बुलंदशहर की लेडी सिंघम के बाद अब ड्रीम गर्ल ने किया मीडियाकर्मियो से बदसलूकी

मथुरा। शीतल सिंह “माया”। अभी बुलंदशहर की लेडी सिंघम का प्रकरण ठंडा नहीं हुआ था कि आज वृन्दावन में मंदिर के उद्घाटन समाहरोह में मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने बबाल मचा दिया और बन गयी दूसरी लेडी सिंघम। पूरा मामला मीडिया कर्मी के साथ हुई बदसलूकी का है। बीजेपी की मथुरा से सांसद हेमा मालिनी और उनके गार्डों ने की आज मीडिया कर्मी से बदसलूकी, बदसलूकी भी ऐसी की हेमामालिनी ने अपने सुरक्षा कर्मियों और बाउंसर से मीडिया कर्मी को धक्के देकर बाहर निकालने को कह दिया।

बता दें कि इन दिनों मीडिया कर्मियों के साथ लगातार बदसलूकी बढ़ती जा रही है। अभी हाल ही में बुलंदशहर की डीएम बी.चन्द्रकला द्वारा मीडिया कर्मी के साथ अभद्र भाषा का मामला अभी थमा नहीं था कि एक और वृन्दावन में एक मंदिर के उद्धघाटन समाहरोह के दौरान सांसद हेमा मालिनी और उनके गार्ड द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आ गया। कर्मी को मंदिर उद्घाटन के दौरान बाहर निकलने को कहा गया और उसे वहां से बाहर भेज दिया गया। हेमा मालिनी की बौखलाहट से जाहिर होता है कि उनके सर पर भी सत्ता का नशा चढ़ गया है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

2 thoughts on “बुलंदशहर की लेडी सिंघम के बाद अब ड्रीम गर्ल ने किया मीडियाकर्मियो से बदसलूकी”

  1. मीडिया के दलालीकरण के नतीजे-इमरान नियाजी

    मीडीया/पत्रकारिता यानी एक ऐसा स्तम्भ जो इन्साफ, कमजोर, गरीबों की आवाज बुलन्द करता हो, जो सच को सबके सामने लाता हो , सच्चाई और इन्साफ की वकालत करता हो। एक जमाना था जब पत्रकार सच्चाई उजागर करते थे, कमजोर और गरीबों के हक की आवाज उठाते थे, इन्साफ की वकालत करते थे। सच्चे और निस्वार्थ पत्रकार की लड़ाई ही मौजूदा सरकार से रहती थी। हमें अच्छी तरह याद है कि 70 के दशक में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में ‘‘ भ्रष्ट लोगों की दुनिया ’’ नाम से एक साप्ताहिक अखबार प्रकाशित होता था, इसके प्रकाशक व सम्पादक थे श्री राजपाल सिंह राणा। राजपाल सिंह राणा एक ऐसा नाम जिसकी परछाई से भी भ्रष्ट कांप उठते थे। उस समय अगर कोई पत्रकार किसी सरकारी दफ्तर की तरफ से गुजर जाता तो पूरे कार्यालय में सन्नाटा छा जाता था। अफसर हो या कर्मचारी सब राइट टाइम दिखाई पड़ते थे। लेकिन आज पत्रकार महोदय बीच में बैठकर लेनदेन कराते दिखाई पड़ते हैं, ऐसे ही पत्रकार अफसरों कर्मचारियों और नेताओं को असली लगते हैं और जो दलाली नहीं करते वे सब फर्जी। जो दलाली नहीं करते उनसे अफसरान कहते हैं कि हमने तो कभी देखा नहीं। ………………………………………..
    http://avnn.in/sampaikiye.php?id=398#.Vq-AItJ94rg

  2. धरना, प्रदर्शन ज्ञापन दे देने से कुछ नहीं होगा

    बरेली- दो दशक से देखा जा रहा है कि मीडिया कर्मियों पर हमलों की तादाद में इजाफा हुआ है। कोई थप्पड़ मार देता है तो कोई गालियां सुना देता है जिसका जब मन चाहा झूठे मुकदमे लाद दिये, यहां तककि अब तो हद हो गयी कि पत्रकारों को कत्ल किया जाने लगा। अब वक्त आ गया यह समझने का कि मीडिया पर हमले क्यों बढ़ते जा रहे हैं, क्यों मीडिया इतनी कमजोर हो गयी कि जो नेता मीडिया से घबराया करते थे वे मीडिया पर हमलावर हो गये? पत्रकारों को अपना खोया हुआ मान सम्मान दुबारा हासिल करने के लिए अपनी सोच बदलनी होगी, दलाली ओर चमचागीरी छोड़नी होगी, बड़े छोटे, असली फर्जी, ऊंच नीच, हिन्दू मुस्लिम का भेदभाव मिटाकर एक जुट होकर नेताओं, अफसरों, की कवरेज, कान्फ्रेंस, आदि बन्द करके हर मामले हकीकत खोजकर हकीकत को ही पेश करना होगा, अपराधिक मामलों में पुलिसिया कहानी को ही पेश करने की बजाये खुद मामले की जांच करके पेश करनी होगी, कुल मिलाकर पत्रकारों को पत्रकार बनना होगा, पूरी तरह से निगेटिव मुद्रा में आना होगा, तब ही कुछ वजूद बच सकता है सिर्फ संगठन बनाने, ज्ञापन देने धरना प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होने वाला। हमारे कुछ साथियों का कहना है कि हम लाला (अखबारध्चैनल के मालिक) की नोकरी कर रहे है तो जो वे चाहते हैं वेसा ही लिखते हैं इसपर हमारा कहना है कि लाला की दुकान हमसे चलती है हम लाला की दुकान से नहीं चलते, इसलिए हम सिर्फ सच्चाई ही पेश करें, सोचिये अगर सभी पत्रकार बन्धु एक राय हो जाये तो लाला की दुकान कैसे चलेगी। धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन, घेराव, वगैरा से कुछ हासिल होने वाला नहीं। इसलिए सीधा रास्ता पकड़कर सरकार, खददरधारियों, अफसरान को टोटल बायकाट करना होगा। साथ ही कुछ कथित बेनरों में रिपोर्टिंग करने वालों को खुद को बड़ा और असली और को फर्जी बताने की बीमारी अपने अन्दर से निकालनी होगी।

    आपका भाई
    इमरान नियाजी
    अन्याय विवेचक स0पत्र,
    https://avnn.in,
    https://anyayvivechak.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *