जारी होता है तो अनेक प्रकार की व्यवस्था देने की घोषणा राज नेताओ द्वारा जनता को दी जाती है।लेकिन चुनाव के बाद क्या व्यवस्था है आप देख सकते है।हालांकि प्रेस डिपार्टमेंट हमेसा ऐसी कमियो को न्यूज़ पेपर,व शोशल मिडिया के माध्यम से प्रशासन को रूबरू करवाती है लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ता नेताओ व जिला प्रशासन को। आखिर क्यों नहीं खबर का असर होता है जिले में।
बेल्थरा रोड(बलिया)। अरविन्द कुमार सिंह व अनमोल आनंद। जिले में बनी ये स्वास्थ्य विभाग के सरकारी मकान जिले की व्यवस्था को बखूबी दर्शाते है कि किस प्रकार जनपद बलिया अपने आप में एक पहचान बनाये हुवा है।वैसे बलिया जनपद अपने नाम में एक गर्व रखता है,एक ऐतिहासिक जिला होने के बावजूद भी बलिया की शासन व्यवस्था क्या है हम आपको बताते है।सन् 1947 में अपना देश भारत आजाद हुवा और सबसे पहले प्राथमिकता मिली आजादी की बलिया जनपद को लेकिन आज जो जनपद की हालात है काफी शर्मनाक है।एक प्रेस सर्वे के अनुसार देखने व जानने को मिला की जगह जगह ऐनम सेंटर,प्राथमिक चिकित्सालय,प्राइमरी पाठशाला,होमियो क्लीनिक,सेवासदन,पंचायत भवन जैसे सरकारी भवनों का निर्माण तो हो गया है लेकिन उनकी जो दशा है काफी बत्तर है।ऐसे जगहों में प्रवेश करने के बाद मालुम पड़ता है की मानो हम किसी खंडहर में आगये है।एक तस्वीर से आपको हम रूबरू करवाते है।
ये तस्वीर बेल्थरा रोड के अंतर्गत अहिरौली ग्राम सभा में स्थापित ऐनम सेंटर की है जिसे देख हर व्यक्ति अंदाजा लगा सकता है की इसमे कितने स्टाफ और कितने पेसेंट आते होंगे ये बात बताने की आवश्यकता नहीं है।हाँ एक सवाल जरूर उठता है की क्या ऐसे जगहों पर ऐसे केंद्र बनाकर सिर्फ दिखा देना ही प्रशासन की जिम्मेदारी होती है या जिस कार्य हेतु यह बनाया गया है उसका भरपूर लाभ जनता को मिलना चाहिए।ना बिजली की व्यवस्था,ना पानी की व्यवस्था,ना साफ़ सफाई।अगर ऐसे भवनों को बनाने के बाद इसका लाभ न लिया जाय तो इस तरह के भवन बनाकर जनता को मुर्ख बनाने का काम करती है सरकार।चुनाव का जब सिलशिला जारी होता है तो अनेक प्रकार की व्यवस्था देने की घोषणा राज नेताओ द्वारा जनता को दी जाती है।लेकिन चुनाव के बाद क्या व्यवस्था है आप देख सकते है।हालांकि प्रेस डिपार्टमेंट हमेसा ऐसी कमियो को न्यूज़ पेपर,व शोशल मिडिया के माध्यम से प्रशासन को रूबरू करवाती है लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ता नेताओ व जिला प्रशासन को। आखिर क्यों नहीं खबर का असर होता है जिले में।