कानपुर – वक्त नही लगता वक्त बदलने में, “ताजमहल” बनाने वाले से करोडो का अपना क़र्ज़ वसूलने को बैंक ने किया उसके फ़्लैट पर कब्ज़ा, पढ़े अनटोल्ड स्टोरी आफ इरशाद आलम

आदिल अहमद

कानपुर। कानपुर के बड़े चमड़ा व्यवसाई में गिने जाने वाले इरशाद आलम के दो फलित को आज बैंक ने अपने कब्ज़े में ले लिया है। इरशाद आलम की गिनती कानपुर के बड़े चमड़ा व्यवसाई में होती है। उन्होंने दो फिल्मो का भी निर्माण किया था। “पड़ोसन” के फ्लाप होने के बाद उन्होंने दूसरी फिल्म अपनी पत्नी के लिए “ताजमहल” बनाई थी

बैंक के क़र्ज़ में डूबे चमडा कारोबारी इरशाद आलम पर सीबीआई ने भी केस दर्ज किया था। आज बैंक आफ इंडिया ने बकाया भुगतान न करने पर फिल्म निर्माता और चमड़ा कारोबारी इरशाद आलम के स्वरूप नगर स्थित दो फ्लैटों पर कब्जा कर लिया। यह कार्यवाही सीएमएम कोर्ट के निर्देश पर की गई है। फिल्म निर्माता पर बैंक का 18 करोड़ से अधिक का बकाया था।

इनके खाते 2007 से एनपीए हो गए थे। सरफेसी एक्ट 2002 के तहत यह कार्रवाई की गई है। नौशाद लेदर फिनिशर के मालिक इरशाद आलम का स्वरूपनगर स्थित कॉनकार्ड अपार्टमेंट के दो फ्लैट, फ्लैट नंबर 703 और 806 है, जो बैंक के पास लोन के एवज में बंधक था। आज बैक के द्वारा इन दोनों फ़्लैट पर कब्ज़ा कर लिया गया है।

बताया जा रहा है कि बैंक की ओर से लोन वसूली के तमाम प्रयास के बाद भी बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा था। इसके लिए अलग-अलग फोरमों पर अपील भी की गई थी। बताया गया कि इस लोन के मामले में सीबीआई ने धोखाधड़ी के आरोप पर कार्रवाई भी की थी। बताया गया कि मामला सीएमएम कोर्ट में चल रहा था। बुधवार को कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन के सहयोग से दोनों फ्लैटों पर बैंक के अफसरों ने कब्जा लिया। दोनों फ़्लैट की कीमत करोडो में बताई जा रही है।

कब बनी ताजमहल

वर्ष 2005 में अकबर खान के निर्देशन में बनी फिल्म ताजमहल का निर्माता बनकर इरशाद आलम अचानक चर्चा में आ गया था। उस समय लगभग 50 करोड़ की लगत से बनी फिल्म ताजमहल को प्रसिद्ध निर्देशक व फ़िल्मीहस्ती अकबर खान ने निर्देशित किया था। अरबाज़ खान, कबीर बेदी और मनीषा कोईराला जैसे टॉप के तत्कालीन फ़िल्मी सितारों से सजी इस फिल्म को लेकर कानपुर में काफी चर्चा हुई।

अचानक बना था इरशाद आलम सेलिब्रेटी, पेज-3 पार्टीज की था शोभा

इरशाद आलम अचानक सेलिब्रेटी के श्रेणी में खड़ा हो चूका था। इसके बाद उसको अपने परिवार से भी उन्सियत नही बची थी और उसने अपना ठिकाना भी पारिवारिक घर से दूर स्वरुप नगर में बना लिया था। पत्नी अस्मा आलम और बेटी के साथ वह शहर के पेज-3 पार्टीज़ में नज़र आने लगा और उसकी शोभा बन गया था। इस दरमियान अपने हर कदम पर साथ देने वाले भाई और सपा नेता महताब आलम से भी दुरी बना लिया था।

वक्त नही लगा वक्त बदलने में

मगर कहते है वक्त नही लगता वक्त बदलने में, तो शायद ऐसा ही कुछ हुआ इरशाद आलम के साथ। इरशाद आलम की ताजमहल फिल्म फ्लाप रहने के बाद इरशाद आलम आर्थिक रूप से टूट चूका था। जिसके बाद उसकी पत्नी अस्मा आलम से भी उसका विवाद होने लगा। अस्मा आलम ने इरशाद के खिलाफ स्वरुप नगर थाने में दहेज़ उत्पीडन और घरेलु हिंसा का केस दर्ज करवाया था। जिसमे बाद में पुलिस ने इरशाद आलम को गिरफ्तार भी किया था।

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