बागपत का फुरकान क्यों बना फूल सिंह
बागपत। हिमांशु। बंदूक का लाइसेंस न मिलने से नाराज एक युवक ने धर्म बदल लिया है। बागपत के रहने वाले फुरकान ने अब सर मुंडवा लिया है। अब उसने सिर पर चोटी रखनी भी शुरू कर दी है। अब वह माथे पर तिलक लगाकर खुद को फुरकान नहीं बल्कि फूल सिंह बताता है। वह चाहता है कि अब कोई उसे मुस्लिम छवि से न पहचाने, बल्कि उसे हिंदू छवि से पहचाना जाए। वहीं, बागपत के डीएम हरदेव शंकर का कहना है कि वह मामले का संज्ञान ले रहे हैं।
आरोप लगाया, मुस्लिम होने के कारण नहीं मिला लाइसेंस
फूल सिंह बने फुरकान का कहना है कि बीते छह साल से वह बंदूक के लाइसेंस के लिए अप्लाई कर रहा है, लेकिन उसके मुस्लिम होने के कारण उसे लाइसेंस नहीं दिया गया। वह केवल असलहे के लाइसेंस के लिए ये सब कर रहा है। उसका कहना है कि वह ये सब कुछ विरोध में कर रहा है क्योंकि उसे बंदूक का लाइसेंस चाहिए लेकिन पिछले छह सालों से लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है।
नौकरी के लिए चाहिए लाइसेंस
युवक का कहना है कि उसके छह बच्चे हैं। वह ई रिक्शा चलाता है लेकिन इतने में घर का गुजारा नहीं चलता। ऐसे में असलहे का लाइसेंस लेकर वह पार्ट टाइम में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करना चाहता है। लेकिन 2010 से उसे अब तक लाइसेंस नहीं दिया गया।
गुम हुई फाइल
ऐसे में उसने आरटीआई से पता किया तो मालूम पड़ा कि इस दौरान 378 लाइसेंस बनाए गए, लेकिन किसी ने उसकी फाइल को हाथ तक नहीं लगाया। पता करने पर बताया गया कि उसकी फाइल खो गई है। इसके बाद फूल सिंह ने 2014 में दोबारा आवेदन किया लेकिन इसके बाद भी कई डीएम बदल गए। अब तक उसकी फाइल अटकी पड़ी है।
लाइसेंस केे लिए ड्रामा तो नहीं
बताया जा रहा है कि सोमवार को बागपत डीएम दफ्तर पहुंचकर फुरकान ने एक शपथ त्र डीएम को दिया और कहा अगर मंगलवार को 12 बजे तक उसका लाइसेंस नहीं बनाया गया तो 12 बजकर 5 मिनट पर वह मंदिर जाकर विधिवत रूप से हिंदू बन जाएगा। हालांकि, उसने पहले भी ये दावा किया था कि वह हिंदू बन चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उसने पहले धर्म परिवर्तन किया है या वह लाइसेंस पाने के लिए ड्रामा कर रहा है।
किसे मिलेगा लाइसेंस
एक सवाल यहां उठता है कि लाइसेंस किसे दिया जाएगा। फुरकान को या फूल सिंह को, क्योंकि उसने दूसरी फाइल में फुरकान के नाम से आवेदन किया है और अब वह फूल सिंह बनने का दावा कर रहा है।
कमिश्नर ने कहा, करार्इ जाएगी जांच
मेरठ मंडल के कमिश्नर आलोक सिन्हा का कहना है कि मेरे सामने इस तरह का कोई मामला नहीं आया है, लेकिन मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया जाएगा और मामले की जांच कराई जाएगी।
डीएम बोले, मामले की जांच के बाद लिया जाएगा फैसला
वहीं, बागपत के डीएम हरदेव शंकर तिवारी का कहना है कि मेरे सामने ये मामला आया था। हाईकोर्ट के आदेश अनुसार और नियमानुसार कागजात की जांच पड़ताल की जाएगी। पूरे मामले की जांच के बाद फैसला लिया जाएगा।