अमेरिकन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों को हटाने के अपने फैसले को बताया दुरुस्त, कहा सवाल देश छोड़ कर भागे गनी से होना चाहिए
आदिल अहमद
डेस्क। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा पूरी तरीके से हो चूका है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी माल, मुद्रा समेट का फरार हो गए है। इस मामले में अमेरिकन राष्ट्रपति जो बाइडेन के फौजों को हटाने के फैसले की आलोचना शुरू हो गई। मगर अब इस मामले में अमेरिकन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ़ साफ़ कहा है कि उनका फैसला गलत नही था। सवाल उनसे नही बल्कि देश छोड़ कर बिना लड़े भागे अशरफ गनी से होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों को हटाने का फैसला सही है। मैं उस पर अडिग हूं। अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालने के फैसले का बचाव करते हुए बाइडेन ने कहा कि अफ़गानिस्तान को अमेरिका ने बीच मंझधार में नहीं छोड़ा । 20 साल में तीन लाख अफगानी सैनिक तैयार किए। सालों तक वहां काम किया, लेकिन वहां के राष्ट्रपति बिना लड़े ही भाग खड़े हुए। सवाल राष्ट्रपति अशरफ गनी से किए जाने चाहिए।
बाइडेन ने अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या बताया। उन्होंने माना कि अफगानिस्तान में उम्मीद से पहले बड़े बदलाव हो गए। बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए। कभी-कभी लड़ने की कोशिश किए बिना, अफगान सेना तालिबान के आगे गिर गई। यदि कुछ भी हो, तो पिछले सप्ताह के घटनाक्रम इस बात को पुष्ट करते हैं कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य भागीदारी को समाप्त करना अब सही निर्णय था।अमेरिकी सैनिक युद्ध में नहीं लड़ सकते हैं और न ही ऐसे युद्ध में मरना चाहिए कि अफगान सेनाएं अपने लिए लड़ने को तैयार नहीं हैं।
काबुल के हालात पर जो बाइडेन ने कहा कि ऐसी स्थिति को लेकर उन्हें गहरा दुख है। तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद भी महिलाओं के अधिकारों पर कदम उठाने का उन्होंने भरोसा दिया। बाइडेन ने दो टूक कहा कि तमाम आलोचनाओं के बावजूद अमेरिका सैनिकों की वापसी के फैसले पर कायम है। अमेरिकी अगुवाई में अफगानिस्तान में सैन्य दखल के दो दशकों के अंत का कोई अफसोस नहीं है।