नहीं रहा भारत का वीर लाल
तारिक़ आज़मी की कलम से।
डॉक्टरों की लाख कोशिशों और देश के सभी लोगों की प्रार्थनाओं के बावजूद सियाचिन के बर्फ में मौत को मात देने वाले जांबाज़ जवान हनुमंथप्पा को नहीं बचाया जा सका। हनुमंथप्पा ने दिल्ली के आर्मी अस्पताल में गुरुवार को दोपहर 11.45 बजे आखिरी सांस ली। सियाचिन के बर्फ से निकाले जाने के बाद हनुमंथप्पा का इलाज दिल्ली के आर्मी अस्पताल में चल रहा था। इस वीर की मौत एक साथ कई अंगों के काम नहीं करने की वजह से हुई। आपको बता दें कि हनुमंथप्पा मौत को मात देकर 6 दिन तक सियाचिन में बर्फ की चट्टान में दबे रहने के बाद जिंदा निकले थे।
हनुमंथप्पा के चमत्कारिक तौर पर ज़िंदा बच जाने के बाद उनका सघंन इलाज हुआ, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा पाने में नाकाम रहे। हनुमंथप्पा की शहादत के साथ ही पूरा देश ग़म में डूब गया है, क्योंकि उनकी ज़िदगी के लिए सारा देश दुआ मांग रहा था। कही नमाज़ पढ़ी जा रही थी तो कहीं हवन किया जा रहा था। पत्नी और मां ने प्रार्थना की। नेताओं, अभिनेताओं और कलाकारों सभी ने उनकी ज़िंदगी के लिए दुआएं मांगी, लेकिन वे सबको मायूस करके चले गए। लोगों को उम्मीद थी कि जिस चमत्कारिक तरीके से वो बर्फ की चट्टान से ज़िंदा निकले थे, मौत से लड़े थे, एक बार फिर मौत को मात दे देंगे, लेकिन अफसोस ये जांबाज़ इस बार लड़ते-लड़ते मौत से हार गया। उनकी बहादुरी को पूरा भारत सलाम करता है। उनके निधन पर परमवीर वीर चक्र विजेता बाना सिंह ने कहा कि हनुमंथप्पा हमेशा ज़िंदा रहेंगे। हनुमंथप्पा के निधन पर अभिनेता अनुपमखेर ने कहा कि जिस बहादुरी के साथ हनुमंथप्पा ने बर्फ के भीतर 6 दिन लड़ा, लोगों की उस बहादूरी को सलाम करेंगे।
हनुमंथप्पा के चमत्कारिक तौर पर ज़िंदा बच जाने के बाद उनका सघंन इलाज हुआ, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा पाने में नाकाम रहे। हनुमंथप्पा की शहादत के साथ ही पूरा देश ग़म में डूब गया है, क्योंकि उनकी ज़िदगी के लिए सारा देश दुआ मांग रहा था। कही नमाज़ पढ़ी जा रही थी तो कहीं हवन किया जा रहा था। पत्नी और मां ने प्रार्थना की। नेताओं, अभिनेताओं और कलाकारों सभी ने उनकी ज़िंदगी के लिए दुआएं मांगी, लेकिन वे सबको मायूस करके चले गए। लोगों को उम्मीद थी कि जिस चमत्कारिक तरीके से वो बर्फ की चट्टान से ज़िंदा निकले थे, मौत से लड़े थे, एक बार फिर मौत को मात दे देंगे, लेकिन अफसोस ये जांबाज़ इस बार लड़ते-लड़ते मौत से हार गया। उनकी बहादुरी को पूरा भारत सलाम करता है। उनके निधन पर परमवीर वीर चक्र विजेता बाना सिंह ने कहा कि हनुमंथप्पा हमेशा ज़िंदा रहेंगे। हनुमंथप्पा के निधन पर अभिनेता अनुपमखेर ने कहा कि जिस बहादुरी के साथ हनुमंथप्पा ने बर्फ के भीतर 6 दिन लड़ा, लोगों की उस बहादूरी को सलाम करेंगे।
है. लांस नायक हनुमंथप्पा 3 फरवरी को अपने 9 साथियों के साथ बर्फ के तूफान की चपेटमें आ गए थे.वीर जवान हनुमंथप्पा की सलामती के लिए उठे दुआ भरे हाथ इस हादसे में उनके सभी 9 साथी शहीद होगए हैं. हनुमंथप्पा के बर्फ की कब्र से निकल जाने की घटना को चमत्कार ही माना जा रहा है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि उनके साहस और धैर्य के साथ ही उन्हें मिली सटीक ट्रेनिंग ने उनकी जान बचाई थी. माना जा रहा है कि विषेश रूप से योग की क्रियाओं के अभ्यास से कम हवा में भी सांस लेना संभव हुआ.
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