कमिश्नर साहब, दीपावली आई नज़दीक तो बारूद के ढेर पर दालमंडी को बैठाने की तैयारी में जुटे है पटाखा कारोबारी, नए नए आये चौकी इंचार्ज अजय कुमार पर बड़ी ज़िम्मेदारी

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी का दालमंडी इलाके को आने वाली दीपावली की तैयारी के मद्देनज़र एक बार फिर बारूद के ढेर पर बैठाने की तैयारी में पटाखा कारोबारी जुटे हुवे है। दूसरी तरफ इन पटाखा कारोबारियों से पुलिस के नाम पर दलाली करने वाले भी अपनी अपनी कमर जोर से कमरबंद से कस रहे है। बड़ी कमाई का मौका दीपावली जो सामने है। न खाता न बही, जो पटाखा कारोबारी कहे दलाल उसको ही बताते है सही।

गौरतलब हो कि दालमंडी के सम्भ्रान्त नागरिक और स्थानीय दुकानदार इस बात का विरोध करते रहते है कि पटाखा का कारोबार जो यहाँ चोरी चोरी चुपके चुपके दलालों की सांठ गाँठ से करते रहते है वह न हो। असल में खतरे में आम इंसानों की ज़िन्दगी ही नही पड़ती सिर्फ सांसत में आम दुकानदारों की भी जान रहती है। अभी पिछले ही वर्ष की बात है कि अरविन्द सिंह कटरे में एंटिक सजावट का सामान बेचने वाले एक युवक के दूकान पर एक कार्टून में कुछ सामान रखकर कोई ग्राहक कही चला गया था। तभी तत्कालीन एसएसपी द्वारा गठित टीम ने उस दूकान से वह कार्टून बरामद कर डाला और उसमे से लगभग 10 किलो वज़न का पटाखा निकला। दुकानदार जिसका इस पटाखे से कोई लेना देना नही था इस बात को साबित ही नही कर सकता था कि वह पटाखा उसका नही है। आखिर में उसको थाने पर रात गुजारना पड़ा। यही कारण है कि इस क्षेत्र के आम दुकानदार नही चाहते है कि पटाखा अवैध रूप से यहाँ बिके। मगर पटाखा कारोबारियों के पैसो से अपनी दीपावली मनाने वाले इस इलाके में पटाखा बिकवाते ही रहते है।

स्टाक होना शुरू हो चूका है अवैध पटाखा

सूत्रों की माने तो दीपावली नज़दीक आते ही दालमंडी इलाके में पटाखा कारोबारी अपना स्टॉक करना शुरू कर चुके है। सूत्र बताते है कि इस इलाके में सबसे बड़े पटाखा कारोबारी जो पिछले दो वर्षो से प्रशासनिक छापेमारी में अपना काफी माल गवा चुके है के द्वारा बाबतपुर में सर सैयद स्कूल के पास लगभग एक करोड़ का अवैध पटाखा स्टॉक कर चुके है। वही दुसरे गुदड़ी के पास के एक और कारोबारी ने अपना स्टॉक दालमंडी में ही छिपा रखा है। एक अन्य कारोबारी जो पिछले वर्ष भी अवैध पटाखे के साथ पकडे गये थे ने बारहा कटरे के पास अवैध पटाखे का स्टोक करना शुरू कर दिया है। हमारे सूत्र तो ये भी बताते है कि इन सबके शरणदाता के तौर पर एक सफ़ेदपोश है जिसके यहाँ गोविन्दपुरा के पास अवैध पटाखे का स्टॉक आना शुरू हो चूका है। सूत्रों की माने तो प्रशासन को मैनेज करने की ठेकेदारी लेकर दलालों ने भी अपना पंख सुखा कर फैलाना शुरू कर दिया है।

क्या रही पिछले वर्ष स्थिति

पिछले वर्ष चौक थाना प्रभारी डॉ आशुतोष तिवारी और चौकी इंचार्ज दालमंडी सौरभ पाण्डेय तथा काशीपुरा चौकी इंचार्ज स्वतंत्र सिंह ने अपना पूरा जोर लगा दिया था। हालात ऐसी थी कि इस टीम की मेहनत के कारण पटाखा कारोबारियों के बीच दहशत पहली बार कई वर्षो में देखने को मिली। मगर फिर भी तत्कालीन एसएसपी द्वारा गठित टीम ने काफी अवैध पटाखा पकड़ा था। ये पुलिस टीम कभी भी कही भी किसी भी गली से आ धमकती थी, इसका डर अवैध पटाखा कारोबारियों को था। काफी पटाखे पकडे भी गये। मगर फिर भी पेचीदा दलीलों जैसी गलियों में अवैध कारोबार फला फुला।

