2 करोड़ की मालकिन मांगती थी भीख।
अजमेर। मुहम्मद अरशद। अक्सर आपने सुना होगा कि या देखा होगा कि इंसान के पास जब पैसा होता है तो वो उससे अपने शौक पूरे करने के साथ-साथ अपने जीवन-स्तार में सुधार लाने के लिए करता है। लेकिन राजस्थान के अजमेर में मामला ठीक इसके उलट है। अजमेर के नुल्ला बाजार में अकेले रहने वाली एक 70 वर्षीय महिला की मौत के बाद ऐसा खुलासा हुआ कि उसके पड़ोसी भी आश्चर्यचकित रह गए।
अपने अंतिम दिनों में पड़ोसियों की रहमोकरम पर जिंदा रहने वाली कनकलता नाम की इस महिला की जब मौत हुई तो पड़ोसियों ने आपस में पैसे इकट्ठा कर उसका अंतिम संस्कार किया। उसके बाद जब कनकलता के कमरे की तलाशी ली गई तो पड़ोसियों को वहां से 2 करोड़ रुपये के फिक्सड डिपॉजिट मिले, जिन्हें देखकर सभी आश्चर्य में पड़ गए। इन दस्तावेजों को संबंधित बैंकों को सौप दिया गया है। अभी तक इन फिक्स्ड डिपोजिट्स का कोई नॉमिनी नहीं मिला, बैंकों को इंतजार है कि कोई इन रुपयों पर क्लेम करे।
कनकलता की कोई संतान नहीं थी और पिछले वर्ष ही उसके पति की मौत हुई थी। स्थानीय निवासी राजू मिसहर ने बताया, “वह नुल्ला बाजार में एक छोटे से कमरे में एक बेसहारा लोगों की तरह रह रहती थी। उसका कमरा एक मंदिर परिसर में स्थित था।” महिला की इस स्थिति पर दया दिखाते हुए उसके पड़ोसी उसे खाना और पहनने के लिए कपड़े देते थे। एक स्थानीय निवासी बताते हैं, “उसने कभी कुछ नहीं कहा। दो साल पहले जब उसके पति बीमार हुए थे तो सरकारी अस्पताल में उनका ईलाज करवाया गया था। महिला खुद अस्पताल जाकर लाईन में खड़े होकर अपने नंबर का इंतजार करती थी।”
पड़ोसियों के अनुसार, यह दंपत्ति कई सालों से एक किराए के छोटे से कमरे में रह रहा था। पड़ोसी बताते हैं कि वे अच्छे लोग थे, कभी भी किसी को उनसे परेशानी नहीं हुई। जब दो साल पहले कनकलता के पति की मौत हुई थी तब भी लोगों ने आपस में पैसे एकत्र कर उनका अंतिम संस्कार किया था। गुरूवार को कनकलता की मौत के बाद जब मंदिर के पुजारी और पड़ोसियों ने उसका कमरा खोला तो वहां कुछ पुराने कपड़े और कुछ पुराना फर्नीचर मिला।
एक पड़ोसी ने बताया, “जब हमने एक लोहे के बक्से को खोला तो उसमें एक कोट मिला जिसके अंदर विभिन्न बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट के दस्तावेज थे और जब हमने उनकी गणना की तो यह लगभाग दो करोड़ रुपये की राशि हो गई।” पडोसियों ने इन दस्तावेजों को संबंधित बैंको के हवाले कर दिया है।
नल्ला बाजार के मुकेश जोशी ने बताया, “छत्तीसगढ़ से कनकलता का एक भतीजा, जिसे पहले कभी यहां नहीं देखा गया वो आकर खुद को महिला का एकमात्र रिश्तेदार बता रहा है। लेकिन मामला अब बैंक के हाथों में है।” भतीजा दावा कर रहा है कि वह इन रुपयों से अपने चाची, चाची की याद में एक मंदिर का निर्माण करवाएगा। पड़ोसी बताते हैं कि हमने इस शख्स उस समय भी नहीं देखा था जब दंपति अपने अंतिम दिनों में संघर्ष कर रहे थे