कानपुर – अवैध निर्माण बना सबब इस तीन मंजिला भवन गिरने का, तीन घायल मलवे से निकाले गये, राहत और बचाव कार्य जारी, देखे मौके की तस्वीरे
मो0 कुमैल
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर के कुली बाजार में एक 3 मंजिला इमारत गिरने की खबर है। ये बिल्डिंग बहुत पुरानी बताई जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस इमारत में क़रीब 15 परिवार किराए पर रहते थे। जब बिल्डिंग गिरने लगी तो वे सब भाग कर बाहर आ गए। लेकिन वहां रहने वाले तीन लोग अभी नहीं मिले हैं। उनके इमारत में दबे होने का अंदेशा है। पुलिस प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। देर रात लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम ने घटना स्थल पहुंच राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। इस दरमियान मलबे में दबे हुवे तीन लोगो को समाचार लिखे जाने तक निकाला जा चूका है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
अवैध बेसमेंट निर्माण बना घटना का कारण
घटना के बाद इस हादसे को लेकर क्षेत्र के आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। अफसर उनको समझाने में जुटे रहे। लोहा मंडी में अमित जैन की कई पुरानी बिल्डिंग हैं। इसमें एक जैन बिल्डिंग भी शामिल हैं। जिसमें सौ से अधिक लोग एक शताब्दी से अधिक समय से रह रहे हैं। सोमवार शाम करीब चार बजे बिल्डिंग का थोड़ा सा छज्जा गिर गया। लोग सतर्क हुए लेकिन उसको नजरअंदाज कर दिया। रात करीब नौ बजे बिल्डिंग के पीछे का हिस्सा भरभराकर बैठ गया।
हादसे की वजह के सम्बन्ध में जानकारी मिल रही है कि भवन के पास में ही एक अन्य भवन निर्माण का कार्य जोरो शोरो पर चल रहा है। सूत्र बताते है कि इस भवन को बिल्डर विनोद जैन बनवा रहे है। विनोद जैन के भवन में केडीए के कथित मिली भगत से बड़े बेसमेंट का अवैध तरीके से निर्माण हो रहा है। नीचे की मिटटी खाली होने के वजह से इस पुराने भवन पर असर पड़ा और भवन बैठ गया। इसी आरोप को लेकर क्षेत्र के लोगो ने आक्रोशित होकर सड़क जाम कर दिया था और जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे क्षेत्रीय नागरिको का आरोप था कि केडीए के अधिकारी और कर्मचारी इस अवैध निर्माण पर अपनी आँखे मूंदे हुवे है जिस कारण ये हादसा हुआ है।
समाचार लिखे जाने तक सड़क जाम तो लोगो ने समाप्त कर दिया है मगर देर रात तक लोग नारेबाजी कर हंगामा करते रहे थे। कमिश्नर राजशेखर, डीएम आलोक तिवारी, डीआईजी डॉ। प्रीतिंदर सिंह समेत कई थानों का फोर्स व डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। अधिकारी लोगों को समझाने के लिए काफी पसीने बहा रहे थे। कुछ आश्वासन के बाद समाचार लिखे जाने तक सड़क जाम तो खुल गया मगर लोगो का आक्रोश अभी कम नही हुआ है। पुलिस ने इलाके को चारों तरफ से घिरवा कर बैरीकेडिंग लगवा दी।
खाली कराया आसपास का इलाका
राहत-बचाव कार्य के दरमियान रात करीब साढ़े दस बजे इमारत का एक और हिस्सा गिर गया। रहत और बचाव कार्य में लगे कर्मचारी व अधिकारी इस हिस्से के गिरने से बाल-बाल बच गए। जिसके बाद पुलिस ने बिल्डिंग के आसपास के करीब बीस से पच्चीस मीटर का क्षेत्र खाली करवा दिया। किसी को भी भीतर जाने की अनुमति नहीं दी। अंधेरा होने की वजह से बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं। वही दूसरी तरफ भवन के अन्दर जाकर राहत और बचाव कार्य करना खतरे का काम भी है। भवन का शेष बचा हिस्सा कभी भी गिर सकता है।
घटना की सूचना मिलने के बाद शहर के कई सियासी शख्सियतो ने लोगो का हाल जानने के लिए मौके का मुआयना किया। इसमें महापौर प्रमिला पांडेय, विधायक अमिताभ बाजपेई समेत अन्य कई लोग शामिल था। उनके सामने भी लोगों ने आरोप लगाया कि अवैध निर्माण कराया जा रहा था। खुदाई की वजह से बिल्डिंग कमजोर हुई और ढह गई। उन्होंने जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। सियासी शख्सियतो ने उनको आश्वासन दिया है कि जो लोग इसके जिम्मेदार होंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाचार लिखे जाने तक मलबे से तीन घायलो को निकाल लिए जाने की जानकारी मिल रही है। जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राहत बचाव कार्य जारी है। कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका भी जताई जा रही है। एसडीआरएफ की टीम भी लगी है। इस घटना के सम्बन्ध में डीआईजी डॉ प्रतिन्द्र सिंह ने मीडिया में जारी किये गए बयान में जानकारी देते हुवे कहा है कि राहत और बचाव कार्य मौके पर जारी है। घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होंगे उन पर वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।