अदालत के हुक्म का हुआ पालन, कोनिया की बड़ी मस्जिद का खुला ताला

तारिक आज़मी

वाराणसी। वैसे तो बचपन से सुनता आया हु कि मस्जिद अल्लाह का घर होती है। आज भी बतौर एक मुस्लिम अकीदा यही है कि मस्जिद अल्लाह का घर है। मगर बदलते हालात में फिरकापरस्त कुवतो ने मस्जिद को भी फिरको में तकसीम कर रखा है। शायद अल्लामा इकबाल इस मोआशरे के आने का ख्वाब में भी नहीं सोचे होंगे कि ऐसा भी वक्त आएगा, वरना कही भी ये शेर न लिखते कि “एक ही सफ में खड़े हो गए महमूद-ओ-अयाज़, न कोई बन्दा रहा और न कोई बन्दा नवाज़।” अब तो सफे भी फिरको के लिहाज़ से लगती है,

बहरहाल, कोनिया की बड़ी मस्जिद का आज चार साल के बाद ताला खुल गया। अदालत में चल रहे इसके इमामत के मामले में बरेलवियो ने मुकदमा जीत लिया और देवबंदी हार गये। अदालत का हुक्म आया तो एसीएम (पंचम) के हुक्म को तामील करते हुवे एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह, थाना प्रभारी निरीक्षक आदमपुर सिद्धार्थ मिश्रा पुलिस और पैरामिलिट्री फ़ोर्स के साथ मौके पर पहुचे और ताला खुलवा दिया तथा चाभी सदर परवेज़ सिद्दीकी के हवाले कर दिया। इस मौके पर मस्जिद कमेटी के सिक्रेटरी सलीम अहमद भी मौजूद रहे। वही पुलिस ने एहतियात के तौर पर मौके पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी लगा दिया है।

इसके बाद मस्जिद में 4 साल से अधिक वक्त के बाद अज़ान और नमाज़ होना शुरू हुई। तालो में बंद अल्लाह के घर में आज नमाज़ी गए। बताते चले कि वर्ष 2016 में हुवे विवाद के बाद नगर मजिस्ट्रेट के निर्देश पर मस्जिद को सील कर दिया गया था। कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद एसीपी कोतवाली प्रवीण कुमार सिंह ने आदमपुर थाना, पीएसी, पैरामिलिट्री फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और बरेलवी समुदाय के लोगों को मस्जिद में कब्जा दिलाया। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर पीएसी और पुलिस को तैनात किया गया है। एसीपी कोतवाली प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि एहतियातन आदमपुर थाना के साथ पीएसी जवानों को तैनात किया गया है।

 

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