तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – क्या आसिफ के मन्दिर में पानी पीने से मंदिर अपवित्र हो जाता जो उस मासूम की ऐसी बेरहम पिटाई किया – देखे वायरल वीडियो #SorryAsif
तारिक आज़मी
एक फिल्म ने किशोर दा ने एक गाना गाया था कि “नाम से क्या लेना काम देखो यारो, नाम तो होता है बदनाम देखो यारो।” शायद इस गीत के लेखक रविन्द्र जैन ने उस समय गीत लिखा था जब नाम का मतलब सिर्फ पहचान होती थी। मगर वक्त बदल गया और नाम में अब तो मज़हब की तलाश होने लगी है। आप क्या करते है इसकी पहचान पहले मज़हब जानने के आड़ होती है। ये काम बहुत आसानी से नाम कर देता है। नाम में मज़हब तलाशने वाले आपके साथ दुर्व्यवहार सिर्फ नाम के कारण कर सकते है। ऐसा ही शायद कुछ हुआ आसिफ के साथ। उस मासूम को क्या मालूम था कि मंदिर में आसिफ का पानी पीना मना है। उस समय न वो हिन्दू था और न मुसलमान। वो तो एक प्यासा था।
मगर आसिफ को सिर्फ नाम के वजह से बेरहमी से एक हट्टे कट्टे इंसान ने मारा। आखिर क्यों मारा ये आप सोच रहे होंगे। क्योकि वो आसिफ था यानी उसका नाम आसिफ था और वो मन्दिर में पानी पी रहा था। बेरहमी से अपने से उम्र में काफी छोटे और शरीर में कमज़ोर आसिफ के ऊपर श्रृंगी नंदन यादव नाम के एक पहलवान जैसे दिख रहे युवक ने अपनी बहादुरी दिखाई और उसकी जमकर पिटाई गालियाँ देते हुवे किया। यही नही उसने खुद ही अपने इन्स्टाग्राम से इस वीडियो को शेयर कर अपनी बहादुरी के चर्चे किये। वो मासूम आसिफ कहा का था ? कौन था ? इसका पता अभी तक किसी को नही है। मगर श्रृंगी नंदन यादव ने उसको सिर्फ इस कारण बेरहमी से पीट दिया क्योकि वो आसिफ था और उसने एक बड़ा जुर्म किया था मंदिर के अन्दर पानी पीने का।
This is an apology not just to you, but for the innumerable unreported instances of injustice across our country.
I'm ashamed at what our society has become and take a pledge to contribute in the struggle against these hate-filled divisive forces. pic.twitter.com/9z4ng7k3Q7
— अनुपम | Anupam (@AnupamConnects) March 13, 2021
वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया तो उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद पुलिस महकमे में हडकंप मच गया। वर्दी के अन्दर के इंसान ने अपने अन्दर की आवाज़ सुनी। वीडियो का गहराई से अध्यन किया तो मालूम चला कि वीडियो डसना इलाके का है जहा एक देवी का मंदिर है। वीडियो में आसिफ की बेरहमी से पिटाई कर रहा युवक भागलपुर के थाना संवारा स्थित गोपालपुर का रहने वाला श्रृंगी नंदन यादव है। पुलिस देर रात श्रृंगी नंदन यादव को गिरफ्तार कर लेती है और इसकी जानकारी गाज़ियाबाद पुलिस ने खुद ट्वीटर पर ट्वीट करके दिया। श्रृंगी नंदन यादव कथित रूप से हिन्दू एकता संघ नाम के संगठन का सदस्य बताया जा रहा है। पुलिस मामले में वैधानिक कार्यवाही कर रही है और पीड़ित आसिफ की भी तलाश कर रही है।
वीडियो जो वायरल हुआ है उसको देखे तो एक मजबूत कद काठी का युवक एक किशोर का हाथ पकड़ रहे है। इसके बाद वह उसका नाम पूछता है तो वह किशोर अपना नाम आसिफ बताता है। फिर वह युवक उसके बाप का नाम पूछता है और फिर पूछता है कि मंदिर में क्या कर रहा है। तो वो किशोर कहता है कि वह पानी पी रहा था। इसके बाद माँ की भद्दी गाली देकर उस किशोर को वो युवक पीटने लगता है। उसका हाथ काफी जोर से मरोड़ कर उस किशोर को ज़मीन पर गिरा देता है और लातो से उस किशोर को पीटता है।
ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और इसकी कड़ी निंदा भी हो रही है। सोशल मीडिया के यूज़र्स इस वीडियो की कड़ी निंदा कर रहे है। हैश #SorryAsif नाम से चल रहा है। आम लोगो के अलावा तेजस्वी यादव ने भी इस कृत्य की निंदा किया है। सोशल मीडिया पर इस निदा और आलोचना के आगे भी थोडा बढ़ना पड़ेगा। सोचना पड़ेगा कि आखिर कौन सी ऐसे सोच है जो आसिफ को मन्दिर में पानी पीने से रोकती है। आखिर किस सोच के लोग है जो नाम में मज़हब तलाशते है। अगर नाम में मज़हब की तलाश नफरतो को बढ़ावा दे रही है तो इंसान का नाम ही नही होना चाहिए।
एक देवी की मंदिर में इस तरीके की मारपीट करके आखिर आरोपी श्रृंगी नंदन यादव किस भगवान को खुश कर रहा है। मैंने भी कई धर्मो को समझा है। किसी प्यासे को पानी पिलाना हर एक धर्म में पुण्य का काम है। चाहे वह हिन्दू धर्म हो अथवा मुस्लिम अथवा कोई अन्य मज़हब हो। एक प्यासे को पानी पिलाने से हर मज़हब का रब खुश ही होता है। मगर आखिर किस सोच के तहत श्रृंगी नंदन यादव ने ऐसा किया। किस धर्म के भगवान को खुश करना चाहता था वो। ऐसी हरकतों से तो किसी धर्म में भगवान् खुश नही होगा। आखिर किस मुकाम पर हम आ गये है। कहा हमारी सोच आ चुकी है।
बेशक, मुझको आरोपी श्रृंगी नदन यादव पर भी उतनी ही दया आ रही है जितनी आसिफ पर आई। क्योकि श्रृंगी नंदन यादव बीमार है। उसकी सोच को समाज में फुट डालने वाले चंद मुट्ठी भर लोग बीमार कर चुके है। उसको इलाज की ज़रूरत है। साथ ही ज़रूरत है कि ऐसी कट्टरपंथी विचारों के मुखालिफ सनातन धर्म के सभ्य लोग आये और इन्सानियत का पाठ ऐसे लोगो को सिखाये। बेशक आसिफ को भी ये घटना भूल जाना चाहिए। उम्मीद करते है कि वह इस घटना को भूले न भूले मगर घटना के कारण को भूल ज़रुरु जाये। उसके दिमाग में यादे हमेशा नफरत को पैदा करेगी। और इस नफरत से किसी का भला नही होने वाला है। #SorryAsif मगर भूल जाना इसको। नफरत से किसी का भला नही हुआ है। नफरतो को पीछे छोडो और मुहब्बत तकसीम करो। आज नही कल इस आरोपी युवक को भी अपनी गलती का अहसास होगा। मगर तब तक आरोपी इतनी नफरत फैला चूका होगा कि उसको मुहब्बत की तलाश करनी पड़ेगी।