किसानो ने स्वीकार नही किया सरकार के तरफ मुहैया खाना, बोले हम अपना खाना साथ लाये है
तारिक खान
नई दिल्ली. सरकार के नुमंदो और आन्दोलनरत किसानो के बीच आज चौथे दौर की वार्ता भी कही न कही से बेनतीजा साबित हुई। इस बैठक के बाद भले ही केंद्रीय कृषि मंत्री ने बैठक को सकारात्मक बताया है मगर किसान नेताओं ने साफ़ साफ़ कहा है कि कृषि बिल के वापसी से पहले आन्दोलन खत्म करना असंभव है।
#WATCH | Delhi: Farmer leaders have food during the lunch break at Vigyan Bhawan where the talk with the government is underway. A farmer leader says, "We are not accepting food or tea offered by the government. We have brought our own food". pic.twitter.com/wYEibNwDlX
— ANI (@ANI) December 3, 2020
इस दरमियान चर्चा के बीच हुए लंच ब्रेक के दौरान किसानों ने सरकार द्वारा दिए गए लंच और चाय तक को स्वीकार नहीं किया। किसानों ने लंच के दौरान अपने साथ लाया खाना ही खाया। किसानों ने बताया, “अभी लंच ब्रेक हुआ है। सरकार ने हमें खाने और चाय का ऑफर दिया था लेकिन हमने मना कर दिया और अपने साथ ले जाए गए लंगर के खाने को ही खाया।” विज्ञान भवन के अंदर की तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे किसान अपने साथ लाए खाने को ही बांटकर खा रहे हैं।
गौरतलब हो कि प्रदर्शनकारी किसान राष्ट्रीय राजधानी से लगी सीमाओं पर डटे हैं और सरकार से नये कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनमें से ज्यादातर किसान पंजाब से हैं। इससे पहले किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि तीनों किसान कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो वे दिल्ली के रास्ते ब्लॉक कर देंगे। किसानों ने कहा है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द कर दे अन्यथा किसान दिल्ली ब्लॉक कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाए।