एमबीए पास है लेडी डॉन मैडम मिज़, कारोबारियों को धमकाने के लिए चलाती थी एके-47 से गोलियां, जाने सीकर के गलियों से लेकर मैडम मिज़ बनने तक का सफ़र

तारिक आज़मी

नई दिल्ली। राजस्थान के सीकर फतेहपुर के एक गाँव अलफसर की रहने वाली अनुराधा चौधरी शुरू से ही पढ़ाई में तेज थी। अनुराधा की मां बचपन में ही गुज़र गई। पिता रामदेव सरकारी नौकरी में थे, उन्होंने अनुराधा को माँ और बाप दोनों का प्यार दिया। जवानी की दहलीज़ पर आने के बाद अनुराधा ने शेयर ट्रेडिंग करने वाले दीपक मिंज से प्रेम विवाह कर लिया था। राजस्थान विश्वविद्यालय से बीटेक करने के बाद अनुराधा ने एमबीए किया और फिर दीपक मिज़ से प्रेम विवाह कर लिया। दीपक शेयर ट्रेडिंग करता था। कुछ समय बाद अनुराधा और दीपक दोनों ट्रेडिंग करने लगे और लोगो का पैसा शेयर ट्रेड में लगवाने लगे।

अचानक धंधा चौपट होने लगा और लोगो के करोडो रूपये डूब गए। शेयर ट्रेडिंग के कारोबार में घाटा होने के बाद वह राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंद पाल के संपर्क में आई और करीब 10 साल पहले उसने बकायदा गैंग में शामिल होने का ऐलान कर दिया। आनंद पाल के रहते वह उसके बेहद नजदीक रही। कुछ ही समय में आनंदपाल की सबसे करीबी अनुराधा बन गई। लोग उसको रिवाल्वर रानी और मैडम मिज़ के नाम से जानने लगे। लेकिन 2017 में राजस्थान पुलिस ने आनंद पाल को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।

आनंदपाल के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से लेडी डॉन बनी अनुराधा ने उसके गैग का सञ्चालन करना शुरू कर दिया। अकेला पड़ने के कारण उसने करीब एक साल पहले भारत के नामी गैंगस्टर संदीप काला उर्फ़ काला जठेड़ी से हाथ मिला लिया। दोनों लिवइन में साथ रहने लगे। संदीप काला ने भी पुलिस से बचने के लिए सिख युवक का हूलिया बना लिया। कुछ दिनों में दोनों अपना ठिकाना बदल देते थे।

अनुराधा का जीवन भी किसी फ़िल्मी कहानी की तरह है। आनंदपाल से मिलने के बाद अनुराधा ने अपने पति दीपक मिज़ को छोड़ दिया। लेडी डॉन से मिलने से पूर्व आनंदपाल एकदम देसी किस्म का अपराधी था। लेकिन अनुराधा ने आनंदपाल को एकदम बदल दिया। यहां तक उसको अंग्रेजी सिखा दी। आनंद पाल भी अनुराधा का कायल हो गया। गैंग के कई महत्वपूर्ण फैसले अनुराधा करने लगी। आनंदपाल को अकसर अंग्रेजी बोलते हुए देखा जाता था। ये अनुराधा की देन थी। आनंदपाल के साथ रहते-रहते अनुराधा ने एके-47 चलाना सीख लिया। वह अक्सर कारोबारियों को धमकाने के लिए एके-47 चलाती थी।

आनंदपाल की मौत हुई तो अनुराधा लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आई और दिल्ली पहुंच गई। यहीं पर उसकी मुलाकात संदीप काला उर्फ़ काला जठेड़ी से हुई। इसके बाद संदीप काला भी अनुराधा का कायल हो गया। दोनों साथ में रहते थे। सूत्रों का कहना है कि संदीप काला उर्फ़ काला जठेड़ी को पुलिस से बचाने के लिए उसने ही उससे कहा था कि वह सरदार युवक का हूलिया बना ले और अपने विदेश भागने की खबर फैला दे। हुआ भी ऐसे ही काला ने ऐसा ही किया। पुलिस को उसकी तलाश करने में सवा साल लग गया। पुलिस के मुताबिक अनुराधा के खिलाफ राजस्थान में दर्जनभर से अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने पहले उसकी गिरफ्तारी पर पांच हजार इनाम घोषित किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया था।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *