सावधान! अगर आप पुरुष है तो इन मंदिरों में आपका प्रवेश है प्रतिबंधित, सिर्फ महिलाओं को है प्रवेश का अधिकार है

                            शीतल सिंह “माया”

शन‌ि धाम श‌िंगणापुर में चबूतरे पर चढ़कर शन‌ि महाराज की पूजा को लेकर इन द‌िनों म‌ह‌िलाओं और ट्रस्ट के बीच व‌िवाद छ‌िड़ा हुआ है। लेक‌िन सवाल स‌िर्फ शन‌ि धाम को लेकर नहीं है क्योंक‌ि भारत में और भी कई मंद‌िर हैं जहां मह‌िलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं है। इनमें केरल का पद्मनाभ मंद‌िर, पुष्कर और ह‌‌र‌ियाणा में स्‍थ‌ित कार्त‌िकेय मं‌द‌िर सह‌ित करीब एक दर्जन मंद‌िर ऐसे हैं जहां क‌िसी न क‌िसी कारण से मह‌िलाओं को मंद‌िर में प्रवेश और पूजा से वंच‌ित क‌िया गया है।लेक‌िन सवाल उठता है ईश्वर के दरबार में ल‌िंग भेद का क्या कारण है।

गीता में भगवान श्री कृष्‍ण कहते हैं क‌ि संसार प्रक‌ृत‌ि यानी स्‍त्री स्वरूप है और वह मात्र एक पुरुष हैं। प्रकृत‌ि में वही ब‌ीजारोपण करते हैं। मीरा ने भी इस बात को दोहराया था जब उन्हें एक मंद‌िर में प्रवेश करने से पुजारी ने रोका था। मीरा ने पुजारी के रोकने पर कहा था क‌ि इस मंद‌िर में श्रीकृष्‍ण के अलावा दूसरा पुरुष कौन है, श्रीकृष्‍ण के मंद‌िर में तो ‌ब‌िना स्‍त्री हुए प्रवेश ही नहीं क‌िया जा सकता है।

ल‌िंग के आधार पर मंद‌िरों में प्रवेश को लेकर व‌िवाद आज का नहीं है यह वर्षो से चला आ रहा है। लेक‌िन ऐसा नहीं है क‌ि मंद‌िरों में प्रवेश से ल‌िंग के आधार पर स‌िर्फ मह‌िलाओं को रोका जाता है। भारत के कुछ मंद‌िर ऐसे भी हैं ज‌िनमें मह‌िलाओं को तो प्रवेश और पूजा की इजाजत है लेक‌िन पुरुषों को प्रवेश और पूजा की इजाजत नहीं है।

राजस्‍थान के पुष्कर तीर्थ में ब्रह्मा जी की पत्नी देवी साव‌ित्री का एक मंद‌िर है जो रत्नाग‌िरी पर्वत पर स्‍थ‌ित है। इस मंद‌िर में ‌स‌िर्फ मह‌िलाओं को प्रवेश का अध‌िकार प्राप्त है और वही माता की गोद भराई करते हैं। पुरूषों को मंद‌िर में प्रवेश का अध‌िकार नहीं है।

ब्रह्मा जी ने पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर ली थी ज‌िससे नाराज होकर देवी ने ब्रह्मा जी को पुष्कर में शाप द‌िया था और बाद में रत्नाग‌िरी पर बस गई थी। इसल‌िए यहां पर देवी के मंद‌िर में पुरुषों को प्रवेश की इजाजत नहीं है।

साव‌ित्री देवी के अलावा आंध्रप्रदेश के व‌िशाखापत्तनम स्‍थ‌ित कामख्या देवी का मंद‌िर भी ऐसा है जहां स‌िर्फ मह‌िलाओं को पूजा का अध‌िकार प्राप्त है। इस मंद‌िर में पुजारी भी स्‍त्री है।

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के शहर सकलडीहा में एक मंदिर है। मंद‌िर करीब 120 साल पुराना माना जाता है। यह मंद‌िर संत श्रीपथ की याद में यह मंदिर स्थापित हुआ था। ऐसी मान्यता है क‌ि इस मंद‌िर जब कभी भी कोई पुरुष प्रवेश करता है उसका कुछ न कुछ बुरा जरुर होता है। उस व्यक्‍त‌ि की क‌िस्मत ब‌िगड़ जाती है। इसल‌िए पर‌िवार की म‌ह‌िला के साथ कोई पुरुष आता भी है तो मंद‌िर के बाहर ही रहता है अंदर प्रवेश नहीं करता है।

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