पिछले वर्ष का मामला कुछ अगर ध्यान जाए तो कुछ जगहों पर छापेमारी हुई मगर पुलिस को सफलता हाथ नही लगी थी। मगर पटाखे तो पिछले वर्ष बजाने के प्रतिबन्ध पर भी जमकर इस इलाके से बिके और दलालों ने जमकर चांदी काटा था। जबकि पिछले वर्ष पुलिस टीम पूरी अनुभवी थी। और एक एक गली कुचे से लेकर एक एक व्यक्ति को पहचानती थी। इसके बावजूद भी हाल आखरी दिन सामने दिखाई दिया था। तंग गलियों में देर रात तक पटाखे बिके थे।

क्या अवैध पटाखे पर लगाम लगा पायेगे एसीपी मौजूदा टीम के साथ ?

दालमंडी चौकी इंचार्ज सौरभ पाण्डेय का स्थानातरण हो चूका है। काशीपूरा चौकी इंचार्ज स्वतंत्र सिंह अब शिवपुर में कांशीराम आवास चौकी पर पोस्टेड हो चुके है। दालमंडी जैसे अतिसंवेदनशील पुलिस चौकी का प्रभार अजय कुमार को मिला है। अजय कुमार फिलहाल पुलिस लाइन से आये है और उनकी पिछली पुलिस चौकी प्रभारी की नियुक्ति भी आरोपों के घेरे में रही थी। उन आरोपों को अगर ध्यान दे तो क्या थी हकीकत और क्या था फ़साना के तर्ज पर ही हम बात कर सकते है। दो दिन पूर्व ही चौकी संभालने वाले अजय कुमार से मुलकात का सिलसिला लोगो का जारी हो चूका है।

हम यहाँ नए चौकी इंचार्ज की नियत पर कोई सवाल नही उठा रहे है और न ही कार्यशैली पर कोई संदेह व्यक्त कर रहे है। अभी तो उनको पता ही नही है कि कौन उनका नाम बड़ी कीमत पर भुनायेगा जो आज उनको मिठाई खिला रहा था, तो कौन उनके नाम पर अपना उल्लू सीधा करेगा। पुराना समय गुज़र चूका है, जब एक चार्ज में रहने वाले से दूसरा नया चार्ज लेने वाला उसके अनुभवों को समझता था और क्षेत्र की जानकारी लेता था। अब ये सब शायद महकमे के लिए ओल्ड फैशन की बाते ही चुकी है। शायद यही कारण है कि नए चौकी इंचार्ज के पदभार ग्रहण करते ही दालमंडी में जुआ शुरू हो गया है।

हमारे सूत्र बताते है कि इलाके का एक पुराना सटोरिया जो वर्त्तमान प्रभारी निरीक्षक डॉ आशुतोष तिवारी और दालमंडी चौकी इंचार्ज के खौफ से अपना काला कारोबार बंद कर चूका था ने दुबारा पीपल तले शिया मस्जिद के पास से अपना कारोबार पेचीदा दलीलों जैसी गलियों में शुरू कर दिया है। सूत्रों की माने तो चौकी इंचार्ज साहब के हमराही की भूमिका भी संदिग्ध नज़र आती है। शायद ये बेखौफी थाना प्रभारी निरीक्षक के ट्रेनिंग में रहने के कारण ही होगी, अन्यथा दो वर्षो से ऐसे हिमाकत करने की जुर्रत किसी में नही थी।

अब देखना होगा कि नए नए आये दालमंडी चौकी इंचार्ज इस इलाके को कब तक समझते है। अति संवेदनशील इस इलाके में जब से डॉ आशुतोष तिवारी बतौर प्रभारी निरीक्षक आये है तब से इस इलाके में कोई बड़ा अपराध नही हुआ है। छोटे मोटे अपराधो की गिनती भी काफी कम है।शायद ये उनकी ही उपलब्धि है कि कई अपराधिक गैंग होने के बावजूद भी कोई अप्रिय घटना नही घटी है। नए दालमंडी चौकी इंचार्ज को दालमंडी भी अभी समझना होगा और दालमंडी के खुद को बड़े संपर्क रखने वाले लोगो की मिठाई भी समझनी होगी। क्योकि दालमंडी के पुराने अपराधिक गैंग एक बार फिर सर उठाने की तैयारी में लग चुके है ऐसा हमारे सूत्र बता रहे है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *