अन्ना आंदोलन की सिरमौर रही संध्या सिंह अपने ही जिले में न्याय के लिए भटक रही दरबदर

आजमगढ़। डॉ अशोक चौहान। कभी लोकपाल की मांग के लिए आजमगढ़ जिले से अन्ना हजारे के आंदोलन की सिरमौर रही संध्या सिंह आज कतिपय दबंगो के द्वारा भूमि हड़पने के सन्दर्भ में खुद ही दर बदर भटक रही है। न्याय की उम्मीद में क्या जिला प्रशासन, क्या सचिवालय, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति इत्यादि से न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक गई और अंततोगत्वा: आमरण अनशन के लिए बाध्य हुई।

पीड़िता के आरोपो के अनुसार आजमगढ़ जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एकछत्र राज कर रहे बजरंग त्रिपाठी जिनके ऊपर एक से बड़कर एक आरोप है। जिनके लिए कानून भी मायने नहीं रखता | इसी क्रम में 26 जनवरी लगभग 2 बजे दिन में बजरंग त्रिपाठी और उनके लोगो ने प्रशासन के स्थगन आदेश के बावजूद भी जबरदस्ती गावँ किसानो, ग्रामीणों की भूमि को कब्ज़ा करने लगे जो अब तक जारी है। संध्या सिंह ने बजरंग त्रिपाठी पर कई संगीन आरोप लगाये है। जिसकी प्रतिक्रिया में बजरंग त्रिपाठी और उनके लोगो ने भी संध्या सिंह पर अवैध वसूली और कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाये है। संध्या सिंह ने कहा की जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता तब तक डी.एम कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठी रहूँगी चाहे इस हक़ की लड़ाई में मेरी जान ही क्यों न चली जाए। इस अनशन से जिले के साथ सूबे की सियासत गर्माने वाली है देखने का विषय होगा की अन्ना आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाली संध्या सिंह व अन्य इस मामले सामाजिक संगठन क्या भूमिका निभाते है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *