क्लब संस्कृति के ”पोप” का पत्नी के सामने हुआ जूते-चप्पलों से अभिनंदन
★क्लब संस्कृति के “पोप” का पत्नी के सामने हुआ जूते-चप्पलों से अभिनंदन
★क्लब के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सदस्य की पत्नी से इश्क लड़ाना पड़ा महंगा
★पत्नी सहित डिनर पर घर बुलाकर की जबर्दस्त पिटाई और वीडियो भी बनाया
★क्लब के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सदस्य की पत्नी से इश्क लड़ाना पड़ा महंगा
★पत्नी सहित डिनर पर घर बुलाकर की जबर्दस्त पिटाई और वीडियो भी बनाया
मथुरा। रवि पाल। शहर में खुद को क्लब संस्कृति का “पोप” कहने वाले एक साड़ी व्यवसाई पर उन्हीं की लाई हुई क्लब संस्कृति तब महंगी पड़ गई जब क्लब के ही एक सदस्य ने उन्हें अपनी पत्नी से इश्क लड़ाते देख घर बुलाकर न केवल जमकर जूते-चप्पलों से अभिनंदन किया बल्कि उसकी वीडियोग्राफी भी कर ली। इस पूरे घटनाक्रम को क्लब संस्कृति के इस तथाकथित ‘पोप’ की पत्नी के सामने अंजाम दिया गया।
क्लब संस्कृति के पोप को पत्नी सहित घर बुलाकर उनका जूते-चप्पलों से अभिनंदन करने वाले सोकॉल्ड सज्जन भी बेहद प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। बताया जाता है कि राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त यह सज्जन स्वयं भी क्लब के दूसरे सदस्यों की पत्नियों से इश्क लड़ाने में माहिर हैं किंतु जब उनकी अपनी पत्नी ने वही रास्ता अपनाया तो उनके होश उड़ गए और उन्होंने बड़े सुनियोजित तरीके से पत्नी के आशिक को उसकी पत्नी सहित घर बुलाकर इश्क का सारा भूत उतार दिया।
यह भी पता लगा है कि इस दौरान क्लब संस्कृति के “पोप” उनके सामने रोते-गिड़गिड़ाते रहे और अपने ऊपर जूते-चप्पलों की बारिश किए जाने का वीडियो न बनाने की गुहार लगाते रहे लेकिन उनके कानों पर जूं नहीं रेंगी। “लीजेंड न्यूज़” पहले भी इस बात का तो कई बार खुलासा कर चुका है कि कृष्ण की नगरी के कुछ नव धनाड्य, क्लब संस्कृति की आड़ लेकर मथुरा की संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट कर रहे हैं। यह लोग आए दिन “मीटिंग” और “ईटिंग” के नाम पर एक-दूसरे के परिवारों से “चीटिंग” का खेल खेलते हैं जिसमें “वाइफ स्वैपिंग” जैसा घिनौना खेल तक शामिल है।
क्लब से ही जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस क्लबबाजी में जमकर पीने-पिलाने का दौर चलता है और उसी के बीच वह खेल शुरू हो जाता है जिसे “पेज थ्री” कल्चर कहा जाता है और जिसमें सब-कुछ जायज है। मदहोशी के दौरान परस्पर सहमति से खेले जाने वाले इस खेल में चूंकि क्लब के लगभग अधिकांश मैंबर्स शामिल होते हैं इसलिए कोई किसी का विरोध नहीं करता और सब-कुछ मूक सहमति से जारी रहता है।
सूत्रों के मुताबिक ऐसे ही खेल में शामिल राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त वृंदावन निवासी एक ख्यातिप्राप्त सज्जन को किसी तरह पता लगा कि जिस खेल का वह खुद को माहिर खिलाड़ी मानकर क्लब संस्कृति के पोप की पत्नी से इश्क लड़ा रहे हैं, उसी खेल को उनकी अपनी पत्नी उस पोप के साथ मिलकर खेल रही है।
बताया जाता है कि इस बात का पता लगते ही उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई और वह किसी तरह पोप और अपनी पत्नी के संबंधों का ठोस सबूत जुटाने में लग गए। काफी प्रयासों के बाद किसी तरह एक दिन उनके हाथ जैसे ही ठोस सबूत हाथ लगा, उन्होंने पोप और अपनी पत्नी दोनों को अहसास कराए बिना पोप को उनकी पत्नी सहित वृंदावन स्थित अपने आलीशान घर पर डिनर के लिए आमंत्रित किया।
निर्धारित समय पर जैसे ही “पोप” अपनी पत्नी के साथ उनके यहां डिनर के लिए पहुंचे, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त उक्त सज्जन ने उन्हें घर के अंदर ले जाकर पत्नी की मौजूदगी में जूते-चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले का कारण पूछे जाने पर उन्होंने बासबूत अपनी बात सामने रखी। सबूत देखते ही क्लब संस्कृति के पोप उनके सामने रोने-गिड़गिड़ाने लगे और माफी की मांग करने लगे।
इस दौरान राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सज्जन का एक खास आदमी इस पूरे घटनाक्रम का इत्मीनान के साथ वीडियो बना रहा था।
क्लब संस्कृति के पोप ने वीडियो न बनाने के लिए काफी अनुनय-विनय भी की किंतु इसका किसी पर कोई असर नहीं पड़ा। बताया जाता है कि काफी देर तक और अच्छे से सबक सिखाकर क्लब संस्कृति के पोप को जाने तो दिया गया लेकिन उनके रोने-गिड़गिड़ाने तथा अपने किए की माफी मांगने का सबूत वीडियो में कैद है ताकि वह फिर कोई ऐसी हरकत न कर सकें।
यह भी पता लगा है कि क्लब संस्कृति के यह पोप अपने समाज की भी कई संस्थाओं से जुडे हैं और उनके जिम्मेदार पदों पर हैं। इसके अलावा उद्योग-व्यापार की प्रतिष्ठित संस्थाओं के भी पदाधिकारी हैं और राजनीतिक जगत के अंदर अच्छा-खासा हस्तक्षेप रखते हैं। एक विधायक से तो उनकी घनिष्ठता पूरे जनपद को मालूम है। उक्त विधायक भी उनकी क्लब संस्कृति के मुरीद हैं।
दूसरी ओर जिन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सज्जन ने अपनी पत्नी से अंतरंग संबधों को लेकर क्लब संस्कृति के पोप का जूते-चप्पलों से अभिनंदन किया, वह भी राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों तथा उनके राष्ट्रीय स्तर वाले नेताओं से पारिवारिक संबंधों का दावा करते रहे हैं। जो भी हो, इस पूरे घटनाक्रम का रोचक लेकिन चौंकाने वाला पहलू यह है कि पिटने वाले और पीटने वाले दोनों ही तथाकथित सज्जन अपनी उम्र के 50 से ऊपर वसंत देख चुके हैं।
जाहिर है कि उनकी पत्नियां भी अधेड़ उम्र की रही होंगी लेकिन पुरानी कहावत है कि ‘हवस’ के शिकार स्त्री-पुरुषों को कुछ नहीं सूझता। वह अपनी हवस में इतने अंधे हो जाते हैं कि मान-मर्यादा भी ताक पर रखने से नहीं चूकते।
विभिन्न क्लबों से जुड़े तमाम लोग इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहते हैं कि ऐसे तत्व एक ओर जहां क्लबों को बदनाम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पारिवारिक संबंधों को भी दूषित करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
यह भी ज्ञात हुआ है कि इस घटनाक्रम के बाद विभिन्न क्लबों से जुड़े बहुत से सभ्य लोगों ने क्लबों के आयोजनों में जाना ही छोड़ दिया है ताकि किसी विवाद का हिस्सा बनने से बचे रहें।
इन लोगों का कहना है कि एक बड़ा तबका क्लबों की सदस्यता इसलिए ज्वाइन करता है कि उन्हें सामाजिक सरोकारों से जुड़ा बताया जाता है लेकिन अंदर जाने के बाद ही पता लगता है कि क्लबों के सामाजिक सरोकार कितने हैं और उनकी संस्कृति कितनी विषैली हो चुकी है। बेशक इसके लिए कुछ ऐसे खास प्रभावशाली लोग ही जिम्मेदार हैं जो पूरी क्लब संस्कृति पर हावी रहते हैं और अपने प्रभाव का हर तरह दुरुपयोग करते हैं।
इन लोगों द्वारा अपने कार्यक्रमों में उच्च अधिकारियों को भी समय-समय पर शामिल किए जाने की वजह यही है कि आसानी से कोई इनके खिलाफ उंगली न उठा सके।
इनके कुकृत्यों पर पर्दा पड़ा रहे और उनका खेल किसी न किसी रूप में चलता रहे।