अन्य सम्प्रदाय की युवती ने किया प्रेम विवाह, रजिस्ट्रार ने नहीं किया पंजीकरण

दादरी/गाज़ियाबाद। शीतल सिंह माया। तीन साल के प्रेम प्रसंग के बाद दादरी के मंजीत भाटी ने एक अन्य सम्प्रदाय की युवती से शादी तो कर ली, लेकिन उसका प्रमाणपत्र लेना दंपति के लिए मुसीबत बन गया है। विवाह पंजीकरण के लिए तीन महीने से भटक रहे दंपति का आरोप है कि सब रजिस्ट्रार ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि अभी तो बिसाहड़ा कांड हुआ है, अब इस शादी का प्रमाणपत्र दे दिया तो इलाके में दंगे भड़क जाएंगे। वहीं, कार्रवाई की उम्मीद में मनजीत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस मामले की शिकायत की है।

दरअसल, 21 अक्तूबर 2015 को दादरी तहसील के गांव चिटहेरा निवासी राजवीर सिंह के बेटे मंजीत ने प्रेमिका सल्लू (परिवर्तित नाम) के साथ शादी कर ली। इससे पहले इलाहाबाद स्थित कीडगंज आर्य समाज मंदिर में लड़की ने मर्जी से धर्म परिवर्तन कर अपना नाम सपना आर्य रखा और मंजीत के साथ हिंदू रीति रिवाज से शादी की। मंजीत का दावा है कि
इलाहाबाद के आर्य समाज मंदिर के पुरोहित ने उन्हें शुद्धि संस्कार प्रमाणपत्र और विवाह प्रमाण पत्र जारी कर दिया। शादी करने के बाद दोनों गांव चिटहेरा आकर रहने लगे।
नहीं मिला धर्म परिवर्तन प्रमाण पत्र

लड़की को 21 अक्तूबर 2015 को वैदिक रीति के तहत शुद्धि संस्कार आचार्य संतोष कुमार शास्त्री ने वेद मंदिर खरकौनी, प्रयाग में संपन्न कराया, लेकिन यहां से उन्हें धर्म परिवर्तन करने को लेकर कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। शादी के बाद मंजीत को विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ी तो तहसील दादरी स्थित सब रजिस्ट्रार दफ्तर में 7 जनवरी 2016 को आवेदन किया। जरूरी कागजात जमा कर प्रक्रिया पूरी कर ली गई।
कागजात देख अधिकारी को पता चला की लड़की ने धर्म परिवर्तन किया है तो उसने शादी का पंजीकरण करने से मना कर दिया। मंजीत का आरोप है कि उसे बिसाहड़ा कांड और दंगे भड़कने की बात कहकर सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा। जिला प्रशासन से गुहार लगाने के बाद अब मंजीत ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है।

2012 से चल रहा था प्रेम प्रसंग

मंजीत ने गांव में वर्ष 2012 में परचून की दुकान खोली थी। दुकान के नजदीक ही प्रेमिका का घर था। 3 अप्रैल, 13 क प्रेम प्रसंग शुरू हुआ। दोनों ने 1 अक्तूबर 2015 को शादी करने का निर्णय लिया। परिजनों को भनक लगने पर लड़की को उसकी बुआ के यहां भेज दिया, लेकिन दोनों ने इलाहाबाद में धर्म परिवर्तन करने के बाद विवाह कर लिया। मंजीत की मां बिजेंद्री देवी का कहना है कि शादी का परिजनों ने विरोध किया था। दोनों से परिवार के लोगों ने किनारा कर रखा है। आना जाना व बोल चाल भी बंद कर रखी है।

नरेंद्र सिंह जसैला, सब रजिस्ट्रार, दादरी ने कहा 

दंपति के पास धर्म परिवर्तन का प्रमाणपत्र नहीं है। उनके पास केवल शुद्धि प्रमाणपत्र मौजूद है, जिसके चलते उनके पंजीकरण नहीं किया गया है

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