गरीब कल्याण मेले में सरकारी अधिकारियों के बीच कोविड नियमो की उडी धज्जियां, साहब, क्या गरीबो को कोरोना से खतरा नही है
अखिला नन्द यादव
मऊ। जनपद में सरकार के निर्देश पर सभी नौ ब्लाकों में गरीब कल्याण दिवस एवं गरीब कल्याण मेला का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्रीय लोगो का जनसमूह उमड़ पड़ा और जमकर कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई गई।गरीब कल्याण मेला में जनपद के सभी विभागों द्वारा टेबल लगाकर योजनाओं से संबंधित सामानों का प्रदर्शन किया गया जिसे देखने के लिए ग्रामीण जनता टूट पड़ी।
रतनपुरा ब्लॉक परिसर भी खूब खचाखच भरा हुआ था। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ सरकार के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा थाना एवं कोतवाली में संभ्रांत व्यक्तियों के बीच बैठक कर यह संदेश पहुंचाया जा रहा है कि आगामी त्योहारों में पूर्व की तरह भीड़ ना लगे जिससे कि कोरोना गाइड लाइंस का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित हो सके और सैनिटाइजर और मास्क की समुचित व्यवस्था भी उपलब्ध होनी चाहिए। यह सही भी है और होना भी चाहिए लेकिन वहीं दूसरी तरफ गरीब कल्याण मेला का आयोजन कर जिसमें समस्त विभागों का टेबल लगवाकर सरकारी योजनाओ के नाम पर भीड़ इकट्ठा कर जनसमूह को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह सरकारी रवैया समझ से परे है।आखिर सरकार क्या साबित करना चाहती है।अब सवाल यह है कि जनता अधिकारियों के आदेशानुसार अपनी जान की सुरक्षा करें या फिर जान जोखिम में डालकर सरकारी योजनाओं को समझे और परखे।जिस काम को सरकार अब तक नहीं कर सकी वो काम आगामी चुनाव को देखते हुए शेष दिनों में पूरा करना चाहती है।