कासगंज – छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर शराब माफियाओ द्वारा बंधक बना कर किया गया जानलेवा हमला, एक सिपाही शहीद, दरोगा गंभीर रूप से घायल, देखे तस्वीरे
आदिल अहमद/तारिक खान
कासगंज: उत्तर प्रदेश के कासगंज में शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए छापेमारी करने गई पुलिस को उस समय भारी पड़ गया जब शराब माफियाओं ने पूरी पुलिस टीम को ही बंधक बनाकर पिटाई कर डाली। इस जानलेवा हमले में एक सिपाही की मौत हो गई है और एक दरोगा गंभीर रूप से घायल है। मामला सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के नगला धीमर गांव का है। घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची है।
ABP गंगा के द्वारा इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। प्राप्त हो रहे समाचारों के अनुसार थाना सिधपुरा क्षेत्र के नगला धीमर गाव में शराब तस्करी की सुचना पर स्थानीय पुलिस टीम शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए छापेमारी करने गई थी। इस दरमियान शराब माफियाओं ने पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर डाला। बेख़ौफ़ शराब माफियाओं ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया। इस दरमियान हमले में एक सिपाही की मौके पर मौत होने का भी समाचार प्राप्त हो रहा है। वही एक दरोगा गंभीर रूप से घायल होने की भी बात सामने आ रही है।
मिल रहे समाचारों के अनुसार मृतक सिपाही का नाम देवेन्द्र बताया जा रहा है। वही घायल दरोगा का नाम अशोक बताया जा रहा है। वही समाचार लिखे जाने के दरमियान कासगंज के अपर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रकाश वर्मा ने सिपाही देवेंद्र की हत्या होने और दरोगा अशोक के गंभीर रूप से घायल होने की पुष्टि किया है। अपर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रकाश वर्मा भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ मौके पर मौजूद है।
वही मिल रहे समाचारों के अनुसार आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद, अलीगढ़ मंडल के आईजी पीयूष मोर्डिया कासगंज के लिए रवाना हुए हैं। कासगंज की इस घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने घटना में शामिल तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गुनाहगारों पर एनएसए के तहत कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज में शहीद पुलिसकर्मी के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए 50 लाख की आर्थिक सहायता और आश्रित को सरकारी नौकरी देने के निर्देश दिए हैं।
वही मिले समाचारों में घटनाओं को अगर गौर से देखे तो बिकारु काण्ड के तर्ज पर छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ दिखाई दे रहा है। छापेमारी करने गई टीम के एक दरोगा और सिपाही को बंधक बना कर गायब कर दिया गया था। बाद में घायल दरोगा अशोक लहुलुहान हालात में खेत में पाए गए जबकि सिपाही की लाश कही और से मिली है।सिपाही की लाश स्वास्थ्य केंद्र के पास से मिलने के समाचार प्राप्त हो रहे है।
घटना में शराब माफियाओं का आतंक और क्रूरता की कहानी घायल दरोगा और मृतक सिपाही के शरीर पर लगे ज़ख्म बता रहे है। गंभीर रूप से घायल दरोगा और मृतक सिपाही के अंडरगार्मेट्स तक खून से लथपथ थे। दरोगा की वर्दी उतरवा कर मारपीट किया गया प्रतीत हो रहा है। घटनास्थल से पुलिस टीमों को दरोगा अशोक कुमार की बाइक मिली है। इसके अलावा एक अन्य अज्ञात की बाइक भी मिली है। दरोगा की बाइक गिरी पड़ी थी। उसी के ऊपर दरोगा की वर्दी और जूते रखे थे। समझा जा रहा है कि वर्दी उतरवाकर मारपीट से पहले हमलावरों ने उन्हें अपमानित भी किया।
हौसला बुलंद शराब माफिया पहले भी कर चुके है हमले
जिले में शराब माफियाओं के हौंसले काफी बुलंद रहे हैं। शराब माफिया ही नहीं भूमाफिया भी पुलिस पार्टी पर हमले करते रहे हैं। 17 अगस्त 2019 को सिकंदरपुर वैश्य के नवाबगंज नगरिया में अवैध शराब कारोबारियों ने पुलिसपार्टी पर हमला कर दिया था और फायरिंग कर आरोपी को छुड़ा लिया था। 17 अप्रैल 2019 को पटियाली के जासमई में पुलिसपार्टी पर हमला किया था। जिसमें कई पुलिसकर्मी चोटिल हुए थे। 11 जून 2019 को भरगैन में गोतस्करों को पकडने गई पुलिस पर हमला कर दिया गया। 1 जुलाई को सहावर के दमपुरा में मुल्जिम पकडने गई पुलिस पर हमला किया गया। 22 अगस्त 2020 को गंजडुंडवारा के नूरपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा छुड़ाने गई पुलिस पर हमला किया गया।