सपा नेत्री का आरोप- मेरी बढ़ती लोकप्रियता से खुन्नस खाये पति ने किया फ़र्ज़ी मुक़दमा

  कानपुर 30 जनवरी 2016 (मो0 नदीम व दिग्विजय सिंह) एक दोस्त को दूसरे दोस्त की शोहरत से जलते हुए तो आपने देखा होगा लेकिन एक पति को अपनी पत्नी की शोहरत से खुन्नस खाते हुए आपने बहुत कम सुना और देखा होगा ऐसा ही मामला
कई वर्षो से सपा पार्टी की सेवा कर रहे हाजी इक़बाल सोलंकी की सुपुत्री एवं सपा नेत्री उज़माँ सोलंकी के साथ घटित हुआ है। उज़्मा का आरोप है कि उनकी कानपुर शहर में बढ़ती शोहरत से खुन्नस खाकर उनके पति दानिश साबिर ने उन्हें और उनके परिवार को फ़र्ज़ी मुक़दमे में फ़साने की जी तोड़ कोशिश की है। सपा नेत्री उज़मा सोलंकी का कहना है कि उनके पति ने इस मुक़दमे में अदालत से भी झूठ बोला है।

उपरोक्त बाते आज प्रेस कान्फ्रेन्स के दौरान सपा नेत्री उज़मा सोलंकी ने अपने पति दानिश साबिर द्वारा उन पर और उनके परिवार पर लगाए गए मुकदमो के सम्बन्ध में सवालों का जवाब देते हुवे लगाये है। उज़्मा ने अपने व परिवार के ऊपर लगाये गए आरोपो को फ़र्ज़ी और बेबुनियाद बताया है। पति से विवाद के चलते पिता के साथ रह रही उज़मा सोलंकी का कहना है कि दानिश सबिर ने उन पर झूठा मुक़दमा दर्ज़ करवाया है। उज़्मा के दावो के अनुसार जून 2015 में आईसीआईसीआइ बैंक से फ़ोन आया था कि उनकी मालिकाना हक़ पर मिज लेदर,पेंचबाग़,कानपुर नाम की फर्म है जो की दानिश साबिर के पते पर है और जिसमें रुपया भी है और मेरे नाम से हस्ताक्षर की हुई चेक भी आई है जिसे देखकर उज़मा को शक हुआ तो उन्होंने तत्काल बैंक से चेक रोकने को कहा और बैंक से  चेक बुक और स्टेट्मेंट अपने पते माँगा जिसे बैंक ने देने से मना कर दिया फिर इस सम्बन्ध में  अगस्त 2015 में चकेरी थाने में दानिश सबिर और अन्य के खिलाफ उनके नाम पर फ़र्ज़ी फ़र्म चलाने फ़र्ज़ी हस्ताक्षर बनाकर चेक व सरकारी दस्तावेज़ प्रयोग करना इत्यादी के अपराध में मुकदमा दर्ज कराने की अपील की थी थाने में सुनवाई ना होने पर न्यायालय की शरण ली गई और न्यायालय के आदेश के बाद 5/04/2016 को मुकदमा थाना चकेरी  में दर्ज
 हुआ जैसे ही दानिश सबिर को पता चला कि उज़मा ने उसके खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवाया है तो उसने भी एक फ़र्ज़ी मुक़दमा बनाकर न्यायालय के आदेश से अब उसे ही मिज लेदरफ़र्म के मामले में मुक़दमा दर्ज करवाकर फ़साने की कोशिश कर रहा है। उज़्मा सोलानी ने दावा किया कि 22/02/2016 को जाजमऊ में उनके व उनके पिता और भाइयों द्वारा मारपीट एवं जान से मारने की धमकी का जो फ़र्ज़ी मामला दिखाने की
कोशिश रहा है उस दिन उनका भाई अमेरिका में था और वह स्वयं उस दिन प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेयी के पिता की तेरहवीं में उनके घर में मौजूद थी और वहा से सीधे अपने घर  गई थी। यहाँ तक कि जिस घटना की बात वादी मुकदमा जिस दिन कर रहा है उस दिन अर्थात 22 फरवरी 2016 को वह खुद बेल्जियम में था औ 2इ फरवरी को भारत वापस आया था। जिसकी पुष्टि उसके पासपोर्ट से की जा सकती है। यही नहीं उसके फ़ेसबुक अकाउंट से भी इस बात की पुष्टि की जा सकती है।
उज़्मा का कहना है ये सब मेरे मुक़दमे के बाद ही मामला क्यूँ  दिखाया जा रहा है अगर किसी को कोई संदेह हो तो उनके और  परिवार के सभी सदस्यों की  मोबाइल लोकेशन निकलवा कर जाच करवाई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके रही बात जहर वाले मामले की तो फ़ोरेंसिक लैब ने ये लिख कर दिया है कि ख़ाली सुखी डिब्बी भेजी गई है अब आप ही समझ जाओ की जब नमूना ख़ाली डिब्बा भेजा गया तो ज़हर कहाँ से निकल जाएगा उज़मा ने आरोप लगाया है दानिश ने उसके और उसके परिवार पर इसलिए फ़र्ज़ी मुक़दमे लगाए है ताकि पहले से उस पर उज़मा द्वारा लगाए गए मुकदमो को कमजोर किया जा सके
बहरहाल उनका कहना है जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता तब तक वो ये लड़ाई लड़ती रहेंगी  और उन्हें न्यायलय से इंसाफ मिलने की पूरी उम्मीद है। वही उनके दावो को आधार अगर माना जाय तो फिर यह साफ़ साफ़ पेशबंदी में मुकदमा पंजीकृत होने की बात समझ आती है। अब देखना यह है कि उज़्मा द्वारा कब तक यह लड़ाई लड़ी जाती है यह भी देखने की बात होगी की पुलिस इस प्रकरण में जाँच कहा तक करती है

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