आगरा- ओवरलोडिंग का पकड़ आया नया खेल फर्जीवाड़े का

आगरा। शीतल सिंह “माया”। ट्रैफिक पुलिस से बचने को लोडिंग वाहन चालकों ने नया तरीका ढूंढ लिया है। फर्जी चालान पर्ची बनाकर आंखों में धूल झोंक रहे वाहन स्वामियों का खेल शुक्रवार शाम को टीएसआइ ने पकड़ लिया। ट्रैफिक पुलिस ने टाटा एस को सीज करने के साथ-साथ चालक और वाहन स्वामी के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा दर्ज करा दिया।

टीएसआइ आरएन उत्तम शुक्रवार शाम छह बजे सुल्तानगंज चौराहे पर ट्रैफिक संचालित कर रहे थे। इसी बीच एक टाटा एस चालक ने चौराहे पर बीच में गाड़ी रोक दी। टीएसआइ ने उसे रोककर गाड़ी के पेपर मांगे। चालक ने उन्हें चालान पर्ची हाथ में दे दी। टीएसआइ ने गौर से देखा, तो पूरा मामला समझ में आ गया। वे चालक को पकड़ते, इससे पहले ही वह गाड़ी लेकर भाग गया। थोड़ी देर बाद वह किसी दूसरे व्यक्ति को लेकर वहां पहुंचा और अपनी चालान पर्ची वापस मांगने लगा। टीएसआइ ने उसकी चालान पर्ची को फर्जी बताया, तभी वह गाड़ी को छोड़कर भाग निकला।

पुलिस ने गाड़ी के नंबर से डिटेल निकलवाई, तो उसकी फिटनेस मार्च 2015 में ही खत्म हो चुकी थी। टीएसआइ ने चालक के साथ आए युवक को पकड़ लिया। गाड़ी को सीज कर क्रेन से थाने लाया गया। देर रात इस संबंध में टीएसआइ ने तहरीर दे दी। एसपी ट्रैफिक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। अभी मामले की जांच की जा रही है कि इसमें कौन लोग शामिल हैं? किसने यह फर्जी चालान बुक तैयार की?

कुछ ऐसे आया पकड़ में खेल
चालान पर्ची पर इंश्योरेंस की समाप्ति की तिथि 31 जून 2016 लिखी थी, जबकि जून तीस दिन का महीना है। सात फरवरी को चालान करने वाले अधिकारी टीएसआइ शोभनाथ यादव के नाम की मुहर लगी थी, जबकि इस नाम के कोई टीएसआइ आगरा में नहीं हैं।

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